बूंदी. राजस्थान में खेल और खिलाड़ियों की हालत क्या है, इसका अंदाजा आप इस खबर से आसानी से लगा सकते हैं. अधिकतर खेल के मैदानों को खिलाड़ी छोड़ चुके हैं. जहां खिलाड़ी खुद बदहाल है, वहीं दूसरी तरफ सरकार खेलों और खिलाड़ियों के प्रति संवेदनशील नजर नहीं आती है. यहां हमेशा देखा जाता है कि खिलाड़ी राज्य व जिला स्तरीय खेलकूद करके आते हैं, लेकिन उन प्रतिभावान खिलाड़ियों को कोई मदद नहीं मिल पाती और उनमें मौका नहीं मिल पाता है.
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वॉलीबॉल के खिलाड़ियों की कुछ ऐसी है हालात
ऐसा ही हाल बूंदी के वॉलीबॉल के खिलाड़ी अभिषेक चौधरी व कुणाल का है. जो बूंदी के खेल संकुल में स्थित वॉलीबॉल मैदान में रोज प्रैक्टिस करते हैं और बॉलीबोल के खिलाड़ियों को अभ्यास करवाते हैं. यहां पर अभिषेक चौधरी का चयन राजस्थान में 4 से अधिक राज्य स्तरीय प्रतियोगिताएं और बूंदी जिले में अनेकों बार जिला स्तर की वॉलीबॉल प्रतियोगिता में चयन हो चुका है. अभिषेक बूंदी के ग्रामीण इलाके से आते हैं और बूंदी शहर में किराए के मकान में रहकर पढ़ाई के साथ-साथ बॉलीवाल भी खेलते हैं. जब जब भी उन्हें मौका मिला अभिषेक वॉलीबॉल खेलने के लिए गए हैं और उन्होंने मैच में अच्छा प्रयास किया है. उन्हें वॉलीबॉल में अटेकर के रूप में जाना जाता है. अभिषेक चौधरी ने ईटीवी को बताया कि उन्होंने कक्षा 6 में वॉलीबॉल खेलने के लिए ठाना और कक्षा 8 तक आते-आते उन्होंने वॉलीबॉल खेल लिया था और वॉलीबॉल के प्लेयर बन गए थे. उसके बाद जो सिलसिला शुरू हुआ वह अभी तक भी जारी है. इसी दौरान उन्होंने राजस्थान में 4 से अधिक जिले में अनेकों बार वॉलीबोल खेला हैं. उनका कहना है मुझे अवॉर्ड भी मिले लेकिन सवाल यह है कि अभी तक कोई ऐसी योजना हमारे लिए नहीं आई है. जिससे खिलाड़ियों का मनोबल ऊंचा हो सकें. उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि ऐसी योजना बने जिससे खिलाड़ियों का उद्धार हो सके.
सरकार करें एक ऐसी योजना तैयार
वहीं उनके साथी खिलाड़ी कुणाल वो भी वॉलीबॉल खिलाड़ी है. उनका भी कहना है कि वॉलीबॉल के प्लेयर रहे अभिषेक चौधरी काफी अच्छे खिलाड़ी हैं और इन्हें मौका मिला तो यह राजस्थान में बूंदी का नाम रोशन करेंगे. उन्होंने कहा कि सरकार एक ऐसी योजना तैयार करें जिससे खिलाड़ियों को मैदान उनके खेलने के लिए सामग्री व समय निर्धारित किया जाए ताकि खिलाड़ियों को उनका सम्मान मिल सके.
प्रदेश सरकार से प्लेयर्स को उम्मीद
यह कि नहीं राज्य स्तरीय खेल चुके बॉडी बिल्डिंग प्लेयर वसीम खान की हालत भी बुरी है. इन्हें 20 साल का बॉडी बिल्डिंग के क्षेत्र में तजुर्बा है. उन्हें खुद राजस्थान बॉडी बिल्डिंग एसोसिएशन से भी जुड़े हुए हैं, लेकिन वसीम बताते हैं कि सरकार एक ऐसी योजना तैयार करें, जिससे खिलाड़ियों को काफी मनोबल मजबूत हो सके. उन्होंने कहा कि हाल ही में प्रदेश सरकार ने सभी खिलाड़ियों को 2% कोटा देने की बात कही है. जिससे खिलाड़ियों को काफी मनोबल मिलेगा और उन्हें उनकी सारी मूलभूत सुविधाएं मिल जाएगी. उन्होंने कहा कि सरकार ने जो वादा किया है अगर वह पूरा कर देंगे तो खिलाड़ियों को चार चांद लग जाएंगे. बता दें कि वसीम राजस्थान में बॉडीबिल्डिंग क्षेत्र में 8 बार मिस्टर राजस्थान रह चुके हैं और 4 बार नेशनल खेल चुके हैं, लेकिन उन्हें किसी प्रकार की इस क्षेत्र में सहायता नहीं मिली.
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जनवरी में सभी 13 खेलों को 2% कोटा
वहीं खेल अधिकारी वाईबी सिंह का कहना है कि राजस्थान सरकार ने हाल ही में आने वाली जनवरी में सभी 13 खेलों को 2% कोटा दिया है. जिससे काफी हद तक खिलाड़ियों को लाभ मिलेगा. उन्होंने बताया कि बूंदी में 220 ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्हें इस योजना के अंतर्गत लाभ मिलेगा. उनका कहना है कि राजस्थान में हर जिला स्तर पर खेल विभाग है और उन विभाग के अंतर्गत जो-जो खिलाड़ी व खेल आते हैं उन सब खिलाड़ियों को सरकार द्वारा सारी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाती है. बूंदी में भी खिलाड़ियों को सारी सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही है और राजस्थान सरकार द्वारा खेल आयोजित किए जाते हैं. उन सब में खिलाड़ियों का प्रतिभा के अनुसार चयन कर उन्हें खेल से जोड़ा जा रहा है.