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Special Report: कोरोना काल में दो मोर्चों पर लड़ाई लड़ते बूंदी के बैंककर्मी - bank employee corona positive

कोरोना के बाद लगे लॉकडाउन ने किस तरह से बैंकिंग कार्यप्रणाली को प्रभावित किया है. किस तरह से बूंदी के बैंक कर्मचारी कोरोना से दो-दो हाथ करते हुए अपनी सेवाएं दे रहे हैं. बूंदी से देखिए ये खास रिपोर्ट...

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Special Report: कोरोना काल में दो मोर्चों पर लड़ाई लड़ते बूंदी के बैंककर्मी
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Published : Aug 6, 2020, 7:27 AM IST

बूंदी. कोरोना काल में बैंककर्मी दो मोर्चों पर लड़ाई लड़ रहे हैं. एक तरफ उन्हें पिछले कई दिनों से पेंडिंग पड़े काम के साथ लोगों को बैंकिंग सेवाएं भी उपलब्ध करानी हैं. साथ ही खुद को कोरोना से भी बचाना है. ग्रामीण इलाकों में जहां लोग अब भी ट्रेडिशनल बैंकिंग के तरीके को अपनाते हैं. जिसके चलते लोग अपने बैंक संबंधित कामों के लिए बैंक शाखाओं में आते हैं.

बूंदी जिले में सरकारी और प्राइवेट बैंको की कुल 128 शाखाएं हैं

कोरोना काल में बैंक एक ऐसा सेक्टर है जहां लोगों का डेली आना-जाना रहता है. लॉकडाउन के बाद लोग आर्थिक संकट से जुझ रहे हैं. ऐसे में लोग अपनी जमा पूंजी खातों से निकालने के लिए बैंकों का रुख कर रहे हैं. बूंदी जिले में शुरुआती दौर में 70 दिनों तक एक भी कोरोना वायरस का पॉजिटिव मरीज सामने नहीं आया था. जिसके कारण बूंदी के बैंकिंग सेक्टर पर कुछ ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ा. लेकिन अब बूंदी के करीब एक दर्जन कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं जो बैंकिंग सेक्टर से जुड़े हुए हैं.

पढ़ें: कोरोना के खिलाफ और मजबूती से लड़ेगा बूंदी, जल्द स्थापित होगा दूसरा कोविड केयर सेंटर और लैब

बूंदी में कितने बैंक कर्मचारी कार्यरत हैं ?

बूंदी जिले में सरकारी और प्राइवेट बैंकों की कुल 128 शाखाएं हैं. जिनमें से केवल 32 शाखाएं बूंदी शहर में स्थित हैं. जिले भर की 128 शाखाओं में 400 से अधिक कर्मचारी काम करते हैं. इनमें बैंक में काम करने वाले कर्मचारियों के साथ सिक्योरिटी स्टाफ और अधिकारी भी शामिल हैं. सभी कर्मचारी नियमित रूप से ब्रांच में आकर काम कर रहे हैं.

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दर्जन भर कर्मचारी आ चुके हैं कोरोना पॉजिटिव

कितने कर्मचारी कोरोना की चपेट में आए

बूंदी में दर्जन भर कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. लीड मैनेजर अक्षय कुमार बताते हैं कि अनलॉक के बाद कुछ बैंक कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. लेकिन जितने भी कर्मचारी पॉजिटिव आए हैं, वो छोटी फाइनेंस कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारी हैं. लेकिन कोरोना के खतरे को देखते हुए सभी बैंक कर्मचारियों के कोरोना टेस्ट करवाए गए हैं. कर्मचारियों के डेली अप डाउन पर रोक लगा दी गई है. कर्मचारियों को बैंक शाखा के आस-पास के इलाके में ही ठहरने के लिए कहा गया है. साथ ही जितने भी कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव थे, वो कोरोना से रिकवर हो गए हैं.

कोरोना काल में बैंकों का काम किस तरह से प्रभावित हुआ

कोरोना के बाद देशभर में लगे लॉकडाउन ने सभी सेक्टर्स को अपनी चपेट में ले लिया. बैंकिंग सेक्टर भी इससे अछूता नहीं रहा. लॉकडाउन के शुरुआत में बैंकों के सामने किस तरह की दिक्कत आ रही थी, इसके बारे में बूंदी के लीड मैनेजर अक्षय कुमार बताते हैं कि शुरुआती दिनों में बैंक में चुनिंदा लोगों की ही एंट्री के आदेश थे. लॉकडाउन के चलते कस्टमर बैंकों तक नहीं पहुंच पा रहे थे. जिससे बैंक का काम प्रभावित हुआ. बैंकों ने अपनी सर्विसेज में कटौती की. बैंकों ने केवल 5 तरह की सर्विसेज को ही चालू रखा. बाकी की सेवाओं को कुछ वक्त के लिए रोकना पड़ा. कैश विड्रोल, कैश डिपोजिट, गवर्मेंट ट्रांजेक्शन जैसी ही सर्विस चालू थी. लेकिन अब बैंक पूरी क्षमता के साथ काम कर रहे हैं.

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बैंक में एंट्री से पहले की जा रही है थर्मल स्क्रीनिंग

पढ़ें: स्पेशल: Corona से सुरक्षा में मददगार बन रहा आरोग्य सेतु एप, अब तक कई मामले आ चुके सामने

अक्षय कुमार बताते हैं कि फाइनेंशियल एक्टिविटीज में किसी तरह का कोई जाम ना लगे, इसके लिए बैंकों ने लोगों को बुलाकर उनकी बकाया राशि भुगतान की. ताकि वित्तीय सुविधाओं के अभाव में कोई काम ना रूके. अनलॉक के बाद बैंकों की एक्टिविटी पहले की तरह शुरू हो गई हैं. पेंडिंग काम को भी ऑनलाइन जल्द से जल्द निपटाया जा रहा है.

कोरोना से बचाव के लिए किस तरह के उपाय किए जा रहे हैं

कोरोना वायरस का संक्रमण अब लगातार बढ़ता जा रहा है. बूंदी जिले में शुरुआत में कोई भी कोरोना केस सामने नहीं आया था. लेकिन अनलॉक के बाद लोगों की आवाजाही होने लगी. जिससे जिले में कोरोना के केसों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. बैंकों की तरफ से भी कर्मचारियों को कोरोना से बचाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं. जो भी कस्टमर बैंक में आता है, उसका सबसे पहले सिक्योरिटी गार्ड द्वारा थर्मल स्क्रीनिंग की जाती है. उसके बाद सैनिटाइजर से हाथ धुलवाकर ही कस्टमर को बैंक के अंदर एंट्री दी जा रही है. वहीं बैंकों को भी प्रॉपर सैनिटाइज करवाया जा रहा है. सरकार की तरफ से जारी कोरोना गाइडलाइन का पालन किया जा रहा है. सभी कर्मचारियों के लिए मास्क लगाना अनिवार्य है और बैंक में आने वाले कस्टमर को भी इसके लिए पाबंद किया गया है.

प्रशासन किस तरह से तैयारी कर रहा है

बूंदी प्रशासन भी कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है. प्रशासन की तरफ से रोजाना 250 से ज्यादा सैंपल लिए जा रहे हैं. साथ ही सुपर स्प्रेडर के कोरोना सैंपल लिए जा रहे हैं. प्रशासन ने जिला कलेक्टर के आदेश के बाद सभी बैंक कर्मचारियों के सैंपल लिए. जिनकी रिपोर्ट नेगेटिव आ गई है. चिकित्सा विभाग ने उन बैंक शाखाओं को सील कर दिया जहां कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे.

पढ़ें: Special: सुरा के सुरूर में भी कोरोना का असर...महंगी शराब की बिक्री 70 फीसदी तक घटी

प्रशासन ने रैंडम सैंपलिंग को भी बढ़ावा दिया है. साथ ही कोरोना पॉजिटिव पाए गए लोगों की ट्रैवल हिस्ट्री और उनके कॉन्टेक्ट में आए लोगों को ट्रेस किया जा रहा है. जिससे की कोरोना की चेन को ब्रेक किया जा सके. जिला कलेक्टर ने सरकारी और गैर सरकारी कर्मचारियों के डेली अपडाउन पर रोक लगा दी है. जो भी कर्मचारी इसका उल्लंघन करेगा. उसके खिलाफ आपदा अधिनियम के तहत कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं.

भारतीय बैंक पहले से ही घाटे में चल रहे थे. उसके बाद कोरोना का कहर उनपर दोहरे संकट की तरह आया. अब बैंकों के सामने चुनौती है कि कैसे वो अपने कर्मचारियों को सुरक्षित रखते हुए, लोगों को सर्विस प्रोवाइड करवाते हैं. आने वाले दिनों में कोरोना का संक्रमण और ज्यादा बढ़ने वाला है. जिसको लेकर बैंक क्या रणनीति अपनाते हैं, ये देखने वाली बात होगी.

बूंदी. कोरोना काल में बैंककर्मी दो मोर्चों पर लड़ाई लड़ रहे हैं. एक तरफ उन्हें पिछले कई दिनों से पेंडिंग पड़े काम के साथ लोगों को बैंकिंग सेवाएं भी उपलब्ध करानी हैं. साथ ही खुद को कोरोना से भी बचाना है. ग्रामीण इलाकों में जहां लोग अब भी ट्रेडिशनल बैंकिंग के तरीके को अपनाते हैं. जिसके चलते लोग अपने बैंक संबंधित कामों के लिए बैंक शाखाओं में आते हैं.

बूंदी जिले में सरकारी और प्राइवेट बैंको की कुल 128 शाखाएं हैं

कोरोना काल में बैंक एक ऐसा सेक्टर है जहां लोगों का डेली आना-जाना रहता है. लॉकडाउन के बाद लोग आर्थिक संकट से जुझ रहे हैं. ऐसे में लोग अपनी जमा पूंजी खातों से निकालने के लिए बैंकों का रुख कर रहे हैं. बूंदी जिले में शुरुआती दौर में 70 दिनों तक एक भी कोरोना वायरस का पॉजिटिव मरीज सामने नहीं आया था. जिसके कारण बूंदी के बैंकिंग सेक्टर पर कुछ ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ा. लेकिन अब बूंदी के करीब एक दर्जन कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं जो बैंकिंग सेक्टर से जुड़े हुए हैं.

पढ़ें: कोरोना के खिलाफ और मजबूती से लड़ेगा बूंदी, जल्द स्थापित होगा दूसरा कोविड केयर सेंटर और लैब

बूंदी में कितने बैंक कर्मचारी कार्यरत हैं ?

बूंदी जिले में सरकारी और प्राइवेट बैंकों की कुल 128 शाखाएं हैं. जिनमें से केवल 32 शाखाएं बूंदी शहर में स्थित हैं. जिले भर की 128 शाखाओं में 400 से अधिक कर्मचारी काम करते हैं. इनमें बैंक में काम करने वाले कर्मचारियों के साथ सिक्योरिटी स्टाफ और अधिकारी भी शामिल हैं. सभी कर्मचारी नियमित रूप से ब्रांच में आकर काम कर रहे हैं.

corona virus , banking sector,  special report,  bank employee
दर्जन भर कर्मचारी आ चुके हैं कोरोना पॉजिटिव

कितने कर्मचारी कोरोना की चपेट में आए

बूंदी में दर्जन भर कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. लीड मैनेजर अक्षय कुमार बताते हैं कि अनलॉक के बाद कुछ बैंक कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. लेकिन जितने भी कर्मचारी पॉजिटिव आए हैं, वो छोटी फाइनेंस कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारी हैं. लेकिन कोरोना के खतरे को देखते हुए सभी बैंक कर्मचारियों के कोरोना टेस्ट करवाए गए हैं. कर्मचारियों के डेली अप डाउन पर रोक लगा दी गई है. कर्मचारियों को बैंक शाखा के आस-पास के इलाके में ही ठहरने के लिए कहा गया है. साथ ही जितने भी कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव थे, वो कोरोना से रिकवर हो गए हैं.

कोरोना काल में बैंकों का काम किस तरह से प्रभावित हुआ

कोरोना के बाद देशभर में लगे लॉकडाउन ने सभी सेक्टर्स को अपनी चपेट में ले लिया. बैंकिंग सेक्टर भी इससे अछूता नहीं रहा. लॉकडाउन के शुरुआत में बैंकों के सामने किस तरह की दिक्कत आ रही थी, इसके बारे में बूंदी के लीड मैनेजर अक्षय कुमार बताते हैं कि शुरुआती दिनों में बैंक में चुनिंदा लोगों की ही एंट्री के आदेश थे. लॉकडाउन के चलते कस्टमर बैंकों तक नहीं पहुंच पा रहे थे. जिससे बैंक का काम प्रभावित हुआ. बैंकों ने अपनी सर्विसेज में कटौती की. बैंकों ने केवल 5 तरह की सर्विसेज को ही चालू रखा. बाकी की सेवाओं को कुछ वक्त के लिए रोकना पड़ा. कैश विड्रोल, कैश डिपोजिट, गवर्मेंट ट्रांजेक्शन जैसी ही सर्विस चालू थी. लेकिन अब बैंक पूरी क्षमता के साथ काम कर रहे हैं.

corona virus , banking sector,  special report,  bank employee
बैंक में एंट्री से पहले की जा रही है थर्मल स्क्रीनिंग

पढ़ें: स्पेशल: Corona से सुरक्षा में मददगार बन रहा आरोग्य सेतु एप, अब तक कई मामले आ चुके सामने

अक्षय कुमार बताते हैं कि फाइनेंशियल एक्टिविटीज में किसी तरह का कोई जाम ना लगे, इसके लिए बैंकों ने लोगों को बुलाकर उनकी बकाया राशि भुगतान की. ताकि वित्तीय सुविधाओं के अभाव में कोई काम ना रूके. अनलॉक के बाद बैंकों की एक्टिविटी पहले की तरह शुरू हो गई हैं. पेंडिंग काम को भी ऑनलाइन जल्द से जल्द निपटाया जा रहा है.

कोरोना से बचाव के लिए किस तरह के उपाय किए जा रहे हैं

कोरोना वायरस का संक्रमण अब लगातार बढ़ता जा रहा है. बूंदी जिले में शुरुआत में कोई भी कोरोना केस सामने नहीं आया था. लेकिन अनलॉक के बाद लोगों की आवाजाही होने लगी. जिससे जिले में कोरोना के केसों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. बैंकों की तरफ से भी कर्मचारियों को कोरोना से बचाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं. जो भी कस्टमर बैंक में आता है, उसका सबसे पहले सिक्योरिटी गार्ड द्वारा थर्मल स्क्रीनिंग की जाती है. उसके बाद सैनिटाइजर से हाथ धुलवाकर ही कस्टमर को बैंक के अंदर एंट्री दी जा रही है. वहीं बैंकों को भी प्रॉपर सैनिटाइज करवाया जा रहा है. सरकार की तरफ से जारी कोरोना गाइडलाइन का पालन किया जा रहा है. सभी कर्मचारियों के लिए मास्क लगाना अनिवार्य है और बैंक में आने वाले कस्टमर को भी इसके लिए पाबंद किया गया है.

प्रशासन किस तरह से तैयारी कर रहा है

बूंदी प्रशासन भी कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है. प्रशासन की तरफ से रोजाना 250 से ज्यादा सैंपल लिए जा रहे हैं. साथ ही सुपर स्प्रेडर के कोरोना सैंपल लिए जा रहे हैं. प्रशासन ने जिला कलेक्टर के आदेश के बाद सभी बैंक कर्मचारियों के सैंपल लिए. जिनकी रिपोर्ट नेगेटिव आ गई है. चिकित्सा विभाग ने उन बैंक शाखाओं को सील कर दिया जहां कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे.

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प्रशासन ने रैंडम सैंपलिंग को भी बढ़ावा दिया है. साथ ही कोरोना पॉजिटिव पाए गए लोगों की ट्रैवल हिस्ट्री और उनके कॉन्टेक्ट में आए लोगों को ट्रेस किया जा रहा है. जिससे की कोरोना की चेन को ब्रेक किया जा सके. जिला कलेक्टर ने सरकारी और गैर सरकारी कर्मचारियों के डेली अपडाउन पर रोक लगा दी है. जो भी कर्मचारी इसका उल्लंघन करेगा. उसके खिलाफ आपदा अधिनियम के तहत कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं.

भारतीय बैंक पहले से ही घाटे में चल रहे थे. उसके बाद कोरोना का कहर उनपर दोहरे संकट की तरह आया. अब बैंकों के सामने चुनौती है कि कैसे वो अपने कर्मचारियों को सुरक्षित रखते हुए, लोगों को सर्विस प्रोवाइड करवाते हैं. आने वाले दिनों में कोरोना का संक्रमण और ज्यादा बढ़ने वाला है. जिसको लेकर बैंक क्या रणनीति अपनाते हैं, ये देखने वाली बात होगी.

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