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स्पेशल रिपोर्ट : बूंदी जिले में बारिश से तबाह हुई फसलें, किसान को आस- 'राम तो रूठे, राज वालो कुछ तो करो'

बूंदी जिले में हुई पिछले 2 माह से लगातार बारिश के बाद बूंदी जिले में फसलें चौपट हो चुकी हैं. यहां सोयाबीन, मक्का, उड़द की खड़ी फसलें बर्बाद होने से किसान की चिंताएं बढ़ गई हैं. वहीं बूंदी प्रशासन द्वारा राज्य सरकार को 100 प्रतिशत खराबा की रिपोर्ट भेज दी गई है.

बून्दी के किसान, crops waste survey report
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Published : Sep 19, 2019, 7:25 PM IST

बूंदी. जिले में लगातार हुई बारिश से किसान एक बार फिर कर्ज में डूबता जा रहा है. जिले में लगातार बारिश के बाद जलमग्न हुए खेतों में खड़ी फसलें गल गई. जिसके कारण किसान काफी चिंतित नजर आ रहा है. किसानों का कहना है कि राम तो रूठ गया लेकिन राज से वे आस लगाए बैठे हैं.

बून्दी में किसानों की बढ़ी चिंता, सर्वे रिपोर्ट पर सरकार के मुआवजे का इंतजार

बून्दी जिला प्रशासन ने सरकार को पूर्ण खराबे की गिरदावरी रिपोर्ट भेज दी है लेकिन मुश्किलें इस बात की हैं कि सरकार इसे पूर्ण खराबा मानती है या नहीं. वहीं प्रशासन द्वारा अपने स्तर पर रोज सर्वे करवाया जा रहा है. लेकिन किसानों का कहना है कि सर्वे से कुछ होगा नहीं हमें तो मुआवजा चाहिए. क्योंकि बर्बादी के हिसाब से जितना मुआवजा दिया जाए उतना कम है.

पढ़ेंः स्पेशल स्टोरी: चंबल की तबाही से मंदिर, मस्जिद और स्कूल भी नहीं बचे

बारिश के बाद खराबे पर नजर डालें तो लगातार बारिश के बाद बाढ़ जैसे हालात बन गए थे. फसलें चौपट होने के साथ-साथ किसनों के घर भी तबाह हो गए थे. जिले के अधिकांश हिस्सों में भारी बारिश के चलते अधिकतर किसान इसकी चपेट में बताए जा रहे हैं. जिले में मुख्य रूप से सोयाबीन, उड़द, मक्का की फसलें उगाई जाती हैं जो कि पक चुकी थी. ऐसे में मुख्य फसलों को नुकसान होने से किसानों के आगे रोजी रोटी का संकट भी पैदा हो गया है. किसानों का कहना है कि लगातार बारिश के दौर में हमें कर्जदार बना दिया है.

पढ़ेंः स्पेशल स्टोरी: कोटा में 'बाढ़' बहा ले गई सैकड़ों आशियाने

जिला प्रशासन जो सर्वे रिपोर्ट तैयार कर रहा है उसमें भी 100% प्रतिशत खराबा होने की बात सामने आई है. बूंदी जिला मुख्यालय समेत केशोरायपाटन, हिंडोली एवं नैनवा क्षेत्रों में फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गई हैं. वहीं किसानों के सामने मुख्य संकट इस बात का भी है कि अगली फसल तैयार करने में उन्हें काफी जोखिम उठाना होगा. अगर सरकार की तरफ से उन्हें मुआवजा मिलता है तो कई किसान बर्बाद होने बच जाएंगे. किसानों की भी यही मांग है कि जल्द से जल्द मुआवजा मिले ताकि वे दूसरी फसल की तैयारी कर सकें .

बूंदी. जिले में लगातार हुई बारिश से किसान एक बार फिर कर्ज में डूबता जा रहा है. जिले में लगातार बारिश के बाद जलमग्न हुए खेतों में खड़ी फसलें गल गई. जिसके कारण किसान काफी चिंतित नजर आ रहा है. किसानों का कहना है कि राम तो रूठ गया लेकिन राज से वे आस लगाए बैठे हैं.

बून्दी में किसानों की बढ़ी चिंता, सर्वे रिपोर्ट पर सरकार के मुआवजे का इंतजार

बून्दी जिला प्रशासन ने सरकार को पूर्ण खराबे की गिरदावरी रिपोर्ट भेज दी है लेकिन मुश्किलें इस बात की हैं कि सरकार इसे पूर्ण खराबा मानती है या नहीं. वहीं प्रशासन द्वारा अपने स्तर पर रोज सर्वे करवाया जा रहा है. लेकिन किसानों का कहना है कि सर्वे से कुछ होगा नहीं हमें तो मुआवजा चाहिए. क्योंकि बर्बादी के हिसाब से जितना मुआवजा दिया जाए उतना कम है.

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बारिश के बाद खराबे पर नजर डालें तो लगातार बारिश के बाद बाढ़ जैसे हालात बन गए थे. फसलें चौपट होने के साथ-साथ किसनों के घर भी तबाह हो गए थे. जिले के अधिकांश हिस्सों में भारी बारिश के चलते अधिकतर किसान इसकी चपेट में बताए जा रहे हैं. जिले में मुख्य रूप से सोयाबीन, उड़द, मक्का की फसलें उगाई जाती हैं जो कि पक चुकी थी. ऐसे में मुख्य फसलों को नुकसान होने से किसानों के आगे रोजी रोटी का संकट भी पैदा हो गया है. किसानों का कहना है कि लगातार बारिश के दौर में हमें कर्जदार बना दिया है.

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जिला प्रशासन जो सर्वे रिपोर्ट तैयार कर रहा है उसमें भी 100% प्रतिशत खराबा होने की बात सामने आई है. बूंदी जिला मुख्यालय समेत केशोरायपाटन, हिंडोली एवं नैनवा क्षेत्रों में फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गई हैं. वहीं किसानों के सामने मुख्य संकट इस बात का भी है कि अगली फसल तैयार करने में उन्हें काफी जोखिम उठाना होगा. अगर सरकार की तरफ से उन्हें मुआवजा मिलता है तो कई किसान बर्बाद होने बच जाएंगे. किसानों की भी यही मांग है कि जल्द से जल्द मुआवजा मिले ताकि वे दूसरी फसल की तैयारी कर सकें .

Intro:बूंदी जिले में हुई पिछले 2 माह से लगातार बारिश के बाद बूंदी जिले में फसलें चौपट हो चुकी है। यहां पर सोयाबीन ,मक्का उड़द की फसलें पूरी तरह से तबाह हो गई है । अब किसान पूरी तरह से चिंतित है । किसान कह कर रहे हैं कि अब राम तो रूठ गया लेकिन वह राज से आस लगाए बैठे हैं कि राज कुछ उनकी सुन लगेगा । वही बूंदी प्रशासन द्वारा राज्य सरकार को 100 प्रतिशत खराबा की रिपोर्ट भेज दी गई है ।


Body:बूंदी जिले में लगातार हुई बारिश से किसान एक बार फिर कर्ज की ओर अग्रसर हुआ है । जिले में लगातार बारिश के बाद फसलें जलमग्न हो गई है और खेतों में खड़ी फसल में पानी भर जाने से वह गल गई है तथा खराब हो गई है । जिसके कारण किसान काफी चिंतित नजर आ रहा है । किसानों का कहना है कि राम तो रूठ गया लेकिन राज से किसान आस लगाए बैठे हैं । अब देखने वाली बात यह होगी कि बूंदी जिले में लगातार बारिश के बाद जो रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजी गई है वह पूर्ण रूप से फसल खराबे मानती है या नहीं यह देखना होगा। वहीं प्रशासन द्वारा अपने स्तर पर रोज सर्वे करवाया जा रहा है। लेकिन किसानों का कहना है कि सर्वे से कुछ होगा नहीं हमें तो मुआवजा चाहिए । क्योंकि बर्बादी इस तरीके से है कि किसानों को जितना मुआवजा दिया जाए उतना कम होगा। जिले में लगातार बारिश के बाद बाढ़ जैसे हालात बन गए । उसी के साथ ही घर भी लोगों के उजड़ गए लेकिन इस बर्बादी के आलम में किसान भी बच नहीं पाया । किसानों की फसलें चौपट हो गई । बूंदी जिले में मुख्य रूप से सोयाबीन ,उड़द ,मक्का की फसलों को अधिकांश रूप से नुकसान पहुंचा है। जिला प्रशासन इस मामले में सर्वे रिपोर्ट तैयार करने में लगा हुआ है वहीं 100% प्रतिशत यहां पर बूंदी जिले में फसल खराबा हो चुका है । वहीं जिले में लगातार बारिश का दौर जारी है जिसके चलते किसानों के खेतों में सोयाबीन उड़द मक्का की फसलें रूप से गल कर गई है और खेतों में ही खराब हो गई है। किसानों ने सोचा था कि अच्छी बरसात हुई है तो अच्छी पैदावार होगी लेकिन पैदावार होने से पहले ही किसानों की फसलें खेत में ही खराब हो गई पानी भर जाने के चलते फसलें पीली पड़ गई है और सड़ गई है । यहां तक कि मक्का एवं सोयाबीन फसल तो जमीडोज हो गई है । खेतों में तो घास का मंजर दिखाई दे रहा है यहां फसल के पत्ते तक नजर नहीं आ रहे हैं जिसके चलते किसान काफी चिंतित है । किसानों का कहना है कि लगातार बारिश के दौर में हमें कर्जदार बना दिया । अब राम रुठ जाने के बाद हमें केवल राजी आशा रहे हैं कि वह जल्द से जल्द हमें मुआवजा मिले ताकि हम हमारी दूसरी फसल की तैयारी कर सकें ।


Conclusion:बूंदी जिले में पिछले 2 माह में इस तरीके से बरसात हुई कि इन फसलों को चौपाट होते किसानों ने देखा । लेकिन वह करते भी क्या सैलाब का मंजर इस तरीके से था कि सब कुछ तबाह कर दिया । बूंदी जिले के केशोरायपाटन विधानसभा व बूंदी विधानसभा तथा हिंडोली एवं नैनवा विधानसभा में यह फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गई है । बूंदी जिले में प्रशासन द्वारा 100% खराबा फसलों का मान लिया गया है और रिपोर्ट भी भिजवा दी गई है। लेकिन इस तरीके से लगातार सैलाब के मंजर ने सब को झुकने पर मजबूर कर दिया है । सैलाब के आगे हर कोई मजबूर हो चुका है सब ने अपने कदम हम लिए हैं। लेकिन जिस तरीके से बूंदी जिले में बर्बादी हुई है कहने कहीं किसानों पर आसमान से कहर बनकर आया है ।

बाईट -मूलचंद , किसान
बाईट - देवीलाल , किसान
बाईट - नरेश मीणा , किसान
बाईट - नरेंद्र , किसान
बाईट - राजेश जोशी , अतिरिक्त जिला क्लेक्टर ,बूंदी
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