बूंदी. जिले के नैनवा तहसील क्षेत्र के भैसों के नया गांव में मुक्तिधाम के रास्ते को लेकर विवाद से ग्रामीण नाराज हो गए हैं. जिसके बाद शव को सड़क पर रखकर घंटों प्रदर्शन किए. सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने नाराज ग्रामीणों और परिजनों को समझाने (Controversy over cremation route) की कोशिश की, लेकिन ग्रामीण अपने रुख पर अडिग रहे और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करने लगे. साथ ही मौके पर तहसीलदार को बुलाने की मांग पर अड़ गए. इधर, सूचना के बाद तहसीलदार महेश चंद शर्मा घटनास्थल पर पहुंचे, जहां उन्होंने नाराज ग्रामीणों की बातों को सुना और उनकी समस्याओं के निदान का आश्वासन दिया, जिसके बाद प्रदर्शन का दौर शांत हुआ और शव यात्रा निकल सकी.
ग्रामीणों का आरोप है कि मुक्तिधाम जाने वाले रास्ते पर चारदीवारी के साथ ही बाड़बंदी कर दी. ऐसे में अर्थी को वहां से नहीं गुजरने दिया जाता है. मौके पर पहुंचे सरपंच कमला मीणा के पति बाबूलाल व अन्य परिजनों से भी ग्रामीण उलझ गए. बाबूलाल मीणा ने बताया कि मुक्तिधाम के चारों ओर कुछ लोगों की खाते की जमीन है, जो पंचायत को रास्ते के लिए जमीन नहीं देना चाहते हैं. हालांकि, नए मुक्तिधाम के लिए जमीन चिन्हित की गई है, लेकिन पटवारी ने अभी तक उसकी तस्दीक नहीं की है.
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वहीं, तहसीलदार महेश चंद शर्मा ने बताया कि ग्रामीण 2013 से ही विवाद होने की बात कह रहे हैं. हर बार इसी तरह से प्रशासन को बुलाकर अंतिम संस्कार होता है, क्योंकि जिस जगह मुक्तिधाम है, वहां चारों ओर लोगों की जमीन है. फिलहाल सहमति बनाकर अंतिम संस्कार करवाया गया. हालांकि नए मुक्तिधाम के लिए जगह अलॉट हो चुकी है, लेकिन लोग यही अंतिम संस्कार करना चाहते हैं. जिसको लेकर आए दिन विवाद की स्थिति उत्पन्न होती है.
बता दें कि जिले के भैंसों का नया गांव निवासी शोभागी बाई की सोमवार तड़के 3 बजे निधन हो गया. इसके बाद परिजन और ग्रामीण उनके शव को पंचतत्व में विलीन करने के लिए मुक्तिधाम की ओर बढ़े, लेकिन इस बीच मुक्तिधाम में प्रवेश के लिए रास्ता न होने से नाराज ग्रामीण सड़क पर ही बैठ गए. इधर, करीब 5 घंटे की समझाइश के बाद शव यात्रा के लिए रास्ता दिया गया.