बूंदी. राजस्थान में लगातार कोरोना वायरस के संक्रमण में इजाफा हो रहा है. रोजाना कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ रही है. वहीं राजस्थान के कुछ ही जिले ग्रीन जोन में शामिल हैं और सभी सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं. ऐसे में 4 मई के साथ ही उनमें ग्रीन जोन की सुविधा लागू हो गई थी. यहां पर सभी बाजारों को खोलने का आदेश जारी होने के बाद बाजार खुल गए, लेकिन इन बाजारों में भारी भीड़ रही और सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ती हुई नजर आई.
ऐसे में व्यापार संघ की हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि शहर में वाहनों को पूरी तरह से बंद किया जाएगा और पैदल ही ग्राहक खरीदारी करने के लिए दुकान पर पहुंचेंगे. मंगलवार को लागू ही इस नई व्यवस्था को अधिकतम व्यापार संघ ने लागू कराया और लोग खरीदारी करने पहुंचे तो सोशल डिस्टेंसिंग पालना भी हुई और बाजारों में भीड़ भी कम कर रही. एक तरफ अधिकतर व्यापार संघ इस पहल की तारीफ कर रहा था तो दूसरी ओर बूंदी का किराना संघ इस व्यवस्था का विरोध कर रहा है. शहर में इस व्यवस्था का विरोध करते हुए किराना संघ ने मांग की है कि इन बाजारों में वाहनों को रोका जा रहा है, वह न रोका जाए. साथ ही सभी व्यापारियों के वाहनों को अंदर आने दिया जाए, जिससे उन्हें परेशानी का सामना न करना पड़े.
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वहीं पुलिस प्रशासन का कहना है कि यह व्यवस्था उनके लिए ही लागू की गई है, अगर वह थोड़ी सी तकलीफ पालेंगे तो देश हित में कुछ फर्क नहीं पड़ेगा. लेकिन किराना संघ नहीं माना और बुधवार को चेतावनी देते हुए किराना संघ ने शहर की सभी दुकानों को बंद रखा. ऐसे में सुबह 10 बजे शहर की कोई सी भी किराना की दुकान नहीं खुली. विरोध के बाद किराना संघ ने जिला कलेक्टर बूंदी से समय लिया, लेकिन उन्हें जिला कलक्टर ने समय नहीं दिया. किराना संघ का कहना है कि जिला कलक्टर से वार्ता करने के बाद ही दुकानों को खोला जाएगा.
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शहर का अधिकतम व्यापार संघ पुलिस की इस नई व्यवस्था की तारीफ कर रहा है और पुलिस के सम्मान में तालियां बजाकर उनका हौसला अफजाई कर रहा है. इस नई व्यवस्था से शहर के बाजार भी सकून में है और व्यवस्थाएं माकूल नजर आ रही है. लेकिन यह बात कि किराना संघ को नागवार साबित हो रही है और किराना संघ ने इस संकट की घड़ी में अपना अलग से आंदोलन शुरू कर दिया है. आमतौर पर रोजमर्रा की चीजों में काम आने वाले किराना संघ ने अपनी हठधर्मिता दिखाते हुए दुकानों को बंद कर विरोध करना शुरू कर दिया है.