केशवरायपाटन (बूंदी). बेमौसम बरसात और बदहाली के आंसू रो रहे काश्तकारों पर मानों कुदरत का कहर टूट पड़ा है. पिछले तीन चार सालों से किसान एक फसल पर निर्भर है. इस साल खरीफ की फसल अच्छी थी, लेकिन मौसम की मार से कई किसानों की फसलें नष्ट हो गई. देईखेड़ा थाना इलाके के आजंदा गांव में मंगलवार सुबह माइनर की दीवार टूटने से किसान जानकीलाल मीणा की धान की फसल जलमग्न हो गई.
जानकारी के मुताबिक माइनर में क्षमता से अधिक जलप्रवाह छोड़ने और माइनर की समय पर मोनिटरिंग नहीं करने से यह नुकसान हुआ है. किसान ने कहा कि इस साल बरसात नहीं होने से हजारों का डीजल फूंक कर धान को पानी दिया था. इससे काफी उम्मीदें थी, लेकिन मंगलवार को माइनर की दीवार टूटने से खेत मे कटी पड़ी बारह बीघा धान की फसल जलमग्न हो गई.
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इसकी सूचना सीएडी विभाग के कार्मिकों को भी दी गई. दोपहर तक वे माइनर पर पहुंचे. तब तक किसान ने ही कट्टे लगाकर माइनर में सुरक्षा दीवार बना दी थी. फिलहाल किसान डीजल इंजन के सहारे अब खेत से पानी निकालकर फसल को बचाने की जुगत में लगा हुआ है.