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स्पेशल रिपोर्ट: बूंदी में सामने आ रहे डेंगू मरीज..अस्पताल में लगी रोगियों की लंबी कतारें

बूंदी जिले में मौसम के बदलाव के बाद ही मौसमी बीमारियों का प्रभाव बढ़ रहा है. बूंदी जिले में सबसे ज्यादा डेंगू के मरीज सामने आ रहे हैं. हर हफ्ते में करीब 5 से 6 मरीज पॉजिटिव आने से चिकित्सा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है.

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Published : Nov 2, 2019, 10:18 PM IST

बूंदी. मौसम में आए बदलाव के साथ ही अस्पताल के आउटडोर में रोगियों की संख्या बढ़ गई है. अस्पताल में आने वाले रोगियों में बुखार के साथ-साथ डेंगू रोगी भी आ रहे हैं. मौसमी बीमारियों में पीड़ित की तादाद बढ़ने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग गंभीर नजर नहीं आ रहा है. लगातार शिकायत आने के बाद ही महकमा हरकत में आता है. सरकारी अस्पताल के आउटडोर, इंडोर पर मरीजों की कतार देखी जा सकती है और लगातार मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है.

बूंदी में सामने आ रहे डेंगू मरीज

जानकारी के मुताबिक हर एक हफ्ते में 5 से 6 मरीज डेंगू पॉजिटिव सामने आ रहे हैं. पिछले 31 अक्टूबर की बात करें तो 6 रोगी सामने आए थे, तो नवंबर की 2 तारीख को ही 5 रोगी अभी तक सामने आए हैं. अक्टूबर व नवंबर महीने के आंकड़ों की बात की जाए तो अब तक 30 से अधिक डेंगू के रोगी सामने आ चुके हैं. जहां पर चिकित्सा विभाग की टीम जाकर उन मरीजों को खंगाल रही है और उपचार करवाने जैसे दावे कर रही है. यही नहीं शहर में फॉगिंग भी करवाई जा रही है.

पढ़ें- कोटा में जारी है मौसमी बीमारियों का कहर, अस्पताल में अव्यवस्थाओं से मरीज परेशान

बूंदी जिला अस्पताल में जिलेभर से मरीज जहां उपचार के लिए आते हैं. मौसमी बीमारी की वजह से आउटडोर पर मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. इस सप्ताह में 3271 आउटडोर में मरीज आए हैं, तो 386 इंडोर मरीज रहे हैं. लगातार मौसमी बीमारियों के मरीज बढ़ते जा रहे हैं. सामान्य अस्पताल के आउटडोर पर मरीजों की भीड़ लगी रहती है और कशमकश इस दौरान अस्पताल में चलती रहती है.

उधर, पीएमओ प्रभाकर विजय का कहना है कि स्वाइन फ्लू, डेंगू स्क्रब टाइफस, मलेरिया जैसी बीमारियों पर काबू पाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग ने लगातार अभियान चलाएं हैं और जहां-जहां डेंगू के मरीज सामने आ रहे हैं. वहां-वहां टीम जा रही है और उनसे संपर्क साधा जा रहा है. साथ ही उन्हें संबंधित दवा के लिए लिखा जा रहा है. इतना ही नहीं इलाके में फॉगिंग भी करवाई जा रही है. डॉक्टर ने बताया कि हर साल बारिश के बाद या बारिश देरी से होने के कारण ऐसी मौसमी बीमारी फैल जाती है. पिछले वर्ष भी अक्टूबर और नवंबर माह के अंदर डेंगू के मरीज सबसे ज्यादा सामने आए थे. वहीं इस बार भी अक्टूबर और नवंबर में डेंगू के मरीज सामने आए हैं और आंकड़ा इस वर्ष थोड़ा बढ़ा है फिर भी लगातार विभाग की ओर से प्रयास किया जा रहा है.

मरीजों की संख्या बढ़ने पर निशुल्क जांच योजना सेंटर पर भी मरीजों की लंबी कतारें देखी जाती है. यहां पर 200 से 300 मरीज प्रतिदिन अलग-अलग तरीके की करीब कई जांच करवाते हैं. सुबह मरीज अस्पताल के समय जांच करवाते हैं. जिन्हें दोपहर 3:00 समय पर जांच मिल जाती है. लेकिन इस बार मरीजों की लगातार कतार बनने के चलते समय पर जांच नहीं मिल पा रही है, साथ ही जांच करने वाले कर्मचारी की भी कमी चल रही है. यहां पर दो कर्मचारियों के भरोसे ही पूरे अस्पताल की जांच सुबह के समय करवाई जा रही है. मरीजों की भीड़ लगने पर कर्मचारी समय पर जांच रिपोर्ट नहीं दे पा रहे हैं. जिससे मरीज कई बार हंगामा भी इस दौरान कर देते हैं.

पढ़ें- चूरू जिले में डेंगू का कहर, अब तक 21 मरीज पाए गए पॉजिटिव

वहीं चिकित्सा विभाग की मानें तो हर गली में हर मोहल्ले में स्वास्थ्य विभाग हाई रिस्क एरिया में फॉगिंग करवा रहा है. ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में आशा सहयोगिनियों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, एएनएम, नर्सिंग स्टूडेंट घर में जाकर सर्वे कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि करीब 4 दिनों तक सर्वे चलेगा और भौतिक सत्यापन किया जाएगा. उसके बाद रिपोर्ट तैयार कर उन्हें पीएमओ कार्यालय में प्रस्तुत करनी होगी.

बूंदी. मौसम में आए बदलाव के साथ ही अस्पताल के आउटडोर में रोगियों की संख्या बढ़ गई है. अस्पताल में आने वाले रोगियों में बुखार के साथ-साथ डेंगू रोगी भी आ रहे हैं. मौसमी बीमारियों में पीड़ित की तादाद बढ़ने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग गंभीर नजर नहीं आ रहा है. लगातार शिकायत आने के बाद ही महकमा हरकत में आता है. सरकारी अस्पताल के आउटडोर, इंडोर पर मरीजों की कतार देखी जा सकती है और लगातार मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है.

बूंदी में सामने आ रहे डेंगू मरीज

जानकारी के मुताबिक हर एक हफ्ते में 5 से 6 मरीज डेंगू पॉजिटिव सामने आ रहे हैं. पिछले 31 अक्टूबर की बात करें तो 6 रोगी सामने आए थे, तो नवंबर की 2 तारीख को ही 5 रोगी अभी तक सामने आए हैं. अक्टूबर व नवंबर महीने के आंकड़ों की बात की जाए तो अब तक 30 से अधिक डेंगू के रोगी सामने आ चुके हैं. जहां पर चिकित्सा विभाग की टीम जाकर उन मरीजों को खंगाल रही है और उपचार करवाने जैसे दावे कर रही है. यही नहीं शहर में फॉगिंग भी करवाई जा रही है.

पढ़ें- कोटा में जारी है मौसमी बीमारियों का कहर, अस्पताल में अव्यवस्थाओं से मरीज परेशान

बूंदी जिला अस्पताल में जिलेभर से मरीज जहां उपचार के लिए आते हैं. मौसमी बीमारी की वजह से आउटडोर पर मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. इस सप्ताह में 3271 आउटडोर में मरीज आए हैं, तो 386 इंडोर मरीज रहे हैं. लगातार मौसमी बीमारियों के मरीज बढ़ते जा रहे हैं. सामान्य अस्पताल के आउटडोर पर मरीजों की भीड़ लगी रहती है और कशमकश इस दौरान अस्पताल में चलती रहती है.

उधर, पीएमओ प्रभाकर विजय का कहना है कि स्वाइन फ्लू, डेंगू स्क्रब टाइफस, मलेरिया जैसी बीमारियों पर काबू पाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग ने लगातार अभियान चलाएं हैं और जहां-जहां डेंगू के मरीज सामने आ रहे हैं. वहां-वहां टीम जा रही है और उनसे संपर्क साधा जा रहा है. साथ ही उन्हें संबंधित दवा के लिए लिखा जा रहा है. इतना ही नहीं इलाके में फॉगिंग भी करवाई जा रही है. डॉक्टर ने बताया कि हर साल बारिश के बाद या बारिश देरी से होने के कारण ऐसी मौसमी बीमारी फैल जाती है. पिछले वर्ष भी अक्टूबर और नवंबर माह के अंदर डेंगू के मरीज सबसे ज्यादा सामने आए थे. वहीं इस बार भी अक्टूबर और नवंबर में डेंगू के मरीज सामने आए हैं और आंकड़ा इस वर्ष थोड़ा बढ़ा है फिर भी लगातार विभाग की ओर से प्रयास किया जा रहा है.

मरीजों की संख्या बढ़ने पर निशुल्क जांच योजना सेंटर पर भी मरीजों की लंबी कतारें देखी जाती है. यहां पर 200 से 300 मरीज प्रतिदिन अलग-अलग तरीके की करीब कई जांच करवाते हैं. सुबह मरीज अस्पताल के समय जांच करवाते हैं. जिन्हें दोपहर 3:00 समय पर जांच मिल जाती है. लेकिन इस बार मरीजों की लगातार कतार बनने के चलते समय पर जांच नहीं मिल पा रही है, साथ ही जांच करने वाले कर्मचारी की भी कमी चल रही है. यहां पर दो कर्मचारियों के भरोसे ही पूरे अस्पताल की जांच सुबह के समय करवाई जा रही है. मरीजों की भीड़ लगने पर कर्मचारी समय पर जांच रिपोर्ट नहीं दे पा रहे हैं. जिससे मरीज कई बार हंगामा भी इस दौरान कर देते हैं.

पढ़ें- चूरू जिले में डेंगू का कहर, अब तक 21 मरीज पाए गए पॉजिटिव

वहीं चिकित्सा विभाग की मानें तो हर गली में हर मोहल्ले में स्वास्थ्य विभाग हाई रिस्क एरिया में फॉगिंग करवा रहा है. ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में आशा सहयोगिनियों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, एएनएम, नर्सिंग स्टूडेंट घर में जाकर सर्वे कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि करीब 4 दिनों तक सर्वे चलेगा और भौतिक सत्यापन किया जाएगा. उसके बाद रिपोर्ट तैयार कर उन्हें पीएमओ कार्यालय में प्रस्तुत करनी होगी.

Intro:बूंदी जिले में मौसम के बदलाव के बाद ही मौसमी बीमारियों ने कहर डालना शुरू कर दिया है। यहां सबसे ज्यादा डेंगू के मरीज सामने आ रहे हैं । हर हफ्ते में करीब 5 से 6 मरीज पॉजिटिव आने से चिकित्सा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है । उधर लगातार अस्पताल में मरीजों की संख्या का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है वही बढ़ते इस आंकड़े के चलते प्रशासन द्वारा शहर में दवा वितरित की जा रही है । साथ ही फॉगिंग करवाया जा रहा है जिससे मच्छर पर पनप नही सकें ।


Body:बूंदी । मौसम में आए बदलाव के साथ ही अस्पताल के आउटडोर में रोगियों की संख्या बढ़ गई है। अस्पताल में आने वाले रोगियों में बुखार के साथ-साथ डेंगू रोगी भी आ रहे हैं । मौसमी बीमारियों में पीड़ित की तादाद बढ़ने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग महकमा गंभीर नजर नहीं आ रहा है । लगातार शिकायत आने के बाद ही महकमा हरकत में आता है । सरकारी अस्पताल के आउटडोर पर इंडोर पर मरीजों की कतार देखी जा सकती है और लगातार मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है । सूत्रों की माने तो हर एक हफ्ते में 5 से 6 मरीज डेंगू पॉजिटिव सामने आ रहे हैं। पिछले 31 अक्टूबर की बात करें तो 6 रोगी सामने आए थे तो नवंबर की दो तारीख को ही 5 रोगी अभी तक सामने आए हैं । अक्टूबर व नवंबर माह के आंकड़ों की बात की जाए तो अब तक 30 से अधिक डेंगू के रोगी सामने आ चुके हैं । जहां पर चिकित्सा विभाग की टीम जाकर उन मरीजों को खंगाल रही है और उपचार करवाने जैसे दावे कर रही है यही नहीं शहर में फॉगिंग भी करवाई जा रही है ।

बूंदी जिला अस्पताल में जिले भर से मरीज जहां उपचार के लिए आते हैं मौसमी बीमारी की वजह से आउटडोर पर मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है । इस सप्ताह में 3271 आउटडोर में मरीज आए हैं। वही 386 इंडोर मरीज रहे हैं । लगातार मौसमी बीमारियों के मरीज बढ़ते जा रहे हैं । सामान्य अस्पताल के आउटडोर पर मरीजों की भीड़ लगी रहती है और कशमकश इस दौरान अस्पताल में चलती रहती है ।

डॉ मनोज जैन का कहना है कि चिकनगुनिया ,डेंगू ,मलेरिया खतरनाक वायरल है जो एडीज मच्छर के काटने से फैलता है। एक मच्छर ही अनेक लोगों को डेंगू , चिकनगुनिया रोग से ग्रसित कर देता है। डेंगू की कोई विशिष्ट चिकित्सा भी नहीं है। शुरुआती लक्षणों के वक्त ही इलाज कर बचाव संभव है। डेंगू मरीज में तेज बुखार ,मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द ,सिर दर्द ,आंखों में दर्द ,उल्टी, दस्त त्वचा पर लाल रंग के दाने होने पर ही डॉक्टर दिखाने की बात मनोज जैन कह रहे हैं । साथ ही डाक्टर मनोज जैन का कहना है कि डेंगू से बचने के लिए घर में साफ सफाई रखें, घर के बर्तन में पानी ढक कर रखें, गंदे पानी को एक जगह जमने ना दे, रात में सोते वक्त मच्छरदानी का वायल का उपयोग करें , कूलर, घमले का पानी रोज बदलते रहे , रात में सोते वक्त ऐसे कपड़े पहने जो शरीर के अधिकतम हिस्से को ढक हुए हो । मच्छर रोधी क्रीम ,स्प्रे ,लिक्विड ,इलेक्ट्रॉनिक बेड का उपयोग करें यदि बुखार 1 से 2 दिन में ठीक ना हो तो तुरंत डॉक्टर के पास जाकर चेकअप करवाएं यही डेंगू से बचने के उपाय ।

उधर पीएमओ प्रभाकर विजय का कहना है कि स्वाइन फ्लू ,डेंगू स्क्रब टायफस ,मलेरिया जैसी बीमारियों पर काबू पाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग ने लगातार अभियान चलाएं हैं और जहां जहां डेंगू के मरीज सामने आ रहे हैं वहां वहां हमारी टीम जा रही है और उनसे संपर्क साधा जा रहा है और उन्हें संबंधित दबाव के लिए लिखा जा रहा है । साथ ही उस इलाके में फॉगिंग भी करवाई जा रही है । डॉक्टर का कहना है कि हर वर्ष बारिश के बाद या बारिश देरी होने के कारण ऐसी मौसमी बीमारी फैल जाती है पिछले वर्ष भी अक्टूबर और नवंबर माह के अंदर डेंगू के मरीज सबसे ज्यादा सामने आए थे । वहीं इस बार भी अक्टूबर और नवंबर में डेंगू के मरीज सामने आए हैं और आंकड़ा इस वर्ष थोड़ा बड़ा है फिर भी लगातार हम प्रयास कर रहे हैं कि सरकार द्वारा जो दवाइयां वायरल के लिए मरीजों को दी गई है वह उन्हें परामर्श के रूप में उपलब्ध करवाई जा रही है और यह वायरल कैसे खत्म हो ऐसे प्रयास किए जा रहे हैं ।

उधर मरीजों की संख्या बढ़ने पर निशुल्क जांच योजना सेंटर पर भी मरीजों की लंबी कतारें देखी जाती है। यहां पर 200 से 300 मरीज प्रतिदिन अलग-अलग तरीके की करीब कई जांच करवाते हैं । सुबह मरीज अस्पताल के समय जांच करवाते हैं जिन्हें दोपहर 3:00 समय पर जांच मिल जाती है । लेकिन इस बार मरीजों की लगातार कतार बनने के चलते समय पर जांच नहीं मिल पा रही है साथ ही जांच करने वाले कर्मचारी की भी कमी चल रही है । यहां पर दो कर्मचारियों के भरोसे ही पूरे अस्पताल की जांच सुबह के समय करवाई जा रही है । मरीजों की भीड़ लगने पर कर्मचारी समय पर जांच रिपोर्ट नहीं दे पा रहे हैं जिससे मरीज कई बार हंगामा भी इस दौरान कर देते हैं ।


Conclusion:चिकित्सा विभाग की मानें तो हर गली में हर मोहल्ले में स्वास्थ्य विभाग हाई रिस्क एरिया में फॉगिंग करवा रहा है । ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में आशा सहयोगिनियों ,आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एएनएम ,नर्सिंग स्टूडेंट घर में जाकर सर्वे कर रहे हैं और करीब 4 दिनों तक किए सर्वे चलेगा और भौतिक सत्यापन किया जाएगा । उसके बाद रिपोर्ट तैयार कर उन्हें पीएमओ कार्यालय में प्रस्तुत करनी होगी ।

हाडोती में सबसे ज्यादा मरीज एक्स्पोंडेड डेंगू के मेले हैं इसकी शुरुआत बुखार से हो रही है उनके अनुरूप अलग-अलग लक्षण मिल रहे हैं । इसी कारण डेंगू होने पर मरीज की प्लेटलेट्स की संख्या लगातार घटती है । आबादी के अनुरूप डेंगू फैल रहा है लेकिन उस पर नियंत्रण नहीं हो पा रहा है । चिकित्सा विभाग अपने दावे कर रहा है कि वह अभियान चलाकर उन मरीजों को खंगाल रहे हैं साथ ही फॉगिंग भी करवा रहे हैं । यही नहीं डेंगू के अलावा स्क्रब टायपस बीमारी के भी इन 2 माह के अंदर दो जनों की मौत के मामले सामने आए थे । जहां पर चिकित्सा विभाग ने सर्वे करवाकर बीमारी के रोकथाम के प्रयास किए। स्क्रब टाइपस बीमार मामले तो थम गए लेकिन वर्तमान में डेंगू की बीमारी के मरीज सामने आ रहे हैं । वहीं डेंगू की जांच सेंटर पर भी मरीजों की लंबी कतार लगी हुई है वहीं लैब टेक्नीशियनओं को ज्यादा समय तक जांच में अपना काम देना पड़ रहा है । डेंगू में बचाव ही सबसे बड़ा उपाय है और समय पर लक्षण पाए जाए तो चिकित्सा उपचार ही लेना जरूरी है ।

बाईट - दिलीप सिंह, पीड़ित
बाईट- मनोज जैन , फिजिसन चिकित्सक
बाईट - मनोज प्रजापत , ग्रामीण
बाईट - प्रभाकर विजय , पीएमओ ,बूंदी
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