ETV Bharat / state

जैतसागर नाले पर अतिक्रमण का सर्वे पूरा...अधिकारियों ने कलेक्टर को सौंपी रिपोर्ट

बूंदी के जैतसागर नाले पर अतिक्रमण का सर्वे पूरा हो गया है. दो दिनों तक चले 10 किलोमीटर के नाले पर अतिक्रमण के सर्वे की रिपोर्ट नगर परिषद के अधिकारियों ने जिला कलेक्टर को सौंप दी है.

Encroachment survey bundi, बूंदी में अतिक्रमण का सर्वे
author img

By

Published : Aug 23, 2019, 4:53 PM IST

बूंदी. जिले में लगातार हुई बरसात के चलते पिछले 15 दिनों तक शहर बाढ़ की चपेट में रहा और कई कॉलोनियां जलमग्न रहीं. जिसको लेकर नगर परिषद की लापरवाही सामने आई है. शहर के सबसे बड़े नाले पर अतिक्रमण होने के चलते बाढ़ की स्थिति पैदा हुई. 72 फीट से 80 फीट का नाला शहर के जैतसागर से शुरू होता है जो करीब 10 किलोमीटर के एरिया को सम्मलित करते हुए मांगली नदी इलाके में खत्म होता है.

जैतसागर नाले पर अतिक्रमण का सर्वे हुआ पूरा

वहीं, इस नाले पर करीब 200 से ज्यादा मकान और स्कूल बने हुए हैं. नाले पर अतिक्रमण जवाहर कॉलोनी, महावीर कॉलोनी, पुलिस लाइन, शास्त्री नगर, देवपुरा ताल अतिक्रमण है. नाला कही 5 फिट तो कही 10 फिट चौड़ा रह गया है. ऐसे में जब दोनों झीलों का पानी इस नाले पर आया तो पानी बाढ़ के रूप में तब्दील हुआ हो गया और इलाका जलमग्न हो गया.

पढ़ें- प्रदेश में बढ़ते दलित अत्याचार के खिलाफ भाजपा का प्रदेश व्यापी विरोध प्रदर्शन

जिसके बाद 20 से ज्यादा कॉलोनी बाढ़ की चपेट में आ गई. पूरे मामले में ईटीवी भारत की खबर का संज्ञान लेते हुए जिला कलेक्टर ने जैतसागर के नाले पर अतिक्रमण को लेकर पटवारी, कानूनगो और नगर परिषद के अधिकारियों के साथ मिलकर नाले पर हो रहे अतिक्रमण का सर्वे करवाया था. करीब दो दिन तक चले सर्वे के बाद सर्वे प्रभारियों ने जिला कलेक्टर को रिपोर्ट सौंप दी है. जहां करीब 10 किलोमीटर के नाले पर दो सौ से अधिक अतिक्रमण की बात सामने आई है.

क्षेत्र के लोगों ने कलेक्टर से अतिक्रमण हटाने की मांग की है. साथ ही लोगों ने कहा कि प्रशासन ने हमें 7 दिन का समय दिया था जो 26 अगस्त को पूरा हो जाएगा. जिसके बाद 26 अगस्त को बड़ी संख्या में लोग जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन करेंगे और अतिक्रमण हटाने की मांग पुरजोर तरीके से रखेंगे.

बूंदी. जिले में लगातार हुई बरसात के चलते पिछले 15 दिनों तक शहर बाढ़ की चपेट में रहा और कई कॉलोनियां जलमग्न रहीं. जिसको लेकर नगर परिषद की लापरवाही सामने आई है. शहर के सबसे बड़े नाले पर अतिक्रमण होने के चलते बाढ़ की स्थिति पैदा हुई. 72 फीट से 80 फीट का नाला शहर के जैतसागर से शुरू होता है जो करीब 10 किलोमीटर के एरिया को सम्मलित करते हुए मांगली नदी इलाके में खत्म होता है.

जैतसागर नाले पर अतिक्रमण का सर्वे हुआ पूरा

वहीं, इस नाले पर करीब 200 से ज्यादा मकान और स्कूल बने हुए हैं. नाले पर अतिक्रमण जवाहर कॉलोनी, महावीर कॉलोनी, पुलिस लाइन, शास्त्री नगर, देवपुरा ताल अतिक्रमण है. नाला कही 5 फिट तो कही 10 फिट चौड़ा रह गया है. ऐसे में जब दोनों झीलों का पानी इस नाले पर आया तो पानी बाढ़ के रूप में तब्दील हुआ हो गया और इलाका जलमग्न हो गया.

पढ़ें- प्रदेश में बढ़ते दलित अत्याचार के खिलाफ भाजपा का प्रदेश व्यापी विरोध प्रदर्शन

जिसके बाद 20 से ज्यादा कॉलोनी बाढ़ की चपेट में आ गई. पूरे मामले में ईटीवी भारत की खबर का संज्ञान लेते हुए जिला कलेक्टर ने जैतसागर के नाले पर अतिक्रमण को लेकर पटवारी, कानूनगो और नगर परिषद के अधिकारियों के साथ मिलकर नाले पर हो रहे अतिक्रमण का सर्वे करवाया था. करीब दो दिन तक चले सर्वे के बाद सर्वे प्रभारियों ने जिला कलेक्टर को रिपोर्ट सौंप दी है. जहां करीब 10 किलोमीटर के नाले पर दो सौ से अधिक अतिक्रमण की बात सामने आई है.

क्षेत्र के लोगों ने कलेक्टर से अतिक्रमण हटाने की मांग की है. साथ ही लोगों ने कहा कि प्रशासन ने हमें 7 दिन का समय दिया था जो 26 अगस्त को पूरा हो जाएगा. जिसके बाद 26 अगस्त को बड़ी संख्या में लोग जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन करेंगे और अतिक्रमण हटाने की मांग पुरजोर तरीके से रखेंगे.

Intro:बूंदी के जैतसागर नाले पर अतिक्रमण का सर्वे पूरा हो गया है। 2 दिनों तक चले 10 किलोमीटर के नाले का अतिक्रमण सर्वे रिपोर्ट नगर परिषद के अधिकारियों ने जिला कलेक्टर को सौंप दी है ।ऐसे में अब इलाके के लोगों ने जल्द से जल्द हटाने की मांग कर रहे हैं और प्रशासन ने इस मामले में ध्यान नहीं दिया तो उन्होंने 26 अगस्त को आंदोलन की चेतावनी दी है ।


Body:बूंदी में लगातार बरसात होने के चलते शहर में पिछले 15 दिनों तक बाढ़ की चपेट में रहा और कई कॉलोनियों सहित शहर का हिस्सा बाढ़ की चपेट में रहा। यहां पर नगर परिषद की लापरवाही सामने आई क्योंकि शहर के सबसे बड़े नाले पर अतिक्रमण होने के चलते बाढ़ की स्थिति पैदा हुई। 72 फीट से 80 फीट का नाला शहर के जैतसागर से शुरू होता है जो करीब 10 किलोमीटर एरिया को सम्मलित करते हो गए मांगली नदी इलाके में खत्म होता है । ऐसे में जैतसागर एवं नवल सागर झील का पानी भी इसी से होकर गुजरता है। इस नाले पर करीब 200 से ज्यादा मकान व स्कूल बने हुए हैं । नाले पर अतिक्रमण जवाहर कॉलोनी ,महावीर कॉलोनी ,पुलिस लाइन ,शास्त्री नगर , देवपुरा ताल अतिक्रमण है। नाले पर लोगों ने अतिक्रमण के चलते अपनी पानी दीवारे खड़ी कर रखी है। नाला कही 5 फिट तो कही 10 फिट चौड़ा व 10 फीट गहरा गया है । नगर परिषद ने अतिक्रमण करने वालो को सह दे रखी है । यहां पर कब्जे करने वाले लोगों ने प्लाट काटकर लोगों को बेचना शुरू कर दिया है उसी के चलते नाले की चौड़ाई 40 फिट रह गयी । ऐसे में जब दोनों झीलों का पानी इस नाले पर आया तो पानी बाढ़ के रूप में तब्दील हुआ और ईलाका जलमग्न हो गया । इससे ज्यादा 20 कॉलोनी इस बाढ़ की चपेट में आ गई और करीब 20000 से ज्यादा लोग इस बाढ़ की चपेट में रहे । महावीर कॉलोनी, जवाहर कॉलोनी, शास्त्री नगर कॉलोनी , गणेश नगर की कॉलोनी में पानी भर गया था ।

इस मामले में ईटीवी भारत की खबर का संज्ञान लेते हुए जिला कलक्टर ने जैतसागर के नाले पर अतिक्रमण की ख़बर पर नगर परिषद के अधिकारियों व पटवारी तथा कानूनगो के साथ मिलकर नाले पर हो रहे अतिक्रमण का सर्वे करवाया था । करीब 2 दिनों तक यहां पर सर्वे चला उसके बाद सर्वे रिपोर्ट प्रभारियों ने जिला कलेक्टर को सौंप दी है । ऐसे में करीब 10 किलोमीटर के नाले पर दो सौ से अधिक अतिक्रमण की बात सामने आई। इलाके के लोगों ने कलेक्टर से अतिक्रमण हटाने की मांग की है ।


Conclusion:आज फिर से इलाके के लोग मीडिया के सामने आए और उन्होंने कहा है कि सर्वे रिपोर्ट हो चुकी है । ऐसे में अब अतिक्रमण हटवाने करवाने की बारी है जो करीब 100 से 200 की तादाद में है । अगर नाले पर अतिक्रमण हट जाएगा तो बूंदी शहर का आधा हिस्सा बाढ़ की चपेट में नहीं आएगा । करीब राजस्व रिकॉर्ड में 72 फिट के नाले को 72 फिट स्थापित का कर दिया जाए ऐसी उन्होंने मांग रखी । उन्होंने कहा कि प्रशासन ने 7 दिन का समय हमें दिया था जो 26 अगस्त को पूरा हो जाएगा । ऐसा मैं 26 अगस्त को बड़ी संख्या में इलाके के लोग जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन करेंगे और अतिक्रमण हटाने की मांग पुरजोर तरीके से रखेंगे ।

बाईट - रूपेश शर्मा , युवा नेता
बाईट - राजू , पीड़ित
बाईट - इंद्रा बाई , पीड़ित
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.