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बूंदी: कांग्रेस-भाजपा ने सभापति के लिए ठोकी ताल, निर्दलीय पार्षद बनेंगे किंगमेकर

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Published : Feb 2, 2021, 4:33 PM IST

Updated : Feb 2, 2021, 4:48 PM IST

बूंदी में सभापति के चुनाव के लिए कांग्रेस से मधु नुवाल और बीजेपी से सरोज अग्रवाल ने नामांकन दाखिल किया. दोनों ही पार्टियां अपनी-अपनी जीत के दावे कर रही हैं. लेकिन सभापति कौन बनेगा इसका फैसला 8 निर्दलीय पार्षदों के हाथ में हैं. 60 वार्डों में 28 में कांग्रेस और 24 वार्डों में बीजेपी को जीत मिली है.

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बूंदी में सभापति का चुनाव

बूंदी. निकाय चुनावों के परिणाम आने के बाद अब पार्टियां मेयर और सभापति के चुनाव की तैयारियों में जुट गई हैं. बूंदी नगर परिषद में सभापति के लिए भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया. कांग्रेस से मधु नुवाल ने अपने समर्थकों के साथ नामांकन दाखिल किया. बीजेपी से सरोज अग्रवाल ने नामांकन दाखिल किया. दोनों उम्मीदवारों ने अपनी-अपनी जीत के दावे किए.

बूंदी में सभापति का चुनाव

पढे़ं: प्रतापगढ़ नगर परिषद: भाजपा ने मेयर के लिए रामकन्या गुर्जर तो कांग्रेस ने उतार जया कुमावत को

मेयर और सभापति के लिए नामांकन का आज अंतिम दिन था. नामांकन के लिए दोनों ही पार्टी के पदाधिकारी प्रत्याशियों के साथ बूंदी नगर परिषद पहुंचे और शपथ लेने के साथ ही नामांकन दाखिल किए. कांग्रेस की मधु नुवाल ने कहा कि अच्छे मतों के साथ कांग्रेस का बोर्ड बनने जा रहा है. बूंदी के विकास में कोई कमी नहीं रखी जाएगी. उन्होंने कहा कि यूडीएच मंत्री शांति कुमार धारीवाल भी चाहते हैं कि बूंदी में कोटा की तरह विकास हो और निश्चित रूप से कांग्रेस का बोर्ड बनेगा और यहां विकास की कमी नहीं रखी जाएगी. उन्होंने बीजेपी पर हमला बोला और कहा कि बूंदी की बदहाली भाजपा के बोर्ड में हुई है. उस बदहाली से बूंदी को बाहर निकाला जाएगा.

बीजेपी की सरोज अग्रवाल ने कहा कि पार्टी ने जो मुझपर विश्वास जताया है, उसे मैं जाया नहीं जाने दूंगी. उन्होंने बीजेपी का बोर्ड बनने की बात कही. दोनों ही पार्टियां बोर्ड बनाने का दावा कर रही हैं. दूसरी और कांग्रेस और बीजेपी खेमे से कुछ पार्षदों बाड़ेबंदी से फरार चल रहे हैं. ऐसे में कौनसी पार्टी बोर्ड बनाएगी इसको लेकर महज कयास ही लगाए जा रहे हैं.

क्या है बूंदी नगर परिषद का गणित

बूंदी नगर परिषद में 60 वार्ड हैं. जिनमें 28 में कांग्रेस को जीत मिली है तो बीजेपी ने 24 वार्डों में जीत हासिल की है. 8 वार्डों से निर्दलीय जीत कर आए हैं. बूंदी में अब दोनों पार्टियों को बोर्ड बनाने के लिए निर्दलीय पार्षदों का समर्थन चाहिए होगा. कांग्रेसी खेमे की स्थिति मजबूत मानी जा रही है क्योंकि वो बहुमत के बिल्कुल करीब हैं. लेकिन पूरी तस्वीर तो 7 फरवरी को मतदान के बाद ही साफ हो पाएगी.

बूंदी. निकाय चुनावों के परिणाम आने के बाद अब पार्टियां मेयर और सभापति के चुनाव की तैयारियों में जुट गई हैं. बूंदी नगर परिषद में सभापति के लिए भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया. कांग्रेस से मधु नुवाल ने अपने समर्थकों के साथ नामांकन दाखिल किया. बीजेपी से सरोज अग्रवाल ने नामांकन दाखिल किया. दोनों उम्मीदवारों ने अपनी-अपनी जीत के दावे किए.

बूंदी में सभापति का चुनाव

पढे़ं: प्रतापगढ़ नगर परिषद: भाजपा ने मेयर के लिए रामकन्या गुर्जर तो कांग्रेस ने उतार जया कुमावत को

मेयर और सभापति के लिए नामांकन का आज अंतिम दिन था. नामांकन के लिए दोनों ही पार्टी के पदाधिकारी प्रत्याशियों के साथ बूंदी नगर परिषद पहुंचे और शपथ लेने के साथ ही नामांकन दाखिल किए. कांग्रेस की मधु नुवाल ने कहा कि अच्छे मतों के साथ कांग्रेस का बोर्ड बनने जा रहा है. बूंदी के विकास में कोई कमी नहीं रखी जाएगी. उन्होंने कहा कि यूडीएच मंत्री शांति कुमार धारीवाल भी चाहते हैं कि बूंदी में कोटा की तरह विकास हो और निश्चित रूप से कांग्रेस का बोर्ड बनेगा और यहां विकास की कमी नहीं रखी जाएगी. उन्होंने बीजेपी पर हमला बोला और कहा कि बूंदी की बदहाली भाजपा के बोर्ड में हुई है. उस बदहाली से बूंदी को बाहर निकाला जाएगा.

बीजेपी की सरोज अग्रवाल ने कहा कि पार्टी ने जो मुझपर विश्वास जताया है, उसे मैं जाया नहीं जाने दूंगी. उन्होंने बीजेपी का बोर्ड बनने की बात कही. दोनों ही पार्टियां बोर्ड बनाने का दावा कर रही हैं. दूसरी और कांग्रेस और बीजेपी खेमे से कुछ पार्षदों बाड़ेबंदी से फरार चल रहे हैं. ऐसे में कौनसी पार्टी बोर्ड बनाएगी इसको लेकर महज कयास ही लगाए जा रहे हैं.

क्या है बूंदी नगर परिषद का गणित

बूंदी नगर परिषद में 60 वार्ड हैं. जिनमें 28 में कांग्रेस को जीत मिली है तो बीजेपी ने 24 वार्डों में जीत हासिल की है. 8 वार्डों से निर्दलीय जीत कर आए हैं. बूंदी में अब दोनों पार्टियों को बोर्ड बनाने के लिए निर्दलीय पार्षदों का समर्थन चाहिए होगा. कांग्रेसी खेमे की स्थिति मजबूत मानी जा रही है क्योंकि वो बहुमत के बिल्कुल करीब हैं. लेकिन पूरी तस्वीर तो 7 फरवरी को मतदान के बाद ही साफ हो पाएगी.

Last Updated : Feb 2, 2021, 4:48 PM IST
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