बूंदी. नगर परिषद में गुरुवार को पार्षदों और आयुक्त के बीच हुए विवाद के बाद अखाड़ा बन गया. नगर परिषद उपसभापति सहित पांच पार्षदों पर धक्का-मुक्की करने बंधक बनाने और मुंह काला करने की कोशिश करने के आरोप लगे हैं. वहीं दूसरी तरफ सभापति सहित पार्षदों ने भी जातिसूचक शब्दों से अपमानित करने की शिकायत पुलिस को दी है.
कोतवाल सहदेव मीणा ने बताया कि राजकार्य में बाधा और बंधक बनाने का मुकदमा आयुक्त महावीर सिंह सिसोदिया की रिपोर्ट पर दर्ज कर लिया गया है. हालांकि पार्षदों के परिवाद को भी जांच में रखा है. नगर परिषद आयुक्त महावीर सिंह सिसोदिया ने आरोप लगाया कि उन्हें उपसभापति लटूरी लाल ने अपने कक्ष में बुलाया था, जिसके बाद वहां मौजूद पार्षदों ने उन्हें बंधक बना लिया और करीब डेढ़ घंटे तक नहीं छोड़ा. आरोप है कि पार्षदों ने उनका मोबाइल भी छीन लिया था.
आयुक्त ने करवाया मामला दर्ज : उन्होंने आरोप लगाया है कि इस दौरान उनके साथ धक्का-मुक्की की गई. साथ ही उनका मुंह काला करने की कोशिश भी की गई है. इसमें उपसभापति लटूर लाल, अंकित, देवराज गोचर और भेरूलाल गोचर सहित अन्य पार्षद शामिल हैं. इस संबंध में उन्होंने थाने में कार्य में बाधा का मुकदमा दर्ज करवाने की मांग की है. इससे उलट दूसरे पक्ष के लोग भी आयुक्त महावीर सिंह सिसोदिया के खिलाफ थाने पहुंचे. उन्होंने भी एक लिखित परिवाद कोतवाली बूंदी को पेश किया है.
पार्षदों ने दी शिकायत: शिकायत में उन्होंने आरोप लगाया है कि उपसभापति लटूरलाल के कक्ष में आयुक्त से करोड़ों रुपए की अडानी समूह को आवंटित की गई जमीन को निरस्त करने और शहर में आवारा गाय और सांड के समस्या से निजात दिलाने की मांग कर रहे थे. इस बात पर महावीर सिंह सिसोदिया उखड़ गए. आरोप है कि उन्होंने मोबाइल उपसभापति की टेबल पर फेंकते हुए कहा कि तुम सब पर राजकार्य में बाधा का मुकदमा दर्ज कराऊंगा, साथ ही जाति सूचक शब्दों से अपमानित किया. इस मामले का परिवाद पार्षद अंकित कुमार की तरफ से दिया गया है, जिसमें देवराज गोचर, भेरू लाल महावर, अनवर हुसैन, प्रेम प्रकाश और साबिर खान ने शिकायत दी है.