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स्पेशल रिपोर्ट: मैदान छोड़कर जा रहे खिलाड़ी, कुछ ऐसे हैं प्लेयर्स के हालात

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Published : Dec 21, 2019, 7:30 PM IST

राजस्थान में खेल और खिलाड़ियों की दुर्दशा का किस्सा बहुत पुराना है. यहां पर खिलाड़ी डिस्ट्रिक्ट से स्टेट लेवल तक खेलते हैं, लेकिन उनका भविष्य हमेशा इस खेल में ज्यादा अनुभव वाला नहीं रह पाता और वह सरकार को कोसते हुए नजर आते हैं. ऐसे में ईटीवी भारत ने बूंदी खिलाड़ियों की दुर्दशा जानने का प्रयास किया, देखिए बूंदी से स्पेशल रिपोर्ट में...

Bundi Players, gehlot government
बूंदी के प्लेयर्स पर ईटीवी भारत की स्पेशल रिपोर्ट

बूंदी. राजस्थान में खेल और खिलाड़ियों की हालत क्या है, इसका अंदाजा आप इस खबर से आसानी से लगा सकते हैं. अधिकतर खेल के मैदानों को खिलाड़ी छोड़ चुके हैं. जहां खिलाड़ी खुद बदहाल है, वहीं दूसरी तरफ सरकार खेलों और खिलाड़ियों के प्रति संवेदनशील नजर नहीं आती है. यहां हमेशा देखा जाता है कि खिलाड़ी राज्य व जिला स्तरीय खेलकूद करके आते हैं, लेकिन उन प्रतिभावान खिलाड़ियों को कोई मदद नहीं मिल पाती और उनमें मौका नहीं मिल पाता है.

बूंदी के प्लेयर्स पर ईटीवी भारत की स्पेशल रिपोर्ट

पढ़ें- आईपीएल नीलामी में रवि को पंजाब ने 2 करोड़ में खरीदा, देखिए रवि के परिवार वालों ने क्या कहा

वॉलीबॉल के खिलाड़ियों की कुछ ऐसी है हालात
ऐसा ही हाल बूंदी के वॉलीबॉल के खिलाड़ी अभिषेक चौधरी व कुणाल का है. जो बूंदी के खेल संकुल में स्थित वॉलीबॉल मैदान में रोज प्रैक्टिस करते हैं और बॉलीबोल के खिलाड़ियों को अभ्यास करवाते हैं. यहां पर अभिषेक चौधरी का चयन राजस्थान में 4 से अधिक राज्य स्तरीय प्रतियोगिताएं और बूंदी जिले में अनेकों बार जिला स्तर की वॉलीबॉल प्रतियोगिता में चयन हो चुका है. अभिषेक बूंदी के ग्रामीण इलाके से आते हैं और बूंदी शहर में किराए के मकान में रहकर पढ़ाई के साथ-साथ बॉलीवाल भी खेलते हैं. जब जब भी उन्हें मौका मिला अभिषेक वॉलीबॉल खेलने के लिए गए हैं और उन्होंने मैच में अच्छा प्रयास किया है. उन्हें वॉलीबॉल में अटेकर के रूप में जाना जाता है. अभिषेक चौधरी ने ईटीवी को बताया कि उन्होंने कक्षा 6 में वॉलीबॉल खेलने के लिए ठाना और कक्षा 8 तक आते-आते उन्होंने वॉलीबॉल खेल लिया था और वॉलीबॉल के प्लेयर बन गए थे. उसके बाद जो सिलसिला शुरू हुआ वह अभी तक भी जारी है. इसी दौरान उन्होंने राजस्थान में 4 से अधिक जिले में अनेकों बार वॉलीबोल खेला हैं. उनका कहना है मुझे अवॉर्ड भी मिले लेकिन सवाल यह है कि अभी तक कोई ऐसी योजना हमारे लिए नहीं आई है. जिससे खिलाड़ियों का मनोबल ऊंचा हो सकें. उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि ऐसी योजना बने जिससे खिलाड़ियों का उद्धार हो सके.

सरकार करें एक ऐसी योजना तैयार
वहीं उनके साथी खिलाड़ी कुणाल वो भी वॉलीबॉल खिलाड़ी है. उनका भी कहना है कि वॉलीबॉल के प्लेयर रहे अभिषेक चौधरी काफी अच्छे खिलाड़ी हैं और इन्हें मौका मिला तो यह राजस्थान में बूंदी का नाम रोशन करेंगे. उन्होंने कहा कि सरकार एक ऐसी योजना तैयार करें जिससे खिलाड़ियों को मैदान उनके खेलने के लिए सामग्री व समय निर्धारित किया जाए ताकि खिलाड़ियों को उनका सम्मान मिल सके.

प्रदेश सरकार से प्लेयर्स को उम्मीद
यह कि नहीं राज्य स्तरीय खेल चुके बॉडी बिल्डिंग प्लेयर वसीम खान की हालत भी बुरी है. इन्हें 20 साल का बॉडी बिल्डिंग के क्षेत्र में तजुर्बा है. उन्हें खुद राजस्थान बॉडी बिल्डिंग एसोसिएशन से भी जुड़े हुए हैं, लेकिन वसीम बताते हैं कि सरकार एक ऐसी योजना तैयार करें, जिससे खिलाड़ियों को काफी मनोबल मजबूत हो सके. उन्होंने कहा कि हाल ही में प्रदेश सरकार ने सभी खिलाड़ियों को 2% कोटा देने की बात कही है. जिससे खिलाड़ियों को काफी मनोबल मिलेगा और उन्हें उनकी सारी मूलभूत सुविधाएं मिल जाएगी. उन्होंने कहा कि सरकार ने जो वादा किया है अगर वह पूरा कर देंगे तो खिलाड़ियों को चार चांद लग जाएंगे. बता दें कि वसीम राजस्थान में बॉडीबिल्डिंग क्षेत्र में 8 बार मिस्टर राजस्थान रह चुके हैं और 4 बार नेशनल खेल चुके हैं, लेकिन उन्हें किसी प्रकार की इस क्षेत्र में सहायता नहीं मिली.

पढ़ें- Exclusive : 8 साल की 'पूजा' के विराट भी हैं प्रशंसक, ओलंपिक में है मेडल जीतने का सपना

जनवरी में सभी 13 खेलों को 2% कोटा
वहीं खेल अधिकारी वाईबी सिंह का कहना है कि राजस्थान सरकार ने हाल ही में आने वाली जनवरी में सभी 13 खेलों को 2% कोटा दिया है. जिससे काफी हद तक खिलाड़ियों को लाभ मिलेगा. उन्होंने बताया कि बूंदी में 220 ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्हें इस योजना के अंतर्गत लाभ मिलेगा. उनका कहना है कि राजस्थान में हर जिला स्तर पर खेल विभाग है और उन विभाग के अंतर्गत जो-जो खिलाड़ी व खेल आते हैं उन सब खिलाड़ियों को सरकार द्वारा सारी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाती है. बूंदी में भी खिलाड़ियों को सारी सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही है और राजस्थान सरकार द्वारा खेल आयोजित किए जाते हैं. उन सब में खिलाड़ियों का प्रतिभा के अनुसार चयन कर उन्हें खेल से जोड़ा जा रहा है.

बूंदी. राजस्थान में खेल और खिलाड़ियों की हालत क्या है, इसका अंदाजा आप इस खबर से आसानी से लगा सकते हैं. अधिकतर खेल के मैदानों को खिलाड़ी छोड़ चुके हैं. जहां खिलाड़ी खुद बदहाल है, वहीं दूसरी तरफ सरकार खेलों और खिलाड़ियों के प्रति संवेदनशील नजर नहीं आती है. यहां हमेशा देखा जाता है कि खिलाड़ी राज्य व जिला स्तरीय खेलकूद करके आते हैं, लेकिन उन प्रतिभावान खिलाड़ियों को कोई मदद नहीं मिल पाती और उनमें मौका नहीं मिल पाता है.

बूंदी के प्लेयर्स पर ईटीवी भारत की स्पेशल रिपोर्ट

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वॉलीबॉल के खिलाड़ियों की कुछ ऐसी है हालात
ऐसा ही हाल बूंदी के वॉलीबॉल के खिलाड़ी अभिषेक चौधरी व कुणाल का है. जो बूंदी के खेल संकुल में स्थित वॉलीबॉल मैदान में रोज प्रैक्टिस करते हैं और बॉलीबोल के खिलाड़ियों को अभ्यास करवाते हैं. यहां पर अभिषेक चौधरी का चयन राजस्थान में 4 से अधिक राज्य स्तरीय प्रतियोगिताएं और बूंदी जिले में अनेकों बार जिला स्तर की वॉलीबॉल प्रतियोगिता में चयन हो चुका है. अभिषेक बूंदी के ग्रामीण इलाके से आते हैं और बूंदी शहर में किराए के मकान में रहकर पढ़ाई के साथ-साथ बॉलीवाल भी खेलते हैं. जब जब भी उन्हें मौका मिला अभिषेक वॉलीबॉल खेलने के लिए गए हैं और उन्होंने मैच में अच्छा प्रयास किया है. उन्हें वॉलीबॉल में अटेकर के रूप में जाना जाता है. अभिषेक चौधरी ने ईटीवी को बताया कि उन्होंने कक्षा 6 में वॉलीबॉल खेलने के लिए ठाना और कक्षा 8 तक आते-आते उन्होंने वॉलीबॉल खेल लिया था और वॉलीबॉल के प्लेयर बन गए थे. उसके बाद जो सिलसिला शुरू हुआ वह अभी तक भी जारी है. इसी दौरान उन्होंने राजस्थान में 4 से अधिक जिले में अनेकों बार वॉलीबोल खेला हैं. उनका कहना है मुझे अवॉर्ड भी मिले लेकिन सवाल यह है कि अभी तक कोई ऐसी योजना हमारे लिए नहीं आई है. जिससे खिलाड़ियों का मनोबल ऊंचा हो सकें. उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि ऐसी योजना बने जिससे खिलाड़ियों का उद्धार हो सके.

सरकार करें एक ऐसी योजना तैयार
वहीं उनके साथी खिलाड़ी कुणाल वो भी वॉलीबॉल खिलाड़ी है. उनका भी कहना है कि वॉलीबॉल के प्लेयर रहे अभिषेक चौधरी काफी अच्छे खिलाड़ी हैं और इन्हें मौका मिला तो यह राजस्थान में बूंदी का नाम रोशन करेंगे. उन्होंने कहा कि सरकार एक ऐसी योजना तैयार करें जिससे खिलाड़ियों को मैदान उनके खेलने के लिए सामग्री व समय निर्धारित किया जाए ताकि खिलाड़ियों को उनका सम्मान मिल सके.

प्रदेश सरकार से प्लेयर्स को उम्मीद
यह कि नहीं राज्य स्तरीय खेल चुके बॉडी बिल्डिंग प्लेयर वसीम खान की हालत भी बुरी है. इन्हें 20 साल का बॉडी बिल्डिंग के क्षेत्र में तजुर्बा है. उन्हें खुद राजस्थान बॉडी बिल्डिंग एसोसिएशन से भी जुड़े हुए हैं, लेकिन वसीम बताते हैं कि सरकार एक ऐसी योजना तैयार करें, जिससे खिलाड़ियों को काफी मनोबल मजबूत हो सके. उन्होंने कहा कि हाल ही में प्रदेश सरकार ने सभी खिलाड़ियों को 2% कोटा देने की बात कही है. जिससे खिलाड़ियों को काफी मनोबल मिलेगा और उन्हें उनकी सारी मूलभूत सुविधाएं मिल जाएगी. उन्होंने कहा कि सरकार ने जो वादा किया है अगर वह पूरा कर देंगे तो खिलाड़ियों को चार चांद लग जाएंगे. बता दें कि वसीम राजस्थान में बॉडीबिल्डिंग क्षेत्र में 8 बार मिस्टर राजस्थान रह चुके हैं और 4 बार नेशनल खेल चुके हैं, लेकिन उन्हें किसी प्रकार की इस क्षेत्र में सहायता नहीं मिली.

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जनवरी में सभी 13 खेलों को 2% कोटा
वहीं खेल अधिकारी वाईबी सिंह का कहना है कि राजस्थान सरकार ने हाल ही में आने वाली जनवरी में सभी 13 खेलों को 2% कोटा दिया है. जिससे काफी हद तक खिलाड़ियों को लाभ मिलेगा. उन्होंने बताया कि बूंदी में 220 ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्हें इस योजना के अंतर्गत लाभ मिलेगा. उनका कहना है कि राजस्थान में हर जिला स्तर पर खेल विभाग है और उन विभाग के अंतर्गत जो-जो खिलाड़ी व खेल आते हैं उन सब खिलाड़ियों को सरकार द्वारा सारी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाती है. बूंदी में भी खिलाड़ियों को सारी सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही है और राजस्थान सरकार द्वारा खेल आयोजित किए जाते हैं. उन सब में खिलाड़ियों का प्रतिभा के अनुसार चयन कर उन्हें खेल से जोड़ा जा रहा है.

Intro:राजस्थान में खेल और खिलाड़ियों की दुर्दशा का किस्सा बहुत पुराना है यहां पर खिलाड़ी देश अपने जिले के लिए राज्य के लिए खेलते तो हैं लेकिन उनका भविष्य हमेशा इस खेल में ज्यादा अनुभव वाला नहीं रह पाता और वह सरकार को कोसते हुए नजर आते हैं। ईटीवी भारत ने बूंदी की इन खेल और खिलाड़ियों की दुर्दशा जानने का प्रयास किया जहां पर ईटीवी भारत के माध्यम से खिलाड़ी सरकार से कहीं मांग करते हुए नजर आए और कहा कि हमें सरकार से उम्मीद है कि सरकार ने हाल ही में ही 2% खेल कोटा जो दिया है वह लागू हो जिससे खिलाड़ियों को चार चांद लग सकें ।


Body:बूंदी - राजस्थान में खेल और खिलाड़ियों की दुर्दशा का किस्सा बहुत पुराना है अधिकतर खेलों से खिलाड़ी खेल को छोड़ चुके हैं खिलाड़ी खुद बदहाल है सरकार खेलो और खिलाड़ियों के प्रति संवेदनशील नजर नहीं आती है यहां हमेशा देखा जाता है कि खिलाड़ी राज्य व जिला स्तरीय खेल कूद करके आते हैं लेकिन उन प्रतिभावान खिलाड़ियों को कोई मदद नहीं मिल पाती और उनमें सवार जुनून का उन्हें मौका नहीं मिल पाता ऐसी खिलाड़ियों के प्रति सरकार कितनी संवेदनशील है इसकी ग्राउंड रिपोर्ट जानने के लिए ईटीवी भारत ने टीम उन खिलाड़ियों के पास पहुंची जहां पर खिलाड़ियों ने अपनी पीड़ा ईटीवी के कैमरे पर रखी और कहा कि सरकार ने खेल को लेकर कुछ व्यवस्था नहीं की है हमने हमारे जिले और राज्य के लिए खेला लेकिन आज हमें पूछा तक नहीं जा रहा है । जब कि हमने इस खेल के प्रति तन मन से प्रयास किए और काफी हद तक हम सफल भी रहे । उन्होंने कहा कि जरूरत है कि सरकार इन खेलों के प्रति जागरूक हो और उन्हें खेल और खिलाड़ियों के लिए एक योजना बनाई जाए जिससे खिलाड़ियों को चार चांद लग सके ।

ऐसा ही हाल बूंदी के वॉलीबॉल के खिलाड़ी अभिषेक चौधरी व कुणाल का है जो बूंदी के खेल संकुल में स्थित वॉलीबॉल मैदान में रोज प्रैक्टिस करते हैं और बॉलीबोल के खिलाड़ियों को अभ्यास करवाते हैं । यहां पर अभिषेक चौधरी का चयन राजस्थान में 4 से अधिक राज्य स्तरीय प्रतियोगिताएं और बूंदी जिले में अनेकों बार जिला स्तर की वॉलीबॉल प्रतियोगिता में चयन हो चुका है अभिषेक बूंदी के ग्रामीण इलाके से आते हैं और बूंदी शहर में किराए के मकान में रहकर पढ़ाई के साथ-साथ बॉलीवाल भी खेलते हैं । जब जब भी उन्हें मौका मिला अभिषेक वॉलीबॉल खेलने के लिए गए हैं और उन्होंने मैच में अच्छा प्रयास किया है उन्हें वॉलीबॉल में अटेकर के रूप में जाना जाता है अभिषेक चौधरी ने ईटीवी को बताया कि उन्होंने कक्षा 6 में वॉलीबॉल खेलने के लिए ठाना और कक्षा 8 तक आते-आते उन्होंने वॉलीबॉल खेल लिया था और वॉलीबॉल के प्लेयर बन गए थे उसके बाद जो सिलसिला शुरू हुआ वह अभी तक भी जारी है । इसी दौरान उन्होंने राजस्थान में 4 से अधिक जिले में अनेकों बार वोलीबोल के खेले हैं। उनका कहना है कि इतने बार मैं तो खेले लेकिन मुझे अवार्ड भी मिले लेकिन सवाल यह है कि अभी तक कोई ऐसी योजना हमारे लिए नहीं आई है जिससे खिलाड़ियों का मनोबल ऊंचा हो सके। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि ऐसी योजना बने जिससे खिलाड़ियों का उद्धार हो सके । साथी खिलाड़ी कुणाल जो भी वॉलीबॉल खिलाड़ी है उनका भी कहना है कि वॉलीबॉल के प्लेयर रहे अभिषेक चौधरी काफी अच्छे खिलाड़ी हैं और इन्हें मौका मिला तो यह राजस्थान में बूंदी का नाम रोशन करेंगे । उन्होंने कहा कि सरकार एक ऐसी योजना तैयार करें जिससे खिलाड़ियों को मैदान उनके खेलने के लिए सामग्री व समय निर्धारित किया जाए ताकि खिलाड़ियों को उनका सम्मान मिल सके ।

यह कि नहीं राज्य स्तरीय खेल चुके बॉडीबिल्डिंग प्लेयर वसीम खान की हालत भी बुरी है इन्हें 20 साल का बॉडीबिल्डिंग क्षेत्र में तजुर्बा है उन्हें खुद राजस्थान बॉडी बिल्डिंग एसोसिएशन से भी जुड़े हुए हैं लेकिन वसीम ईटीवी को बताते हैं कि इन 20 सालों में उन्हें काफी उतार-चढ़ाव इस बॉडीबिल्डिंग क्षेत्र में देखे हैं । उनका कहना है कि सरकार एक ऐसी योजना तैयार करें जिससे खिलाड़ियों को काफी मनोबल मजबूत हो सके उन्होंने कहा कि हाल ही में कांग्रेस सरकार ने सभी खिलाड़ियों को 2% कोटा देने की बात कही है जिससे खिलाड़ियों को काफी मनोबल मिलेगा और उन्हें उनकी सारी मूलभूत सुविधाएं मिल जाएगी । उन्होंने कहा कि सरकार में जो वादा किया है अगर वह पूरा कर देंगे तो खिलाड़ियों को चार चांद लग जाएंगे । वसीम बताते हैं कि वह राजस्थान में बॉडीबिल्डिंग क्षेत्र में 8 बार मिस्टर राजस्थान रह चुके हैं और 4 बार नेशनल खेल चुके हैं लेकिन उन्हें किसी प्रकार की इस क्षेत्र में सहायता नहीं मिली । उन्होंने अपने दम पर ही इस क्षेत्र में काम किया राजस्थान का नाम ऊंचा किया बूंदी का नाम ऊंचा किया और आज उन्हें कोई सुविधा नहीं मिल पाने के चलते सरकार को कोसते हुए नजर आ रहे हैं । वसीम बताते हैं कि एक बॉडी बिल्डर बनने के लिए तो उसे 2 से 3 लाख खर्च होते हैं ऐसे में उन्होंने अपनी दैनिक दिनचर्या के साथ-साथ बॉडीबिल्डिंग के लिए भी काम किया और वह बॉडीबिल्डर बने । उनका कहना है कि मैं मेरी पारिवारिक स्थिति जानता हूं कि इस क्षेत्र में आकर मेरी पारिवारिक स्थिति बहुत ही दयनीय है । उन्होंने कहा कि सरकार एक ऐसी योजना लाएगी तो उनके उनके परिवार उनके क्षेत्र में काफी चार चांद लग जाएंगे ।


Conclusion:वही खेल अधिकारी वाईबी सिंह का कहना है कि राजस्थान सरकार ने हाल ही मे आने वाली नव वर्ष की जनवरी में सभी 13 खेलों को 2% कोटा दिया है । नव वर्ष की जनवरी में सभी 13 खेलों को 2% कोटा दिया है जिससे काफी उधार के खेल से जुड़े खिलाड़ियों का होगा । बूंदी में 220 ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्हें इस योजना के अंतर्गत लाभ मिलेगा । उनका कहना है कि राजस्थान में हर जिला स्तर पर खेल विभाग है और उन विभाग के अंतर्गत जो जो खिलाड़ी व खेल आते हैं उन सब खिलाड़ियों को सरकार द्वारा सारी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाती है । बूंदी में भी खिलाड़ियों को सारी सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही है और जो जो राजस्थान सरकार द्वारा खेल आयोजित किए जाते हैं उन सब में खिलाड़ियों का प्रतिभा के अनुसार चयन कर उन्हें खेल से जोड़ा जा रहा है ।

यकीन राजस्थान के अंदर खिलाड़ियों की खेल की हालत बहुत ही बदहाल है लेकिन सवाल यह बूंदी से खेल राज्य मंत्री अशोक चांदना आते हैं और उनके क्षेत्र में इस तरीके के खिलाड़ियों को दो-चार खेलों से होना पड़ रहा है और उन्हें प्रोत्साहन नहीं मिल पा रहा है । खिलाड़ियों का कहना है कि अगर हमें ऐसा मंच मिल जाए जिससे हम हमारी प्रतिभा दिखा सके या यूं कह सकते हैं कि बूंदी के खिलाड़ी इंतजार कर रहे हैं कि कब उन्हें मौका मिले और वह अपनी प्रतिभा दिखा दे । अब सरकार को जरूरत है कि सरकार ने जितने भी वादे खेलों के लिए और खिलाड़ियों के लिए किए हैं वह जल्द पूरा कर सके ताकि राजस्थान में बूंदी के सभी खिलाड़ियों को एक नया आयाम उनकी पहचान मिल सके ।

बाईट- अभिषेक चौधरी , खिलाड़ी
बाईट - कुणाल , खिलाड़ी
बाईट- वसीम खान , खिलाड़ी
बाईट- वाईबी सिंह , खेल अधिकारी
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