बूंदी. शहर की ऐतिहासिक जैतसागर झील के सौंदर्यकरण को लेकर लंबे समय से मांग चली आ रही है. सौन्दर्यकरण को लेकर शहर के कुछ सामाजिक लोगों ने झील बचाओ संघर्ष समिति का गठन कर लगातार इस ओर जन आंदोलन छेड़े हुए हैं और अभियान को गति देने में लगे हुए हैं. समिति की प्रमुख मांग यही है कि जैतसागर झील को राष्ट्रीय झील संरक्षण योजना में शामिल किया जाए, ताकि झील का विकास हो सके.
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यहां पर मंगलवार को झील बचाओ संघर्ष समिति के तत्वधान में आई लव जैतसागर झील एक सेल्फी प्वाइंट का उद्घाटन किया गया था. आज 14 फरवरी को जैतसागर झील के पाल पर समिति की ओर से मानव श्रंखला बनाकर झील का विकास करने की मांग की. यहां शहर और जिले भर से युवाओं की टोली सामाजिक लोग जैतसागर पर जुटे और सभी ने मानव श्रंखला बनाकर झील का सौंदर्यकरण करने की मांग की. यहां प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष हरिमोहन शर्मा भी मानव श्रृंखला में पहुंचे. यहां उन्होंने सभी आमजन को मानव श्रृंखला के बीच शपथ करवा कर झील का सौंदर्यकरण करने में जुट जाने की बात कही.
मीडिया से बातचीत करते हुए प्रदेश उपाध्यक्ष हरिमोहन शर्मा ने कहा कि हमने नगर परिषद चुनाव के दौरान अपने घोषणापत्र में जैतसागर झील, नवल सागर झील का सौंदर्यकरण करने को लेकर मुद्दा रखा था. हमें वह बात ध्यान हैं और हम इस झील के विकास को लेकर काम करेंगे और इस दिल को मूल स्वरूप में लाने का काम किया जाएगा, ताकि बूंदी के पर्यटन का विकास हो सके, उधर समिति के संयोजक सर्वधमन शर्मा ने भी कहा कि जैतसागर झील को बचाने के लिए बूंदी के आमजन का लगातार हमें समर्थन मिल रहा है.
![जैतसागर झील को बचाने की मुहिम, Campaign to save Jaitsagar lake](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/rj-bnd-avb-jait-sagar-manav-shrankhala_14022021141615_1402f_1613292375_742.jpg)
अब तक करीब 85 से अधिक संगठनों ने हमें समर्थन देकर यदि जैतसागर झील के विकास को लेकर आहुति दी है. उन्होंने कहा कि समिति जनमानस को ध्यान में रखते हुए जब तक झील का विकास नहीं हो जाता, तब तक इसी तरह सरकार को चेतावनी का कार्य करते रहेगी.
बता दें कि बूंदी शहर में नवल सागर झील, जैतसागर सागर झील दो ऐतिहासिक झीले हैं, जिनका निर्माण यहां के रियासत कालीन राजाओं की ओर से करवाया गया था. लेकिन वक्त की मार के चलते यह झील बदहाली के आंसू बहा रही है. दोनों ही झीलों में आसपास के लोगों की ओर से कचरा डाला जाता है, साथ में बड़े बड़े नालों को यहां पर छोड़ा हुआ है, जिससे दोनों ही झीलों का पानी मटमैला हो चला है.
सबसे ज्यादा हालत खराब जैतसागर झील की है, यहां पानी होने के बावजूद भी कमल जड़ों ने पानी को झकड़ा हुआ है और यह पानी दल दल का रूप लेता जा रहा है. यहां पर आने वाले पर्यटकों को इन झीलों के सामने खड़े होने में शर्मिंदगी महसूस होती है और वह तरह तरह की टिप्पणियां करने से भी नहीं चूकते हैं. ऐसे में यहां के युवाओं और संगठनों ने इस झील को सौंदर्य करण करने की ठानी है.