बूंदी. जिला ब्लड बैंक का जयपुर और दिल्ली से आई केंद्रीय टीम ने मंगलवार को औचक निरीक्षण किया. इस दौरान वहां पर ब्लड बैंक में कई कागजी कार्रवाईओं में खानापूर्ति को लेकर बात सामने आई. वहीं कुछ कर्मचारियों ने रजिस्टरों में अपने क्रमांक और उपस्थिति को सही नहीं दर्ज किए थे. इसको लेकर भी टीम ने आपत्ति जताई. वहीं टीम ने ब्लड बैंक के दस्तावेजों को खंगाला. साथ में ऑनलाइन मीटिंग को भी चेक किया. वहां मौजूद अस्पताल के ब्लड बैंक अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए.
इस दौरान टीम में दिल्ली से आए अधिकारी और ड्रग इनफेक्शन अधिकारी मौजूद थे. जो हर पांच साल में ब्लड बैंक की व्यवस्था और मापदंड को जांचने के लिए औचक निरीक्षण करने के लिए आते हैं. उसी की तहत बूंदी ब्लड बैंक में नवनिर्मित भवन बनने के बाद पहली बार अधिकारी आए. जहां पर उन्होंने ब्लड बैंक की व्यवस्था को देखा. मरीजों से बात की और किस तरीके से मरीज को ब्लड दिया जाता है. उनसे कैसा व्यवहार किया जाता है. इन सभी चीजों को टीम ने जांचा. साथ ही ब्लड बैंक के स्टॉफ को भी उन्होंने देखा और स्टॉक में रखने वाली मशीन और वातावरण कुलित सिस्टमों को देखा. करीब डेढ़ घंटे तक टीम ने रजिस्टर और दस्तावेजों को देखा. अधिकारियों को बंद कमरे में ले जाकर बात की और जमकर फटकार लगाने जैसी भी बात सामने आई.
टीम जैसे ही दौरा करने पहुंची तो बूंदी ब्लड बैंक में हड़कंप मच गया. अधिकारी आनन-फानन में वहां पहुंचे. इस दौरान टीम के सदस्यों ने जिला ब्लड बैंक द्वारा दी जा रही सुविधा ब्लड बैंक स्टॉक, जांच प्रणाली, रक्तदान केंद्र रजिस्ट्रेशन और रजिस्टर स्टॉक सहित ब्लड बैंक की विभिन्न व्यवस्थाओं व सुविधाओं की जांच की. टीम के साथ जयपुर से देवेंद्र गर्ग ने बताया कि हर 5 साल में सेंट्रल टीम के साथ ब्लड बैंक के रिन्यूअल की जांच की जाती है. उसी के तहत बूंदी ब्लड बैंक की जांच की जा रही है. जांच में ब्लड बैंक द्वारा आवश्यकता के सम्पूर्ण काम पूरे है. केवल रिकॉर्ड में छोटी-मोटी खामियां पाई गई हैं. इन खामियों को पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं. ब्लड बैंक का लाइसेंस रिनुअल कर दिया जाएगा. इस अवसर पर ब्लड बैंक प्रभारी सहित कई अधिकारी मौजूद रहे.