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बूंदी में पंचायतों का परिसीमन, 14 नई पंचायतें आई अस्तित्व में
प्रदेश में पंचायत समितियों का पुनर्गठन किया जा रहा है. ऐसे में बूंदी में भी पंचायत समिति का पुनर्गठन पूरा हो चुका है. लाखेरी व दबलाना को पंचायत समिति का दर्जा मिल गया है. पुनर्गठन के तहत लाखेरी को केशवरायपाटन पंचायत समिति और दबलाना को हिंडोली पंचायत समिति से अलग करने और पंचायत समिति बनाने का फैसला लिया गया है. इसके बाद अब जिले में 5 की जगह 7 पंचायत समिति हो जाएगी.
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Published : Aug 6, 2019, 2:22 AM IST
बूंदी. हाल ही में प्रदेश में कई नई पंचायत समितियों का पुनर्गठन किया गया है. जिले में भी लाखेरी व दबलाना पंचायत समिति बनाने का फैसला लेने के बाद पंचायत समिति 5 से बढ़कर 7 हो गई है.
करीब 14 पंचायतें अस्तित्व में आ गई है. केशोरायपाटन पंचायत समिति को तोड़कर लाखेरी और हिंडोली पंचायत समिति से दबलाना को अलग किया गया है. इसके साथ ही 14 नई ग्राम पंचायत भी बनाई गई है. 34 पंचायतों का पुनर्गठन किया गया है. जिले में ग्राम पंचायतों की संख्या 183 से बढ़कर 197 हो गई है. पुनर्गठन के बाद 29 अगस्त तक आपत्ति व सुझाव मांगे गए हैं.
बूंदी में 14 नई पंचायते भी अस्तित्व में आई पढ़ें- बूंदी में डिस्कॉम टीम पर हमला...कर्मचारियों के साथ मारपीट
बता दें कि पंचायत समिति की 25 पंचायतों और लाखेरी में 22 को शामिल किया गया है. जिसमें घाट का बराना, दही खेड़ा, गुहटा, खरायता, उतराना, बड़ाखेड़ा, रेबारपुरा, बांसवाड़ा नई ग्राम पंचायत जयनगर को पंचायत समिति में शामिल किया गया है. यानी केशोरायपाटन पंचायत समिति में केवल 25 ग्राम पंचायत ही बची है. चितावा, गुडली, लेसरदा, भियां, माधोराजपुरा, झालीजी का बराना, बोरदा कछियांन, गेण्डोली खुर्द, फोलाई, बलकासा, आजन्दा आदि.
पढ़ें बूंदी में बारिश बनी 'काल', सड़कों का हाल बेहाल
इसी तरह जो नई पंचायत दबलाना बनाई गई है. उनमें 21 ग्राम पंचायत को शामिल किया गया है. जिसमे दबलाना, डाबेटा, बड़गांव, भवानीपुर, रानीपुरा, सावत गढ़, गोठड़ा, धोवडा ,रुणीजा, अलोद , चेता, सोरेन, डागरिया, दलेलपुरा को पंचायत में शामिल किया गया है. अब हिंडोली पंचायत समिति में 29 पंचायतें ही शेष है जिसमें हिंडोली, पगारा, रोशन्दा गुड़ा, सहसपूरियां, बड़ा नया गांव, बड़ोदिया, चतरगंज, बसोली, बासनी ग्रामपंचायत हिंडोली में बची है. इन पंचायतों के पूर्ण गठन के बाद बहुत सी ऐसी ग्राम पंचायत है जो ग्रामीणों के स्थानों से दूर चली गई है. जिससे उन्हें परेशानी का सामना करना पढ़ रहा है.ऐसे में उन ग्रामीणों ने आंदोलन की चेतावनी भी दी है. और जहां-जहां पंचायत अलग की गई है. उन्होने विरोध करना शुरू कर दिया है.
बूंदी. हाल ही में प्रदेश में कई नई पंचायत समितियों का पुनर्गठन किया गया है. जिले में भी लाखेरी व दबलाना पंचायत समिति बनाने का फैसला लेने के बाद पंचायत समिति 5 से बढ़कर 7 हो गई है.
करीब 14 पंचायतें अस्तित्व में आ गई है. केशोरायपाटन पंचायत समिति को तोड़कर लाखेरी और हिंडोली पंचायत समिति से दबलाना को अलग किया गया है. इसके साथ ही 14 नई ग्राम पंचायत भी बनाई गई है. 34 पंचायतों का पुनर्गठन किया गया है. जिले में ग्राम पंचायतों की संख्या 183 से बढ़कर 197 हो गई है. पुनर्गठन के बाद 29 अगस्त तक आपत्ति व सुझाव मांगे गए हैं.
बूंदी में 14 नई पंचायते भी अस्तित्व में आई पढ़ें- बूंदी में डिस्कॉम टीम पर हमला...कर्मचारियों के साथ मारपीट
बता दें कि पंचायत समिति की 25 पंचायतों और लाखेरी में 22 को शामिल किया गया है. जिसमें घाट का बराना, दही खेड़ा, गुहटा, खरायता, उतराना, बड़ाखेड़ा, रेबारपुरा, बांसवाड़ा नई ग्राम पंचायत जयनगर को पंचायत समिति में शामिल किया गया है. यानी केशोरायपाटन पंचायत समिति में केवल 25 ग्राम पंचायत ही बची है. चितावा, गुडली, लेसरदा, भियां, माधोराजपुरा, झालीजी का बराना, बोरदा कछियांन, गेण्डोली खुर्द, फोलाई, बलकासा, आजन्दा आदि.
पढ़ें बूंदी में बारिश बनी 'काल', सड़कों का हाल बेहाल
इसी तरह जो नई पंचायत दबलाना बनाई गई है. उनमें 21 ग्राम पंचायत को शामिल किया गया है. जिसमे दबलाना, डाबेटा, बड़गांव, भवानीपुर, रानीपुरा, सावत गढ़, गोठड़ा, धोवडा ,रुणीजा, अलोद , चेता, सोरेन, डागरिया, दलेलपुरा को पंचायत में शामिल किया गया है. अब हिंडोली पंचायत समिति में 29 पंचायतें ही शेष है जिसमें हिंडोली, पगारा, रोशन्दा गुड़ा, सहसपूरियां, बड़ा नया गांव, बड़ोदिया, चतरगंज, बसोली, बासनी ग्रामपंचायत हिंडोली में बची है. इन पंचायतों के पूर्ण गठन के बाद बहुत सी ऐसी ग्राम पंचायत है जो ग्रामीणों के स्थानों से दूर चली गई है. जिससे उन्हें परेशानी का सामना करना पढ़ रहा है.ऐसे में उन ग्रामीणों ने आंदोलन की चेतावनी भी दी है. और जहां-जहां पंचायत अलग की गई है. उन्होने विरोध करना शुरू कर दिया है.
Intro:लाखेरी व दबलाना को पंचायत समिति का दर्जा मिल गया है पुनर्गठन के तहत लाखेरी को केशवरायपाटन पंचायत समिति और दबलाना को हिंडोली पंचायत समिति से अलग करने तथा पंचायत समिति बनाने का फैसला लिया गया है ।इसके बाद अब जिले में पंचायत 5 की जगह 7 पंचायत समिति हो जाएगी ।
Body:बूंदी । हाल ही में ही प्रदेश में पंचायत समितियों का पुनर्गठन किया जा रहा है ऐसे में बूंदी में भी पंचायत समिति का पुनर्गठन पूरा हो चुका है । लाखेरी व दबलाना पंचायत समिति बनाने का फैसला लेने के बाद बूंदी में पंचायत समिति 5 से बढ़कर 7 हो गई है और करीब 14 पंचायतें अस्तित्व में आ गई है। केशोरायपाटन पंचायत समिति को तोड़कर लाखेरी और हिंडोली पंचायत समिति से दबलाना को अलग किया गया है इसके साथ ही 14 नई ग्राम पंचायत भी बनाई गई है ओर 34 पंचायतों का पुनगठन किया गया है । जिले में ग्राम पंचायतों की संख्या 183 से बढ़कर 197 हो गई है पंचायत समिति में शामिल हो चुके हैं। पुनगर्ठन के बाद 29 अगस्त तक आपत्ति व सुझाव मांगे गए हैं । आपको बता दें कि पंचायत समिति केपाटन की 25 पंचायतों ओर लाखेरी में 22 को शामिल किया गया है जिसमे घाट का बराना, दही खेड़ा, गुहटा , खरायता , उतराना , बड़ाखेड़ा , रेबारपुरा ,बसवाड़ा , माखीदा ,दौलतपुरा, मोहनपुरा, बलबन ,बाबई, गुड़ा, नवलपुरा, नई ग्राम पंचायत जयनगर पंचायत समिति में शामिल किया गया है । यानी केशोरायपाटन पंचायत समिति में केवल 25 ग्राम पंचायत ही बची है । चितावा , गुडली , लेसरदा , भियां ,माधोराजपुरा ,सुनगर , रड़ी, चढ़ी ,सरसला ,बालोद , अनरेठा ,रोटेदा , करवाला, मयजा , जालोद , चरड़ाना , जयस्थल ,करवाला की झोपड़ा , झालीजी का बराना , बोरदा कछियांन , गेण्डोली खुर्द , फोलाई , बलकासा , आजन्दा ही बची है । इसी तरह जो नई पंचायत दबलाना बनाई गई है उनमें 21 ग्राम पंचायत शामिल किया गया है जिसमे दबलाना, डाबेटा, बड़गांव ,भवानीपुर ,रानीपुरा , सावत गढ़ , गोठड़ा , धोवडा ,रुणीजा, छाबड़िया का नया गांव ,रामचंद्र जी का खेड़ा, अलोद , चेता, सोरेन, डागरिया ,दलेलपुरा को पंचायत में शामिल की गई है । अब हिंडोली पंचायत समिति में 29 पंचायतें ही बची है जिसमें हिंडोली , पगारा ,रोशन्दा ,पेज की बावड़ी , टोकडा , उमर , कछोदा ,,मेंडी, मांगलीकला , तालाब गांव ,गुड़ा ,सहसपूरियां, बड़ा नया गांव ,बड़ोदिया ,चतरगंज, बसोली , ओवन , खेरखटा , नैगड़ , डाटून्दा , विजयगढ़ ,थाना, गोकुलपुरा ,अमृतिया ,अशोक नगर , दाता , बासनी ग्रामपंचायत हिंडोली में बची है ।
Conclusion:इन पंचायतों के पूर्ण गठन के बाद बहुत सी ऐसी ग्राम पंचायत है जो ग्रामीणों के स्थानों से दूर चली गई है जिससे उन्हें परेशानी का परेशानी का सामना करना पढ़ रहा है । ऐसे में उन ग्रामीणों ने आंदोलन की चेतावनी भी दी है और जहां जहां पंचायत अलग की गई है उनका विरोध करना शुरू कर दिया है । पेज की बावड़ी व दबलाना से अलग किए गए ग्राम पंचायतों के ग्रामीणों ने विरोध करना शुरू कर दिया है ग्रामीण लगातार विरोध कर रहे हैं उन्होंने कहा है कि अगर हमारी पंचायत को पुनः वापस स्थान पर नहीं लाया गया तो उग्र आंदोलन करेंगे और सरकारी योजना सहित मत का बहिष्कार करेंगे ।
बाईट - महिपाल सिंह , युवा
बाईट - मुकेश मेघवाल , ग्रामीण
बाईट - बाबूलाल गुर्जर , ग्रामीण
बाईट - शौक़ीन चंद , ग्रामीण