बूंदी. जिले में पिछले 24 घंटे से बारिश का दौर जारी है. बारिश मूसलाधार होने के चलते लगातार नदी नालों में पानी की आवक होने से सभी बांध , तालाबों और नदियों का जलस्तर खतरे के निशान पर पहुंच गया है. बूंदी शहर में 2 झीले उफान पर चल रही है. यहां पर प्रशासन द्वारा झीलो के सभी गेटों को खोल दिये जाने के बाद निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं. प्रशासन की ओर से सभी गेटों को खोलने से हजारों लीटर पानी की निकासी की जा रही है जिससे शहर के हालात खराब हो चुके हैं.
वहीं जेतसागर झील के सभी 9 गेटों को प्रशासन ने खोल दिया है जिससे जेतसागर झील से निकलने वाला नाला उफान पर आ गया है. यहां पर उफान के चलते बूंदी - दबलाना मार्ग पूरी तरह से बाधित हो गया है. वहीं नाले से गुजरने वाली सड़कों पर पानी देखा जा सकता है. इन दोनों झीलों से निकलने वाला पानी जवाहर कॉलोनी व महावीर कॉलोनी में नाली के सहारे जाता है लेकिन अतिक्रमण होने के चलते नाला संकरा हो गया है. यही कारण रहा कि तेज बरसात हुई तो नाले उफान पर आ गया और निचली बस्ती के घरों में पानी घुस गया.
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यही नहीं लगातार बारिश होने के चलते दोनों झीलों में पानी की आवक तेज होने से जलस्तर बढ़ रहा है तो इन इलाकों में पानी लगातार बढ़ता जा रहा है. यहां पर हर घरों में तीन से चार फिट पानी देखा जा सकता है. जहां पर लोग अपने परिवारजनों के साथ दैनिक दिनचर्या को किया करते थे, उस आंगन में बारिश का पानी देखा जा सकता है. घरों में कोई ऐसी जगह नहीं है जहां पर पानी नहीं हो. जगह-जगह इलाके के घरों में पानी देखा जा सकता है. यहां पर आम लोगों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ा है. अचानक से आए पानी से लोगों के खाने-पीने के सामान बारिश में बह गए. वहीं घरों में 4 से 5 फिट पानी भरा होने से लोग परेशान हो गए हैं. उन्हें यह डर सता रहा है कि वह आखिर जाए तो कहां जाए. क्योंकि पिछले 24 घंटे से बरसात के कारण इलाका पूरी तरह से डूब चुका है. लेकिन प्रशासन ने मौके पर पहुंच खैर-खबर भी नहीं पुछी.
ऐसे में कुछ घरों के लोगों का कहना है कि आखिर कहां पानी पिये और कहां खाना खाए उनके घरों में पानी ही पानी नजर आ रहा है. उन्होंने बारिश के समय जैसे-तैसे करके अपना कीमती सामान एकत्रित कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचा तो दिया लेकिन घर पर रहने वाले अन्य लोगों के लिए छत तो है लेकिन टिकने के लिए जमीन नहीं है. क्योंकि पानी में कब तक खड़े रहे पानी तो कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है. महावीर कॉलोनी वह जवाहर कॉलोनी के हालात इस तरीके से थे कि पानी लगातार 24 घंटे आता रहा और सड़क के ऊपर पानी का दरिया चलता रहा. यहां पर युवाओं की टोली एकत्रित हुई और रोजमर्रा की तरह जाने वाले लोगों की सहायता करते हुए नजर आए क्योंकि बारिश का पानी इस तरीके से सड़कों पर था कि सड़क दूर-दूर तक दिखाई नहीं दे रही थी और 2 से 3 फीट पानी सड़कों पर था. ऐसे में युवाओं की टोली द्वारा राहत बचाव के कार्य अपने स्तर पर किए गए. इस इलाके में पिछले 24 घंटे से बिजली भी गायब है.वही लोग छतों पर चढ़कर अपनी दिनचर्या को पूरा कर रहे हैं तो कुछ लोग इस इलाके से अन्य लोग पलायन कर चुके हैं.
इलाके की बाढ़ की हालात जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम महावीर कॉलोनी व जवाहर कॉलोनी पहुंची. जहां पर टीम ने उन बाढ़ पीड़ितों से मिलने के लिए पानी में होकर उनके समस्या जानी. इस पर लोगों का कहना था कि इस इलाके से जेतसागर वह नवल सागर झील से छोड़े जाने वाले पानी का नाला गुजरता है जो किसी समय 72 फीट हुआ करता था. लेकिन लोगों ने इस तरीके से नाले पर अतिक्रमण किया कि वह नाला केवल 10 फिट का ही रह गया. ऐसे में प्रशासन तो ज्यादा बारिश आने पर इन झीलों के गेट को खोलता ही था लेकिन जैसे-जैसे नाला सकरा होता गया तो पानी सड़कों पर आता गया. आज यह स्थिति हो गई कि थोड़ी सी बारिश में सड़कों पर पानी नहीं नदी का दरिया बन जाता है.
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ऐसे में यहां के लोगों ने कहा है कि उन सभी लोगों को चिन्हित किया जा चुका है तो अतिक्रमण हटाया क्यों नही जा रहा है. तभी जाकर इस इलाके का समाधान हो पाएगा वरना हर बारिश में ऐसी स्थिति हो जाती है. लेकिन लोगों का यह भी कहना था कि काफी सालों बाद ऐसा हुआ है जब 24 घंटे लगातार बारिश जारी रही हुई हो और हमारे घरों में कितना पानी आया हो. इससे पहले काफी लंबे समय बाद यह हुआ था. ईटीवी भारत की टीम ने लोगों की हालत जाने तो लोगों के घर पर पानी घुसा हुआ था. पीने के सामान वहां नहीं थे तो खाने के सामान भी वहां नहीं थे. लोग प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे थे. यकीनन बूंदी में 24 घंटे से जारी बरसात में प्रशासन के सारे दावे की पोल खोलकर रख दी है तो प्रशासन उन लोगों के पास भी नहीं पहुंच पा रहा है ना ही राहत बचाव के कार्य कर पा रहा है.
बता दें कि अगस्त माह व सितंबर माह में लगातार इंद्र देव बूंदी में मेहरबान रहे और बूंदी में लगातार 24 घंटे बारिश का दौर जारी रहा. अब तक 4 बार बाढ़ के हालात पैदा हो चुके हैं. बूंदी के इस 10 किलोमीटर लंबे नाले में करीब 200 से 300 अतिक्रमण सामने आए हैं. लगातार ईटीवी भारत ने भी इस खबर को प्रसारित किया था. ऐसे में प्रशासन द्वारा अतिक्रमण का सर्वे भी करवाया गया और सर्वे रिपोर्ट में सामने आया कि 200 से 300 तक इस नाले पर हो रखे हैं. लेकिन प्रशासन ने सर्वे के बाद अतिक्रमण हटाना शुरू नहीं किया. बूंदी शहर का आधा हिस्सा बाढ़ की चपेट में आ गया है. लोगों का यही कहना है कि अतिक्रमण का सर्वे पूरा हो चुका है तो उन लोगों का अतिक्रमण नहीं हटाया जा रहा है. ऐसे में लोगों की वजह से करीब 20,000 से अधिक लोग प्रभावित हो रहे हैं.