बूंदी. सांकड़दा गांव में एक दलित दूल्हे की बिंदोरी पुलिस सुरक्षा के बीच निकाली गई है. दलित दूल्हे के परिवार ने बूंदी उपखंड अधिकारी से सुरक्षा की गुहार लगाई थी. जिसके बाद नमाना थाना पुलिस की मौजूदगी में दूल्हे की बिंदोरी निकाली गई. बिंदोरी के समय पूरा गांव छावनी में तब्दील हो गया था.
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क्या है पूरा मामला
बूंदी की कालपुरिया पंचायत के गांव साकड़दा में मंगलवार दोपहर को एक दलित दूल्हे की बिंदोरी पुलिस सुरक्षा के बीच निकाली गई. दलित परिवार ने आशंका जताई थी कि बंदोरी निकालते समय असामाजिक तत्व लड़ाई- झगड़ा कर सकते हैं. इस संबंध में दलित परिवार की ओर से एसडीएम, कलेक्टर और मजिस्ट्रेट को पत्र लिखकर पुलिस सुरक्षा देने की मांग की गई थी. साकड़दा गांव में केवल 5 घर दलित परिवारों के हैं. पहली बार इन परिवारों में किसी दूल्हे की बिंदोरी निकली है.
दूल्हा नरेंद्र कुमार मेघवाल मिस्त्री मार्केट में काम करता है. उनके परिवार को किसी तरह की धमकी तो नहीं मिली थी लेकिन उनको हमले की आशंका थी. जिसको देखते हुए उन्होंने पुलिस से सुरक्षा मांगी. गांव में दलित परिवारों को सार्वजनिक स्थान पर आने जाने की मनाही के आरोप भी लगे हैं. नरेंद्र कुमार ने बताया कि बिंदोरी को लेकर सरपंच भगवान सिंह या गांव के अन्य लोगों से हमारे परिवार की कोई बातचीत तो नहीं हुई पर एहतियात के तौर पर पुलिस सुरक्षा की जरूरत महसूस हुई. जिसके बाद नमाना थाना पुलिस ने बिंदोरी के समय सुरक्षा मुहैया करवाई.