बूंदी. अरावली की पहाड़ियों की गोद में बसा बूंदी का प्राकृतिक सौंदर्य अद्भुत नजारों के लिए जाना जाता है. यहां की कलाकृतियां देशी-विदेशी पर्यटक को खुद ब खुद खींच लाती है. लेकिन लॉकडाउन के कारण इन पर ग्रहण लग गया है.
बता दें कि बूंदी की आधी अर्थव्यवस्था पर्यटन व्यवसाय से ही चलती है. लॉकडाउन के कारण शहर का पर्यटन व्यवसाय पूरी तरह से ठप सा हो गया है. इससे जुड़े लोग बेरोजगार हो गए हैं और उनके भरण-पोषण का संकट आ पड़ा है. शहर की सड़कें सूनी पड़ी हुई है और पर्यटन व्यवसाय से जुड़े होटल पूरी तरह से धूल खा रही है. कोरोना वायरस के दौरान इन 2 महीने में बूंदी को 10 करोड़ का नुकसान झेलना पड़ा है.
पर्यटन विभाग के अनुसार 4 से 5 महीने तक बूंदी में देश-विदेश के पर्यटकों का जमावड़ा लगा रहता है. लेकिन साल की शुरुआत से ही पर्यटकों की घटती संख्या ने पर्यटन विभाग सहित बूंदी के पर्यटन व्यवसाय के पसीने छुड़वा दिए हैं.
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बूंदी में पर्यटकों के आंकड़ेः
2019 में पर्यटकों की संख्या
- देशी पर्यटकों की संख्या- 36,621
- विदेशी पर्यटकों की संख्या- 9,033
- कुल पर्यटकों की संख्या- 45,601
जनवरी 2019 में पर्यटकों की संख्या
- विदेशी पर्यटकों की संख्या-1,710
- देशी पर्यटकों की संख्या- 1,100
जनवरी 2020 में पर्यटकों की संख्या
- विदेशी पर्यटकों की संख्या-1,284
- देशी पर्यटकों की संख्या- 800
फरवरी 2019 में पर्यटकों की संख्या
- विदेशी पर्यटकों की संख्या- 2,309
- देशी पर्यटकों की संख्या- 1,800
फरवरी 2020 में पर्यटकों की संख्या
- विदेशी पर्यटकों की संख्या-1,788
- देशी पर्यटकों की संख्या- 565
- मार्च महीने में सभी बचे हुए 1100 से अधिक पर्यटकों ने देश से जाना उचित समझा.
कोरोना वायरस की वजह से पर्यटन क्षेत्र में प्रभाव
पर्यटन अधिकारी विवेक जोशी का कहना है कि बूंदी में काफी पर्यटन क्षेत्र हैं, जिसको देखने के लिए देश-विदेश के पर्यटकों का जमावड़ा बूंदी में लगा रहता है. लेकिन इस बार कोरोना वायरस के चलते पर्यटकों का बूंदी आना नहीं हो रहा है. उन्होंने बताया कि हर साल शुरुआती के 2 महीने में पर्यटकों की अच्छी संख्या होती थी, लेकिन वह संख्या इस बार नहीं हो पाई है. इसके कारण व्यवसाय को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है.
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कोरोना वायरस से थमा दी रफ्तार
कोरोना वायरस आने से पहले ही बूंदी के पर्यटक स्थलों पर जाने वाले सड़कों और मूलभूत सुविधाओं के चलते पर्यटकों की संख्या में कमी आने लगी थी. यहां पर शहर के पर्यटक स्थलों की दुर्गति के चलते पर्यटकों का मोह भंग हो गया था. ऐसे में कोरोना वायरस नहीं आया था, उसके पहले ही संख्याओं में कमी आ गई थी. जैसे ही कोरोना वायरस देश में आया तो और पर्यटकों ने यहां से जाना शुरू कर दिया और संख्या में कमी आती चली गई.
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बता दें कि हर वर्ष बूंदी में 15 से 20 हजार विदेशी पर्यटकों का आवागमन रहता है और हाड़ौती क्षेत्र में सबसे ज्यादा बूंदी में ही पर्यटक आते थे. लेकिन वर्ष 2019 में शहर की हालत खस्ताहाल होने के चलते पर्यटकों का आना बंद होने लगा और कोरोना वायरस ने दस्तक दी तो यह संख्या और भी कम होती चली गई.
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पर्यटक व्यवसाय से जुड़े लोगों का कहना है कि 2020 तो पूरी तरह से बर्बादी के दौर से गुजर गया. अब 6 से 7 महीने बाद ही पर्यटक यहां आने शुरु होंगे और वह भी ना के बराबर होंगे. वहीं, इसको लेकर सरकार अपने स्तर पर क्या करती है यह अभी तक साफ नहीं हो पाया है. पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों का कहना है कि इस बार स्वदेशी ही पर्यटक से ही हमारा धंधा चलेगा वरना पूरी तरह से धंधा चौपट होने के कगार पर है.