बूंदी. जिला पुलिस अधीक्षक जय यादव की ओर से चलाए जा रहे नवाचार 'ऑपरेशन समानता' धीरे-धीरे सामाजिक बदलाव ला रहा है. इसी क्रम में बुधवार को नीम का खेडा गांव में मनोज बैरवा पुत्र नन्दलाल की शादी में दूल्हे की बिंदोरी घोड़ी पर सदभाव व सौहार्दपूर्ण माहौल में निकाली गई. बिंदोरी से पहले पुलिस प्रशासन की ओर से समानता समिति गठित की गई. इसमें गांव के सभी लोग साथ रहे. ग्रामीणों ने भी एक स्वर में बिंदोरी में दूल्हे का स्वागत करने व साथ देने की बात बैठक में कही.
इस संबंध में ग्रामीणों ने बताया कि 1990 में लगभग इसी गांव में दूल्हे मनोज की बुआ की शादी में जब बारात आई, तो दूल्हे को घोड़ी पर नहीं बैठने दिया गया. इस दौरान हंगामा हुआ और मारपीट (Bindori in Bundi was attacked in 1990) हो गई. इसके बाद किसी दलित दूल्हे की घोड़ी पर बिंदोरी नहीं निकाली गई.
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एसपी यादव ने बताया कि 'ऑपरेशन समानता' के तहत इसी वर्ष 25 जनवरी को चड़ी गांव में 75 साल बाद पहली बार दलित दूल्हे को घोड़ी पर बैठा बिंदोरी निकाली गई थी. इसी के साथ पूरे जिले में ऐसे गांव चिन्हित किये गए, जहां कमजोर वर्गों के विवाह कार्यक्रम में दूल्हे-दुल्हन की बिंदोरी नहीं निकाली गई है.