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बूंदी में नए कृषि कानून में संशोधन करने की मांग

बूंदी में किसान संघर्ष समिति ने जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन करते हुए कृषि कानून में संशोधन करने की मांग की है. किसानों की मूल मांग है कि एमएसपी पर फिक्स रेट लागू होने के साथ खरीदने की गारंटी लागू करें. उसके बाद ही फसल को खरीदा जाए ताकि किसान बर्बाद नहीं हो.

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किसान कर रहे कृषि कानून में संशोधन करने की मांग
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Published : Sep 28, 2020, 9:50 PM IST

बूंदी. जिले में किसानों की विभिन्न मांगों को लेकर किसान संघर्ष समिति के बैनर तले किसानों ने सोमवार को जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन जिला कलेक्टर को सौंपा है. किसान संघर्ष समिति के संयोजक संदीप पुरोहित के नेतृत्व में पहुंचे सैकड़ों किसानों ने एमएसपी समर्थन मूल्य पर कृषि जिंसों की खरीद सुनिश्चित करने में कृषि कानून में संशोधन कर कृषि जिंसों की डेट फिक्स करने सहित विभिन्न मांगों को ज्ञापन जिला कलेक्टर को सौंपा है.

किसान कर रहे कृषि कानून में संशोधन करने की मांग

किसान संघर्ष समिति के जिला संयोजक संदीप पुरोहित ने बताया कि वर्तमान समय में किसान भयंकर आर्थिक संकट से गुजर रहा है. कम वर्षा और कीट के प्रकोप से अधिकांश फसलें नष्ट हो गई है और जो फसलें बच रही है वो कम भाव के कारण किसानों को आर्थिक नुकसान हो रहा है. ज्यादा लागत और कम भाव के चलते किसान आत्महत्या जैसा कदम उठाने को मजबूर हो रहा है.

उन्होंने कहा कि एक तरफ केंद्र सरकार की ओर से सभी कृषि जिंसों को एमएसपी होने के बावजूद भी मंडी में किसानों से समर्थन मूल्य से काफी कम रेट पर खरीदा जा रहा है, जिसमें किसानों का मानसिक तनाव भी बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि गेहूं की एमएसपी ₹1900 है जबकि मंडी में 1550 से 1600 क्विंटल के हिसाब से बिक रहा है. जबकि मंडी में मक्का 800 से 1000 बिक रहा है जबकि उसकी एमएसपी 1800 प्रति क्विंटल है.

उधर प्रकोप के कारण मक्का औसतन दो से तीन क्विंटल कम निकल रही है. उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान समय में धान ₹5000 प्रति क्विंटल बिक रहा है जबकि प्रति बीघा 10000 से 1200 सो रुपए खर्च आता है.

पढ़ें- बूंदी: बारिश ने खेत में खड़ी फसलों को किया बर्बाद, किसानों ने मुआवजे की मांग की

किसानों ने ज्ञापन देते हुए कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि अध्यादेश में एमएसपी पर गारंटी लागू करें, जिससे समर्थन मूल्य से कम भाव पर जींस नहीं बिके और किसान के माल की फिक्स डेट घोषित हो. उन्होंने अंत में कहा कि सरकार कृषि अध्यादेश में संशोधन करते हुए समर्थन मूल्य पर गारंटी लागू करे. उन्होंने कहा कि यदि समर्थन मूल्य से कम भाव में व्यापारी खरीदते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए. ज्ञापन देने में भारी संख्या में जिले के किसान मौजूद रहे.

बूंदी. जिले में किसानों की विभिन्न मांगों को लेकर किसान संघर्ष समिति के बैनर तले किसानों ने सोमवार को जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन जिला कलेक्टर को सौंपा है. किसान संघर्ष समिति के संयोजक संदीप पुरोहित के नेतृत्व में पहुंचे सैकड़ों किसानों ने एमएसपी समर्थन मूल्य पर कृषि जिंसों की खरीद सुनिश्चित करने में कृषि कानून में संशोधन कर कृषि जिंसों की डेट फिक्स करने सहित विभिन्न मांगों को ज्ञापन जिला कलेक्टर को सौंपा है.

किसान कर रहे कृषि कानून में संशोधन करने की मांग

किसान संघर्ष समिति के जिला संयोजक संदीप पुरोहित ने बताया कि वर्तमान समय में किसान भयंकर आर्थिक संकट से गुजर रहा है. कम वर्षा और कीट के प्रकोप से अधिकांश फसलें नष्ट हो गई है और जो फसलें बच रही है वो कम भाव के कारण किसानों को आर्थिक नुकसान हो रहा है. ज्यादा लागत और कम भाव के चलते किसान आत्महत्या जैसा कदम उठाने को मजबूर हो रहा है.

उन्होंने कहा कि एक तरफ केंद्र सरकार की ओर से सभी कृषि जिंसों को एमएसपी होने के बावजूद भी मंडी में किसानों से समर्थन मूल्य से काफी कम रेट पर खरीदा जा रहा है, जिसमें किसानों का मानसिक तनाव भी बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि गेहूं की एमएसपी ₹1900 है जबकि मंडी में 1550 से 1600 क्विंटल के हिसाब से बिक रहा है. जबकि मंडी में मक्का 800 से 1000 बिक रहा है जबकि उसकी एमएसपी 1800 प्रति क्विंटल है.

उधर प्रकोप के कारण मक्का औसतन दो से तीन क्विंटल कम निकल रही है. उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान समय में धान ₹5000 प्रति क्विंटल बिक रहा है जबकि प्रति बीघा 10000 से 1200 सो रुपए खर्च आता है.

पढ़ें- बूंदी: बारिश ने खेत में खड़ी फसलों को किया बर्बाद, किसानों ने मुआवजे की मांग की

किसानों ने ज्ञापन देते हुए कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि अध्यादेश में एमएसपी पर गारंटी लागू करें, जिससे समर्थन मूल्य से कम भाव पर जींस नहीं बिके और किसान के माल की फिक्स डेट घोषित हो. उन्होंने अंत में कहा कि सरकार कृषि अध्यादेश में संशोधन करते हुए समर्थन मूल्य पर गारंटी लागू करे. उन्होंने कहा कि यदि समर्थन मूल्य से कम भाव में व्यापारी खरीदते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए. ज्ञापन देने में भारी संख्या में जिले के किसान मौजूद रहे.

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