बूंदी. भारतीय जनता पार्टी की केशोरायपाटन से विधायक चंद्रकांता मेघवाल की मुसीबतें एक बार फिर बढ़ सकती हैं. विधायक मेघवाल समेत 300 लोगों के खिलाफ बूंदी जिले के करवर थाने में मामला दर्ज हुआ है. मसला 18 अगस्त को विद्युत सप्लाई को लेकर किए गए प्रदर्शन से जुड़ा है, जिसमें पुलिस और भाजपा कार्यकर्ताओं की झड़प हुई थी. विधायक के खिलाफ पहले भी पुलिस से मारपीट का मुकदमा कोटा के महावीर नगर थाने में दर्ज हुआ था. इस मामले में न्यायालय में कार्रवाई चल रही है.
करवर एसएचओ चंद्रभान ने बताया कि जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के सहायक अभियंता कमलेश मीणा ने करवर थाने में एक लिखित शिकायत दी थी. जिस पर मुकदमा दर्ज कर लिया है. इसमें प्रदर्शनकारियों की ओर से पुलिसकर्मी और विद्युत कर्मियों पर हमला करने, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और हिंसक आंदोलन करने का मुकदमा दर्ज हुआ है. उन्होंने बताया कि इसमें केशोरायपाटन की विधायक चंद्रकांता मेघवाल, नैनवा प्रधान पदम नागर, आतरदा सरपंच मेघराज गुर्जर, शोकरण गुर्जर, सुनीता शर्मा, राजेंद्र सोलंकी, मदन गुर्जर, कालू लाल, नीरज नागर, रामधन धाकड़, रामहेत मीना, रामलाल मीणा, महावीर गुर्जर, भेरूलाल साहू, दिलखुश पोटर, दीपक चोपड़ा, उम्मेद नागर, कल्याण गुर्जर व संपत बाई सहित 300 अन्य लोग शामिल हैं. इस घटना क्रम में पदम नागर घायल हो गए थे, जो कि कोटा के अस्पताल में भर्ती हैं. उनके पैर में फ्रेक्चर हुआ था.
दर्ज रिपोर्ट में सहायक अभियंता कमलेश मीणा ने बताया है कि प्रदर्शनकारियों ने जेवीवीएनएल के कार्यालय के मेन गेट पर पुलिस की बैरिकेडिंग हटा दी. इस गेट को तोड़कर अंदर घुसने का प्रयास किया. पुलिस ने इनको रोका तब आक्रोशित होकर पुलिस जाप्ते के साथ धक्का-मुक्की की और गेट पर धरना देकर बैठ गए. भीड़ काफी आक्रोशित हो गई और बैरिकेड तोड़कर गेट पर चढ़ने लगे. पुलिस ने काफी मशक्कत कर रोकने का प्रयास किया. रिपोर्ट में आरोप लगाया है कि भीड़ की ओर से अचानक पत्थर फेंके जाने लगे. साथ ही मिट्टी और कंक्रीट पुलिस जाप्ते की आंखों में फेंकने का प्रयास किया. रिपोर्ट में आरोप है कि पत्थर फेंकने से कार्यालय के गार्ड रमेश प्रजापत, तकनीकी कर्मचारी भगत बैरव, थानाधिकारी करवर चंद्रभान सिंह, एएसआई इंद्र सिंह, मोहनलाल, कांस्टेबल विश्राम सहित सात आठ पुलिस कर्मियों को चोट लगी थी. इस प्रदर्शन में बैरिकेड और कार्यालय का गेट छतिग्रस्त किया गया.