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बूंदी में गरबा और डांडिया खेलने को लेकर युवाओं में दिखा उत्साह - पारंपरिक लोकगीत

बूंदी जिले में शारदीय नवरात्र में गुजराती संस्कृति की झलक देखने को मिल रही है. माता रानी के पांडालों में गरबा-डांडिया और पारंपरिक लोकगीत पर लोगों के पैर खुद-ब-खुद उठ रहे है. शहर में कई स्थानों पर लोग हाथों में डांडिया लिए गरबा खेलते हुए नजर आए.

Shardiya Navratri, Bundi news, शारदीय नवरात्र
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Published : Oct 6, 2019, 10:49 AM IST

बूंदी. जिले में शारदीय नवरात्र के तहत इन दिनों गरबा-डांडिया को लेकर लोगों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. छोटी काशी बूंदी भी गरबा-डांडिया की धूम से सराबोर दिखाई दे रहा है. यहां पर नवरात्र के अंतिम दिनों में गरबा- डांडिया की धूम लगातार बढ़ती ही जा रही है. शहर के विभिन्न इलाकों में गरबा- डांडिया कार्यक्रम आयोजित हुए. जहां पर युवक- युवतियां, महिला-पुरुष और बच्चे गरबा करने पहुंचे. इस दौरान कई जगह पर प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जा रहा है.

शारदीय नवरात्र के मौके पर गरबा और डांडिया की धूम

बता दें कि इस दौरान कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. जिसमें कई महिला-पुरुष विजेता भी घोषित हुए. ढलती शाम के साथ गुजराती और राजस्थानी परिधानों में सजे- धजे लोग गरबा करने पहुंचे.

पढ़ें- अजमेर ः नवरात्रा में होगा 41 फीट महिषासूर का दहन, 18 सालों से चली आ रही परंपरा

शहर में विभिन्न जगहों पर गरबा महोत्सव का धूमधाम के साथ आयोजन हो रहा है. गली मोहल्ला में सजे गरबा पांडालों में सांझ होते ही मां जगदंबा की आरती के बाद डांडिया रास का आयोजन शुरू किया जा रहा है. गरबा नृत्य देखने के लिए पांडालों में लोगों की काफी भीड़ देखने को मिलती है. देर रात्रि तक डांडिया की खनक के साथ गुजराती और मारवाड़ी गीतों पर युवा नेता झूमते नजर आते हैं. शहर की विभिन्न कॉलोनियों में इस तरीके के आयोजन हो रहे हैं.

पढ़ें- अजमेरः सांप के डसने से 3 साल के बच्चे की इलाज के दौरान मौत

कहते हैं कि त्यौहार सामाजिक समरसता का प्रतीक होता है. इनके जरिए आपसी प्रेमभाव मजबूत होता है. इन दिनों शारदीय नवरात्र के दौरान शहर में सजे पांडाल में जगह-जगह गरबा महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. जिसमें बड़ी संख्या में लोग भाग ले रहे हैं. छोटीकाशी बूंदी में भी हर साल इस तरीके के आयोजन होते रहते हैं और पूरे दिन नवरात्रि में इस तरीके से डांडिया रास खेला जाता है.

बूंदी. जिले में शारदीय नवरात्र के तहत इन दिनों गरबा-डांडिया को लेकर लोगों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. छोटी काशी बूंदी भी गरबा-डांडिया की धूम से सराबोर दिखाई दे रहा है. यहां पर नवरात्र के अंतिम दिनों में गरबा- डांडिया की धूम लगातार बढ़ती ही जा रही है. शहर के विभिन्न इलाकों में गरबा- डांडिया कार्यक्रम आयोजित हुए. जहां पर युवक- युवतियां, महिला-पुरुष और बच्चे गरबा करने पहुंचे. इस दौरान कई जगह पर प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जा रहा है.

शारदीय नवरात्र के मौके पर गरबा और डांडिया की धूम

बता दें कि इस दौरान कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. जिसमें कई महिला-पुरुष विजेता भी घोषित हुए. ढलती शाम के साथ गुजराती और राजस्थानी परिधानों में सजे- धजे लोग गरबा करने पहुंचे.

पढ़ें- अजमेर ः नवरात्रा में होगा 41 फीट महिषासूर का दहन, 18 सालों से चली आ रही परंपरा

शहर में विभिन्न जगहों पर गरबा महोत्सव का धूमधाम के साथ आयोजन हो रहा है. गली मोहल्ला में सजे गरबा पांडालों में सांझ होते ही मां जगदंबा की आरती के बाद डांडिया रास का आयोजन शुरू किया जा रहा है. गरबा नृत्य देखने के लिए पांडालों में लोगों की काफी भीड़ देखने को मिलती है. देर रात्रि तक डांडिया की खनक के साथ गुजराती और मारवाड़ी गीतों पर युवा नेता झूमते नजर आते हैं. शहर की विभिन्न कॉलोनियों में इस तरीके के आयोजन हो रहे हैं.

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कहते हैं कि त्यौहार सामाजिक समरसता का प्रतीक होता है. इनके जरिए आपसी प्रेमभाव मजबूत होता है. इन दिनों शारदीय नवरात्र के दौरान शहर में सजे पांडाल में जगह-जगह गरबा महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. जिसमें बड़ी संख्या में लोग भाग ले रहे हैं. छोटीकाशी बूंदी में भी हर साल इस तरीके के आयोजन होते रहते हैं और पूरे दिन नवरात्रि में इस तरीके से डांडिया रास खेला जाता है.

Intro:शारदीय नवरात्र में गरबा डांडिया की धूम दिखाई दे रही है । छोटी काशी बूंदी में भी गरबा डांडिया की धूम से सराबोर दिखाई दे रहा है । यहां पर नवरात्र के अंतिम दिनों में गरबा और डांडिया की धूम लगातार बढ़ती जा रही है। शहर में विभिन्न इलाकों मैं गरबा व डांडिया कार्यक्रम आयोजित हुए जहां पर सजे धजे युवक युवतियां महिला-पुरुष व बच्चे गरबा करने पहुंचे। इस दौरान कई जगह पर प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जा रहा है। छोटीकाशी बूंदी गरबा डांडिया की नृत्य में डूबी हुई है।


Body:बूंदी शारदीय नवरात्र में गुजरात की संस्कृति सराबोर में मरुधरा सतरंगी हो गई है । गरबा डांडिया के गीतों पर पारंपरिक लोकगीत लोगों के पैर खुद-ब-खुद उठ रहे है और गरबा किया जा रहा है । समूचा शहर गरबा डांडिया की धूम से सराबोर दिखाई दिया ओर जगह-जगह लोग हाथों में डांडिया लिए गरबा खेलते हुए नजर आए । शहर के विभिन्न इलाकों में गरबा रास की शुरुआत हुई जहां पर प्रतियोगिताएं भी आयोजित हुई । इन प्रतियोगिता में विभिन्न जगह पर महिला पुरुष विजेता रहे। वही ढलती शाम के साथ गुजराती व राजस्थानी परिधानों में सजे धजे युवक- यूतियां, महिलाएं- पुरुष बच्चे गरबा करने पहुंचे । मारो सोना रो घड़लो , पंखिड़ा रे पंखिड़ा उड़ ना जाना, मारी अंबे मैया ने मैं तो, गरबा रमवा जैसे मधुर गीतों की फिजा में शहर गूंज उठा सतरंगी लाइटों से शहर में दिवाली का एहसास हुआ ।

शहर में विभिन्न जगहों पर गरबा महोत्सव का धूमधाम के साथ आयोजन हो रहा है । गली मोहल्ला में सजे गरबा मंडप में सांझ होते ही मां जगदंबा की आरती के पश्चात डांडिया रास का आयोजन शुरू किया जा रहा है। रातों रात होते-होते गरबा पांडाल में रौनक छा जाती है । गरबा नृत्य देखने के लिए लोगों की भीड़ पांडाल में होती है । देर रात्रि तक डांडिया की खनक के साथ गुजराती व मारवाड़ी गीतों पर युवा नेता करते नजर आते हैं ।शहर की विभिन्न कॉलोनियों में इस तरीके के आयोजन हो रहे हैं । विभिन्न कार्यक्रमों में जिला पुलिस द्वारा भी निगरानी की जा रही है।


Conclusion:त्योहार सामाजिक समरसता का प्रतीक है और इनके जरिए आपसी प्रेमभाव मजबूत होता है इन दिनों शारदीय नवरात्रा के दौरान शहर में गरबा पांडाल सजे हुए हैं और जगह-जगह इस तरीके के गरबा महोत्सव आयोजित किया जा रहा है । लोग तरह-तरह के परिधान पहनकर पहुंच रहे है और पांडाल की शोभा बढ़ा रहे हैं। छोटीकाशी बूंदी में भी हर साल इस तरीके के आयोजन होते हैं और सारे दिन नवरात्र में इस तरीके से डांडिया रास खेला जाता है।

बाईट - महिमा वर्मा , सजीधजी प्रतिभागी
बाईट - निधि माहेश्वरी , प्रतिभागी
बाईट - मोनिका गोविंद , प्रतिभागी
बाईट - योगेंद्र जैन , पार्षद
सलीम अली
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