बूंदी. जिले का रामगंज बालाजी ग्राम पंचायत जो शहर से करीब 15 किलोमीटर दूर कोटा की तरफ है. रामगंज बालाजी ग्राम पंचायत को बने हुए करीब 20 साल से ऊपर हो चुकें हैं. अगर विकास की बात की जाए तो रामगंज बालाजी जब से पंचायत बनी है तब से यहां विकास कार्यों में कोई कमी नहीं रही है. रामगंज बालाजी ग्राम पंचायत महज 1 किलोमीटर के दायरे में आता है. बूंदी-कोटा हाईवे के किनारे बसा रामगंज बालाजी ग्राम पंचायत विकास के लिए तेजी से अग्रसर है.
वहीं बात करें अगर कोरोना महामारी की तो रामगंज बालाजी के ग्रामीणों ने इस वायरस के प्रति काफी संयम रखा. केंद्र और प्रदेश सरकार द्वारा लगाए गए लॉकडाउन की ग्रामीणों ने सख्ती से पालना की और जब बाजार खुले तो ग्रामीणों ने अपनी दुकानों के बाहर सोशल डिस्टेंसिंग वाले गोले बनाने शुरू कर दिए. इसके साथ ही जो लोग मास्क नहीं लगाते थे उन लोगों को मास्क लगाने के लिए प्रेरित किया. आज रामगंज बालाजी के पूरे बाजार खुले है और यहां दुकानदार मास्क लगाकर सारे सामान बेच रहे हैं. इसके साथ ही दुकानों पर आने वाले ग्राहकों से सैनिटाइजर का प्रयोग करने और मास्क लगाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. हालांकि, लॉकडाउन होने के साथ शहर के बाजार पूरी तरह से त्रस्त पड़े हुए हैं. इक्के दुक्के लोग ही इन दुकानों पर पहुंच रहे हैं. बावजूद इसके दुकानें पूरी तरह से खुली हुई हैं और कारोबार चल रहा है.
रामगंज बालाजी पंचायत ने सभी गांवों में करवाया सैनिटाइजर का छिड़काव
देश में पिछले 2 माह से अधिक के समय से लॉकडाउन के चलते पूरी तरह से आर्थिक मंदी का दौर शुरू हो गया. कोरोना वायरस के रोकथाम के लिए मास्क और सैनिटाइजर का उपयोग करना जरूरी हो गया. ऐसे में रामगंज बालाजी पंचायत ने भी सभी ग्राम में सैनिटाइजर का छिड़काव करवाया. यहां ट्रैक्टर के माध्यम से ग्रामीणों द्वारा गांव की गलियों, दुकानों के बाहर, सामुदायिक केंद्र और सभी धार्मिक स्थलों पर पंचायत की मौजूदगी में छिड़काव का कार्य करवाया गया.
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पूरी पंचायत समिति को सैनिटाइज करवाने में 15 दिन लग गए
रामगंज बालाजी के सरपंच रामलाल सैनी का कहना है कि पूरी पंचायत समिति को सैनिटाइज करवाने में 15 दिन लग गए. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस को लेकर रामगंज बालाजी के ग्रामीण बड़े ही सजक है और पूरी सावधानी के साथ अपनी दिनचर्या को पूरा करते हैं. ग्राम पंचायत स्तर पर सभी की मॉनिटरिंग की जा रही है और जहां हमे में सूचना मिलती है हम वहां पर सैनिटाइजर का छिड़काव करने के लिए पहुंच जाते हैं.
सरपंच ने बताया कि करीब आधा दर्जन लोग जो रामगंज बालाजी के ही निवासी थे. जो लम्बे समय से दूसरे प्रदेशों में रहकर कार्य कर रहे थे. लॉकडाउन हुआ तो वह लौटे. इन सभी प्रवासियों की जानकारी पुलिस प्रशासन को दी गई. जिसके बाद प्रशासन ने सभी लोगों को आइसोलेट किया. साथ ही इन सभी लोगों की कोरोना जांच भी करवाई गई. हालांकि सभी लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव आई.
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आखिर क्यों रखा गया रामगंज बालाजी का नाम?
रामगंज बालाजी ग्राम पंचायत का नाम यहां बालाजी का बड़ा मंदिर होने के कारण उनके नाम पर रखा गया. हाड़ोती क्षेत्र में रामगंज बालाजी का स्थान बड़ा माना गया है. यहां क्षेत्र के लोग बालाजी के दर्शन करने के लिए आते हैं और करीब 300 साल के अधिक समय से यहां पुरानी मूर्ति विराजमान है. लॉकडाउन के चलते बालाजी के स्थान पर ताला लगा हुआ है. श्रद्धालु बाहर से ही बालाजी के दर्शन करते हैं.
2 हजार की जनसंख्या वाला गांव
रामगंज बालाजी गांव में करीब 2,000 से अधिक की जनसंख्या है और यहां करीब 50 दुकाने है जहां पर लोग खरीदारी करते हैं. बाकी पूरी पंचायत का कृषि क्षेत्र में ही अर्थव्यवस्था टिकी हुई है. क्षेत्र में निजी कंपनी की 2 फैक्ट्रियां थी जो किन्हीं कारणों के चलते पिछले वर्ष बंद हो गई थी. ऐसे में कई लोग यहां बेरोजगार भी हो गए थे, लेकिन कृषि कार्य में रफ्तार इन दिनों बढ़ गई है जो लोग बेरोजगार हुए थे वह अपने पूर्वजों के कृषि कार्य में जुड़ गए हैं.