बूंदी. जिले में लगातार हुई बरसात के चलते पिछले 15 दिनों तक शहर बाढ़ की चपेट में रहा और कई कॉलोनियां जलमग्न रहीं. जिसको लेकर नगर परिषद की लापरवाही सामने आई है. शहर के सबसे बड़े नाले पर अतिक्रमण होने के चलते बाढ़ की स्थिति पैदा हुई. 72 फीट से 80 फीट का नाला शहर के जैतसागर से शुरू होता है जो करीब 10 किलोमीटर के एरिया को सम्मलित करते हुए मांगली नदी इलाके में खत्म होता है.
वहीं, इस नाले पर करीब 200 से ज्यादा मकान और स्कूल बने हुए हैं. नाले पर अतिक्रमण जवाहर कॉलोनी, महावीर कॉलोनी, पुलिस लाइन, शास्त्री नगर, देवपुरा ताल अतिक्रमण है. नाला कही 5 फिट तो कही 10 फिट चौड़ा रह गया है. ऐसे में जब दोनों झीलों का पानी इस नाले पर आया तो पानी बाढ़ के रूप में तब्दील हुआ हो गया और इलाका जलमग्न हो गया.
पढ़ें- प्रदेश में बढ़ते दलित अत्याचार के खिलाफ भाजपा का प्रदेश व्यापी विरोध प्रदर्शन
जिसके बाद 20 से ज्यादा कॉलोनी बाढ़ की चपेट में आ गई. पूरे मामले में ईटीवी भारत की खबर का संज्ञान लेते हुए जिला कलेक्टर ने जैतसागर के नाले पर अतिक्रमण को लेकर पटवारी, कानूनगो और नगर परिषद के अधिकारियों के साथ मिलकर नाले पर हो रहे अतिक्रमण का सर्वे करवाया था. करीब दो दिन तक चले सर्वे के बाद सर्वे प्रभारियों ने जिला कलेक्टर को रिपोर्ट सौंप दी है. जहां करीब 10 किलोमीटर के नाले पर दो सौ से अधिक अतिक्रमण की बात सामने आई है.
क्षेत्र के लोगों ने कलेक्टर से अतिक्रमण हटाने की मांग की है. साथ ही लोगों ने कहा कि प्रशासन ने हमें 7 दिन का समय दिया था जो 26 अगस्त को पूरा हो जाएगा. जिसके बाद 26 अगस्त को बड़ी संख्या में लोग जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन करेंगे और अतिक्रमण हटाने की मांग पुरजोर तरीके से रखेंगे.