बूंदी. देश में लगातार कोरोना वायरस के संक्रमण में इजाफा हो रहा है और मौतों के आंकड़ों की भी संख्या बढ़ती जा रही है. वहीं अस्पतालों में भी लगातार मरीजों की संख्या बढ़ रही है. सुबह ओपीडी में भारी भरमार मरीजों की लाइन रहती है. लंबी-लंबी कतारें अस्पताल में देखने को मिलती है. वहीं, वैश्विक महामारी के चलते आमजन को घर बैठे परामर्श सेवा के लिए राजस्थान सरकार की ओर से ई संजीवनी ओपीडी सेवा शुरू की गई है. जिससे अस्पतालों में भीड़ नियंत्रण करके खतरे को कम किया जा सकेगा और आमजन को आसानी से परामर्श सेवा मिल सकेगी.
सीएमएचओ डॉ. जीएल मीणा ने बताया कि प्रदेश भर में ई संजीवनी ओपीडी सेवा शुरू की गई है. इसमें अस्पतालों के डॉक्टर सुबह 8 से दोपहर 2 बजे तक निःशुल्क परामर्श के लिए ई संजीवनी ओपीडी में मिलेंगे. कोरोना संक्रमण से बचने के लिए ये सेवा शुरू की गई है. सीएमएचओ ने बताया कि संजीवनी सेवा का लाभ ऑडियो के साथ वीडियो कॉल पर भी मिलेगा. इसका लाभ कंप्यूटर, लैपटॉप, टेबलेट के साथ वेब कैमरा, माइक स्पीकर इंटरनेट कनेक्शन की से लिया जा सकता है. इसका लाभ मोबाइल के जरिए भी लिया जा सकता है.
इसके साथ ही रोगी को पंजीकरण के बाद मोबाइल पर टोकन नम्बर भी मिलेगा और ओटीपी नंबर डालने के बाद ही संजीवनी ओपीडी ऐप के माध्यम से एक लिंक आएगा और उस लिंक को खोलने के बाद संबंधित डॉक्टर मरीज से इंटरनेट के जरिए बात कर सकेगा और डॉक्टर मरीज को घर बैठे ही परामर्श दे सकेगा ताकि वह अस्पताल नहीं आए और घर बैठे ही डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवाई ले सकेगा.
ई संजीवनी ओपीडी में करना होगा रजिस्ट्रेशन-
राजस्थान सरकार की ओर से ई संजीवनी ओपीडी सेवा शुरू की गई है. इसका एक ही मकसद है कि अस्पताल में भीड़ कम हो सोशल डिस्टेंसिग की पालना हो ताकि कोरोना का खतरा टाला जा सके. साथ में किसी भी मरीज को ई संजीवनी ओपीडी की सुविधा का लाभ लेना होगा तो उसे इस संजीवनी ओपीडी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाना होगा.
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मरीज को पोर्टल पर जाकर संजीवनी डॉट इन टाइप करना है जिसके बाद रजिस्ट्रेशन पर क्लिक करना है. जहां मरीजों को अपनी जानकारी और मोबाइल नंबर दर्ज करवाने होंगे. इसके बाद मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी आएगा जिसे सेव करना होगा. वेब पोर्टल पर ई संजीवनी वेबसाइट पर मरीज अपने मोबाइल नंबर और पासवर्ड उससे मिलेंगे जहां टोकन नंबर डालकर लॉग इन करना होगा. इसके बाद उसे जिस डॉक्टर से परामर्श लेना है उसकी जानकारी एंट्री करनी पड़ेगी और लगभग 10 से 15 मिनट बाद मरीज को परामर्श मिल जाएगा. डॉक्टर मरीज को खुद कॉल करेंगे और मरीज को परामर्श देंगे और मरीज अपनी समस्या को घर बैठे ही डॉक्टर को बता सकेगा.
हालांकि जिला अस्पताल में टेलीमेडिसिन सुविधा के तहत पहले ही ऑनलाइन तरीके से उपचार दिया जा रहा था, लेकिन वह उपचार केवल सामान्य लोगों के लिए ही था, जो दूर दराज से या अस्पताल में नहीं आ सकते थे, उनको टेली मेडिसीन के सुविधा के अनुसार लाभ दिया जा रहा था, लेकिन अब सरकार ने ई संजीवनी ओपीडी शुरू की है इसमें कोई भी व्यक्ति इंटरनेट के माध्यम से इस पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन शुरू करवा लेगा और रजिस्ट्रेशन के अनुसार अपना परामर्श ले सकेगा.
बूंदी के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, स्वास्थ्य केंद्र, जिला अस्पताल में इस सुविधा को शुरू कर दिया गया है. जहां पर विशेषज्ञों की टीम इस केंद्र पर बैठी रहती है और मरीज इस अनुसार चिकित्सक किस श्रेणी को डालता है वैसा चिकित्सक ई संजीवनी के माध्यम से मरीज को उपलब्ध हो जाता है. बूंदी में अब तक 50 मरीजों को इस संजीवनी ओपीडी के माध्यम से परामर्श दिया जा चुका है. रोज दो से तीन मरीजों को संजीवनी ओपीडी के माध्यम से मरीजों को परामर्श दिया जा रहा है. रोज मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है.