बूंदी. राजस्थान पंचायत राज चुनाव में बूंदी से एक रोचक तस्वीर सामने आई है. यहां पर लक्ष्मीपुरा पंचायत सीट पर सरपंच बनने की चाहत रखने वाले पिता और दो पुत्र की आमने- सामने चुनाव लड़ने की खबर ने पूरे गांव में चर्चा बटोर ली. अब तीनों चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं.
पढ़ें- 22 साल की वर्षा का पंच, IAS की पत्नी को हराकर बनीं सरपंच
दरअसल, तीनों प्रत्याशियों को अलमारी चिन्ह चाहिए था. बताते है कि इस पंचायत में जिस प्रत्याशी को अलमारी चुनाव चिन्ह मिला है, वो जीत दर्ज करता है, अभी तक ऐसा ही हुआ है कि अलमारी चुनाव चिन्ह वाले प्रत्याशी ने जीत हासिल है. इसलिए तीनों प्रत्याशियों (पिता और दो पुत्र) ने चुनावी चिन्ह अलमारी लेने के लिए चुनाव लड़ने की ठानी और एक दूसरे के खिलाफ चुनाव मैदान में कूद पड़े, लेकिन अलमारी चुनाव चिन्ह तीनों को ही आवंटन नहीं हो सका. फिर पिता और दो पुत्र मैदान में होने से लक्ष्मीपुरा ग्राम पंचायत कि यह सीट रोचक हो गई और काफी चर्चा में यह गांव चल रहा है. हालांकि चर्चा का विषय ज्यादा होने से केवल बड़ा पुत्र रामदेव भील मैदान में उतरा है, बाकी पिता और छोटा पुत्र उसके साथ घूमकर प्रचार कर रहे है.
बता दें कि जब चुनाव चिन्ह अलमारी नहीं मिला तो एक ही परिवार से तीन जने चुनावी मैदान में कैसे लड़े, यहां पर परिवार में तय हुआ कि पिता और दो पुत्रों में से रामदेव (बड़ा पुत्र) ही इस ग्राम पंचायत से चुनाव लड़ेगा. बाकी पिता और दूसरा पुत्र उसे समर्थन देगा. इन तीनों के नामांकन दाखिल भी हुए और उन नामांकन को पास भी कर दिया गया. अब गांव में पिता-पुत्र की इस जोड़ी की खूब चर्चा हो रही है और यह चुनाव इस गांव में खास बन गया है.
लक्ष्मीपुरा में 9 सरपंच उम्मीदवार
जानकारी के अनुसार जिले की तालेड़ा पंचायत समिति के ग्राम लक्ष्मीपुरा पंचायत चुनाव में नाम वापसी के बाद 9 सरपंच उम्मीदवार मैदान में रहे हैं. जिनमें से तीन ऐसे उम्मीदवार हैं जो रिश्ते में सगे भाई और पिता पुत्र है. इन तीनों की उम्मीदवारी से लक्ष्मीपुरा ग्राम पंचायत का चुनाव रोचक हो गया है.
पढ़ें- पारिवारिक वर्चस्वः पति विधायक तो पत्नी दूसरी बार चुनी गई सरपंच
प्रत्याशियों के लिए लक्की है चुनाव चिन्ह अलमारी
बताया जाता है कि लक्ष्मीपुरा ग्राम पंचायत में 20 साल से जिस सरपंच को अलमारी का चुनाव चिन्ह आवंटित होता था. वहीं जीत दर्ज करता है. ऐसे में तीनों पिता पुत्र ने ठानी की हमें अलमारी चिन्ह मिल जाएगा, तो हमारी भी जीत हो जाएगी, तो तीनों ही ने नामांकन दाखिल कर दिया. लेकिन तीनों में से किसी को भी चुनाव चिन्ह आवंटित नहीं हुआ. पिता गोमदा 7 वर्षीय को चुनाव चिन्ह बल्ला मिला, जबकि उनके बड़े पुत्र रामदेव गोमदा को कैमरा और छोटा पुत्र प्रहलाद गोमदा को ब्रश मिला. यह दोनों सगे भाई और पिता अब चुनाव मैदान में तीनों एक साथ उतर कर प्रचार प्रसार कर रहे हैं.
पढ़ें- Exclusive: पाक मूल की 'भारतीय' सरपंच नीता कंवर बोलीं- CAA कई बेटियों के लिए है जरूरी
29 जनवरी को होगा तीसरे चरण का मतदान
राजस्थान में पंचायती राज आम चुनाव 2020 के तहत तीसरे चरण में बूंदी जिले के तालेड़ा व बूंदी पंचायत समिति में चुनाव होने हैं. यहां तालेड़ा पंचायत समिति के लक्ष्मीपुरा में सरपंच-पंच का चुनाव होना है. 29 जनवरी को इसके लिए मतदान होगा और प्रत्याशी अपने-अपने प्रचार में दमखम झोंक हुए है. इससे पहले प्रथम चरण में बूंदी के केशोरायपाटन की अनरेठा ग्राम पंचायतों में दो पत्नियां के साथ पति आमने-सामने चुनाव मैदान में थे. साथ ही इसी पंचायत से दो सगे भाई भी चुनावी मैदान में खड़े हुए थे, हालांकि यह सभी चुनाव जीत नहीं सके, लेकिन फिर भी लोकतंत्र में इस रोचक तस्वीर को देख अनरेठा ग्राम पंचायत चर्चा में आ गई थी. अब 29 जनवरी को चुनाव में अलमारी वाले दूसरे प्रत्याशी की जीत होती है या इन तीनों में से किसी एक की यह देखना होगा. साथ ही अलमारी वाले प्रत्याशी की जीत फिर से होगी या यह मिथक इस बार टूट के किसी दूसरे चुनाव चिन्ह पर लग जाएगा.