बूंदी. मौसम में आए बदलाव के साथ ही अस्पताल के आउटडोर में रोगियों की संख्या बढ़ गई है. अस्पताल में आने वाले रोगियों में बुखार के साथ-साथ डेंगू रोगी भी आ रहे हैं. मौसमी बीमारियों में पीड़ित की तादाद बढ़ने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग गंभीर नजर नहीं आ रहा है. लगातार शिकायत आने के बाद ही महकमा हरकत में आता है. सरकारी अस्पताल के आउटडोर, इंडोर पर मरीजों की कतार देखी जा सकती है और लगातार मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है.
जानकारी के मुताबिक हर एक हफ्ते में 5 से 6 मरीज डेंगू पॉजिटिव सामने आ रहे हैं. पिछले 31 अक्टूबर की बात करें तो 6 रोगी सामने आए थे, तो नवंबर की 2 तारीख को ही 5 रोगी अभी तक सामने आए हैं. अक्टूबर व नवंबर महीने के आंकड़ों की बात की जाए तो अब तक 30 से अधिक डेंगू के रोगी सामने आ चुके हैं. जहां पर चिकित्सा विभाग की टीम जाकर उन मरीजों को खंगाल रही है और उपचार करवाने जैसे दावे कर रही है. यही नहीं शहर में फॉगिंग भी करवाई जा रही है.
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बूंदी जिला अस्पताल में जिलेभर से मरीज जहां उपचार के लिए आते हैं. मौसमी बीमारी की वजह से आउटडोर पर मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. इस सप्ताह में 3271 आउटडोर में मरीज आए हैं, तो 386 इंडोर मरीज रहे हैं. लगातार मौसमी बीमारियों के मरीज बढ़ते जा रहे हैं. सामान्य अस्पताल के आउटडोर पर मरीजों की भीड़ लगी रहती है और कशमकश इस दौरान अस्पताल में चलती रहती है.
उधर, पीएमओ प्रभाकर विजय का कहना है कि स्वाइन फ्लू, डेंगू स्क्रब टाइफस, मलेरिया जैसी बीमारियों पर काबू पाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग ने लगातार अभियान चलाएं हैं और जहां-जहां डेंगू के मरीज सामने आ रहे हैं. वहां-वहां टीम जा रही है और उनसे संपर्क साधा जा रहा है. साथ ही उन्हें संबंधित दवा के लिए लिखा जा रहा है. इतना ही नहीं इलाके में फॉगिंग भी करवाई जा रही है. डॉक्टर ने बताया कि हर साल बारिश के बाद या बारिश देरी से होने के कारण ऐसी मौसमी बीमारी फैल जाती है. पिछले वर्ष भी अक्टूबर और नवंबर माह के अंदर डेंगू के मरीज सबसे ज्यादा सामने आए थे. वहीं इस बार भी अक्टूबर और नवंबर में डेंगू के मरीज सामने आए हैं और आंकड़ा इस वर्ष थोड़ा बढ़ा है फिर भी लगातार विभाग की ओर से प्रयास किया जा रहा है.
मरीजों की संख्या बढ़ने पर निशुल्क जांच योजना सेंटर पर भी मरीजों की लंबी कतारें देखी जाती है. यहां पर 200 से 300 मरीज प्रतिदिन अलग-अलग तरीके की करीब कई जांच करवाते हैं. सुबह मरीज अस्पताल के समय जांच करवाते हैं. जिन्हें दोपहर 3:00 समय पर जांच मिल जाती है. लेकिन इस बार मरीजों की लगातार कतार बनने के चलते समय पर जांच नहीं मिल पा रही है, साथ ही जांच करने वाले कर्मचारी की भी कमी चल रही है. यहां पर दो कर्मचारियों के भरोसे ही पूरे अस्पताल की जांच सुबह के समय करवाई जा रही है. मरीजों की भीड़ लगने पर कर्मचारी समय पर जांच रिपोर्ट नहीं दे पा रहे हैं. जिससे मरीज कई बार हंगामा भी इस दौरान कर देते हैं.
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वहीं चिकित्सा विभाग की मानें तो हर गली में हर मोहल्ले में स्वास्थ्य विभाग हाई रिस्क एरिया में फॉगिंग करवा रहा है. ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में आशा सहयोगिनियों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, एएनएम, नर्सिंग स्टूडेंट घर में जाकर सर्वे कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि करीब 4 दिनों तक सर्वे चलेगा और भौतिक सत्यापन किया जाएगा. उसके बाद रिपोर्ट तैयार कर उन्हें पीएमओ कार्यालय में प्रस्तुत करनी होगी.