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बूंदीः युवाओं के कठीन परिश्रम से निकल ही आए भोलेनाथ, पंद्रह दिनों से कर रहे थे खुदाई - बूंदी में खुदाई में निकली शिव प्रतीमा

बूंदी के केशवरायपाटन में शिव मंदिर के ऊपर करीब बीस फिट बजरी की चादर जम गई थी. जिससे शिव भक्तों ने करीब पंद्रह दिनों तक श्रमदान कर हटाया है. करीब तीन चार घण्टे की खुदाई में शिव लिंग और सिद्धि विनायक गणेश जी की प्रतिमा नजर आ गई. तो युवा जोश में बम बम भोले के जयकारे लगाने लगे.

केशवरायपाटन की खबर,  News of Keshavaraipatan, बूंदी में खुदाई में निकली शिव प्रतीमा,  Shiva Pratima found in digging in Bundi
युवाओं के कठीन परिश्रम से निकल ही आए भोलेनाथ
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Published : Dec 5, 2019, 5:52 AM IST

केशवरायपाटन (बूंदी). उपखण्ड क्षेत्र के डाउन स्ट्रीम इलाके में गत दिनों आई बाढ़ से क्षेत्र के रोटेदा,डोलर, घाट का बराना सहित दर्जनों गांव चपेट में आ गये थे.चम्बल नदी में हुई भारी पानी की आवक के चलते कई गांव करीब तीन दिन तक टापू बन गए थे. इसी वजह से रोटेदा कस्बे चम्बल नदी किनारे स्थित शिव मंदिर के ऊपर करीब बीस फिट बजरी की चादर जम गई थी. जिससे शिव भक्तों ने करीब पंद्रह दिनों तक श्रमदान कर हटाया है.

युवाओं के कठीन परिश्रम से निकल ही आए भोलेनाथ

बता दें कि केशवरायपाटन उपखण्ड क्षेत्र के रोटेदा कस्बे में पिछले पंद्रह दिनों से चल रही खुदाई का बुधवार को समापन हो गया. बुधवार सुबह रोज की तरह युवाओ का समूह चम्बल नदी किनारे चंबलेश्वर महादेव के स्थान पर पहुंचा ओर खुदाई शुरू की. करीब तीन चार घण्टे की खुदाई में शिव लिंग और सिद्धि विनायक गणेश जी की प्रतिमा नजर आ गई. तो युवा जोश में बम बम भोले के जयकारे लगाने लगे. वहीं, नदी से डीजल इंजन चलाकर मिट्टी और बजरी हटाई गई.

पढ़ेंः स्पेशल स्टोरी: 30 साल बाद फिर शुरू हाट बाजार, लोगों के चेहरे पर दिखी खुशी

गौरतलब है कि गत दिनों चम्बल नदी के डाउन स्ट्रीम एरिये में आई बाढ़ से रोटेदा-मंडावरा के बीच श्मशान घाट के समीप स्थित दो सौ साल पुराना शिवालय भुगर्भित हो गया था. परंतु क्षेत्रीय युवाओं की आस्था ने एक बार फिर उन्हें खोज निकाला है. चम्बल किनारे करीब बीस फिट भुगर्भित हुए शिव परिवार के मिलते भक्त आश्वस्त नजर आए. वहीं, श्रद्धालुओ ने विशेष पूजन और अभिषेक की तैयारियां शुरू कर दी. रोटेदा कस्बे के ही करीब 20 से 22 युवाओं ने बजरी के नीचे दबे शिव परिवार को निकालने का साहस जुटाया. युवा रोजाना सुबह करीब तीन चार घण्टे श्रमदान कर बजरी को हटाने में जुटे रहे. जिन्होंने करीब बीस फिट बजरी हटाकर शिव परिवार को खोज निकाला.

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मन्दिर के पुजारी जितेंद्र गोस्वामी ने बताया कि रोटेदा-मंडावरा के बीच श्मशान घाट के समीप चम्बल नदी के तट पर करीब दो सौ वर्ष प्राचीन चंबलेश्वर महादेव और सिद्धि विनायक गणेश जी की प्रतिमा स्थापित है. यहां सालभर जल प्रपात गिरता है. वहीं, लोगो की मान्यता है की जब इलाके में बरसात नही होती तो चंबलेश्वर महादेव के अखण्ड ज्योत रखने से अच्छी बरसात होती है. वहीं, इस काम में पुजारी जितेन्द्र गोस्वामी, मनीष सुमन, भागीरथ जाट, धीरज तिवारी, जमना शंकर सुमन सहित कई अन्य युवाओं के अथक प्रयास रहे.


केशवरायपाटन (बूंदी). उपखण्ड क्षेत्र के डाउन स्ट्रीम इलाके में गत दिनों आई बाढ़ से क्षेत्र के रोटेदा,डोलर, घाट का बराना सहित दर्जनों गांव चपेट में आ गये थे.चम्बल नदी में हुई भारी पानी की आवक के चलते कई गांव करीब तीन दिन तक टापू बन गए थे. इसी वजह से रोटेदा कस्बे चम्बल नदी किनारे स्थित शिव मंदिर के ऊपर करीब बीस फिट बजरी की चादर जम गई थी. जिससे शिव भक्तों ने करीब पंद्रह दिनों तक श्रमदान कर हटाया है.

युवाओं के कठीन परिश्रम से निकल ही आए भोलेनाथ

बता दें कि केशवरायपाटन उपखण्ड क्षेत्र के रोटेदा कस्बे में पिछले पंद्रह दिनों से चल रही खुदाई का बुधवार को समापन हो गया. बुधवार सुबह रोज की तरह युवाओ का समूह चम्बल नदी किनारे चंबलेश्वर महादेव के स्थान पर पहुंचा ओर खुदाई शुरू की. करीब तीन चार घण्टे की खुदाई में शिव लिंग और सिद्धि विनायक गणेश जी की प्रतिमा नजर आ गई. तो युवा जोश में बम बम भोले के जयकारे लगाने लगे. वहीं, नदी से डीजल इंजन चलाकर मिट्टी और बजरी हटाई गई.

पढ़ेंः स्पेशल स्टोरी: 30 साल बाद फिर शुरू हाट बाजार, लोगों के चेहरे पर दिखी खुशी

गौरतलब है कि गत दिनों चम्बल नदी के डाउन स्ट्रीम एरिये में आई बाढ़ से रोटेदा-मंडावरा के बीच श्मशान घाट के समीप स्थित दो सौ साल पुराना शिवालय भुगर्भित हो गया था. परंतु क्षेत्रीय युवाओं की आस्था ने एक बार फिर उन्हें खोज निकाला है. चम्बल किनारे करीब बीस फिट भुगर्भित हुए शिव परिवार के मिलते भक्त आश्वस्त नजर आए. वहीं, श्रद्धालुओ ने विशेष पूजन और अभिषेक की तैयारियां शुरू कर दी. रोटेदा कस्बे के ही करीब 20 से 22 युवाओं ने बजरी के नीचे दबे शिव परिवार को निकालने का साहस जुटाया. युवा रोजाना सुबह करीब तीन चार घण्टे श्रमदान कर बजरी को हटाने में जुटे रहे. जिन्होंने करीब बीस फिट बजरी हटाकर शिव परिवार को खोज निकाला.

पढ़ेंः बूंदी: छात्रसंघ अध्यक्ष पर एक छात्र ने किया हमला, घटना से आक्रोशित छात्र-छात्राओं ने कॅालेज के मेन गेट पर जड़ा ताला

मन्दिर के पुजारी जितेंद्र गोस्वामी ने बताया कि रोटेदा-मंडावरा के बीच श्मशान घाट के समीप चम्बल नदी के तट पर करीब दो सौ वर्ष प्राचीन चंबलेश्वर महादेव और सिद्धि विनायक गणेश जी की प्रतिमा स्थापित है. यहां सालभर जल प्रपात गिरता है. वहीं, लोगो की मान्यता है की जब इलाके में बरसात नही होती तो चंबलेश्वर महादेव के अखण्ड ज्योत रखने से अच्छी बरसात होती है. वहीं, इस काम में पुजारी जितेन्द्र गोस्वामी, मनीष सुमन, भागीरथ जाट, धीरज तिवारी, जमना शंकर सुमन सहित कई अन्य युवाओं के अथक प्रयास रहे.


Intro:केशवरायपाटन उपखण्ड क्षेत्र के डाउन स्ट्रीम इलाके में गत दिनों आई बाढ़ से क्षेत्र के रोटेदा,डोलर,घाट का बराना सहित दर्जनों गांव चपेट में आगये थे।चम्बल नदी में हुई भारी पानी की आवक के चलते कहि गांव करीब तीन दिन तक टापू बन गए थे।उसी मंजर में रोटेदा कस्बे चम्बल नदी किनारे स्थित शिव मंदिर के ऊपर करीब बीस फिट बजरी की चादर जम गई थी।जिससे शिव भक्तों ने करीब पंद्रह दिनों तक श्रमदान कर हटाया है।
Body:केशवराय पाटन उपखण्ड क्षेत्र के रोटेदा कस्बे में पिछले पंद्रह दिनों से चल रही खुदाई का बुधवार को समापन हो गया।बुधवार सुबह रोज की तरह दर्जनों युवाओ का समूह चम्बल नदी किनारे चंबलेश्वर महादेव के स्थान पर पहुँचा ओर खुदाई शुरू की।करीब तीन चार घण्टे की खुदाई में शिव लिंग व सिद्धि विनायक गणेश जी की प्रतिमा नजर आ गई।तो युवा जोश में बम बम भोले के जयकारे लगाने लगे।वही नदी से डीजल इंजन चलाकर मिट्टी व बजरी हटाई गई।गौरतलब है कि गत दिनो चम्बल नदी के डाउन स्ट्रीम एरिये में आई बाढ़ से रोटेदा-मंडावरा के बीच श्मशान घाट के समीप स्थित दो सौ साल पुराना शिवालय भुगर्भित हो गया था।परंतु क्षेत्रीय युवाओ की आस्था ने एक बार फिर उन्हें खोज निकाला है।चम्बल किनारे करीब बीस फिट भुगर्भित हुए शिव परिवार के मिलते भक्त आस्वस्त नजर आए।वही श्रद्धालुओ ने विशेष पूजन एंव अभिषेक की तैयारिया शुरू कर दी।

दो दर्जन ग्रामीण युवाओ ने उठाया बीड़ा,पन्द्रह दिनो तक किया श्रमदान

रोटेदा कस्बे के ही करीब दो दर्जन युवाओ ने बजरी के नीचे दबे शिव परिवार को निकालने का साहस जुटाया।युवा रोजाना सुबह करीब तीन चार घण्टे श्रमदान कर बजरी को हटाने में जुटे रहे।जिन्होंने करीब बीस फिट बजरी हटाकर शिव परिवार को खोज निकाला।


क्षेत्रीय लोगो की आस्था का केंद्र है चंबलेश्वर महादेव का मंदिर

मन्दिर के पुजारी जितेंद्र गोस्वामी ने बताया कि रोटेदा-मंडावरा के बीच श्मशान घाट के समीप चम्बल नदी के तट पर करीब दो सौ वर्ष प्राचीन चंबलेश्वर महादेव व सिद्धि विनायक गणेश जी की प्रतिमा स्थापित है।यहां सालभर जल प्रपात गिरता है।वही लोगो की मान्यता है की जब इलाके में बरसात नही होती तो चंबलेश्वर महादेव के अखण्ड ज्योत रखने से अच्छी बरसात की मान्यता है।

Conclusion:इन ग्रामीणों ने दिखाया उत्साह

पुजारी जितेन्द्र गोस्वामी, मनीष सुमन,भागीरथ जाट,धीरज तिवाड़ी,जमना शंकर सुमन,दिलकुश गुर्जर,सुरेंद्र मेहरा,जितेंद्र सावन्त,पंकज मालव,राधाकिशन गुर्जर, नंदबिहारी सेन,रणवीर गुर्जर,जोधराज सुमन,जितेंद्र गुर्जर, मुरारी केवट,रामभरोस केवट आदि के अथक प्रयास रहे।



बाईट-जमनाशंकर सुमन,युवा श्रमवीर

बाईट-जितेंद्र गोस्वामी,शिव मंदिर पुजारी

पीटीसी-मयंक कुमार जैन,संवाददाता केशवरायपाटन
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