केशवरायपाटन (बूंदी). उपखण्ड क्षेत्र के डाउन स्ट्रीम इलाके में गत दिनों आई बाढ़ से क्षेत्र के रोटेदा,डोलर, घाट का बराना सहित दर्जनों गांव चपेट में आ गये थे.चम्बल नदी में हुई भारी पानी की आवक के चलते कई गांव करीब तीन दिन तक टापू बन गए थे. इसी वजह से रोटेदा कस्बे चम्बल नदी किनारे स्थित शिव मंदिर के ऊपर करीब बीस फिट बजरी की चादर जम गई थी. जिससे शिव भक्तों ने करीब पंद्रह दिनों तक श्रमदान कर हटाया है.
बता दें कि केशवरायपाटन उपखण्ड क्षेत्र के रोटेदा कस्बे में पिछले पंद्रह दिनों से चल रही खुदाई का बुधवार को समापन हो गया. बुधवार सुबह रोज की तरह युवाओ का समूह चम्बल नदी किनारे चंबलेश्वर महादेव के स्थान पर पहुंचा ओर खुदाई शुरू की. करीब तीन चार घण्टे की खुदाई में शिव लिंग और सिद्धि विनायक गणेश जी की प्रतिमा नजर आ गई. तो युवा जोश में बम बम भोले के जयकारे लगाने लगे. वहीं, नदी से डीजल इंजन चलाकर मिट्टी और बजरी हटाई गई.
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गौरतलब है कि गत दिनों चम्बल नदी के डाउन स्ट्रीम एरिये में आई बाढ़ से रोटेदा-मंडावरा के बीच श्मशान घाट के समीप स्थित दो सौ साल पुराना शिवालय भुगर्भित हो गया था. परंतु क्षेत्रीय युवाओं की आस्था ने एक बार फिर उन्हें खोज निकाला है. चम्बल किनारे करीब बीस फिट भुगर्भित हुए शिव परिवार के मिलते भक्त आश्वस्त नजर आए. वहीं, श्रद्धालुओ ने विशेष पूजन और अभिषेक की तैयारियां शुरू कर दी. रोटेदा कस्बे के ही करीब 20 से 22 युवाओं ने बजरी के नीचे दबे शिव परिवार को निकालने का साहस जुटाया. युवा रोजाना सुबह करीब तीन चार घण्टे श्रमदान कर बजरी को हटाने में जुटे रहे. जिन्होंने करीब बीस फिट बजरी हटाकर शिव परिवार को खोज निकाला.
मन्दिर के पुजारी जितेंद्र गोस्वामी ने बताया कि रोटेदा-मंडावरा के बीच श्मशान घाट के समीप चम्बल नदी के तट पर करीब दो सौ वर्ष प्राचीन चंबलेश्वर महादेव और सिद्धि विनायक गणेश जी की प्रतिमा स्थापित है. यहां सालभर जल प्रपात गिरता है. वहीं, लोगो की मान्यता है की जब इलाके में बरसात नही होती तो चंबलेश्वर महादेव के अखण्ड ज्योत रखने से अच्छी बरसात होती है. वहीं, इस काम में पुजारी जितेन्द्र गोस्वामी, मनीष सुमन, भागीरथ जाट, धीरज तिवारी, जमना शंकर सुमन सहित कई अन्य युवाओं के अथक प्रयास रहे.