बूंदी. देश में कोरोना वायरस का लगातार संक्रमण बढ़ता जा रहा है. जिसके कारण लॉकडाउन की भी अवधि बढ़ा दी गई है. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लगातार देशवासियों को कोरोना वायरस से बचाव के लिए प्रेरित कर रहे हैं. सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करने और मास्क लगाने को लेकर प्रधानमंत्री हर बार देश की जनता को जागरूक भी कर रहे हैं और अधिकतर राज्यों ने मास्क लगाना भी अनिवार्य कर दिया हैं.
ऐसे ही बूंदी के बड़ा गांव निवासी मधुबाला और बेटी सुमन कोरोना योद्धा बनकर सामने आई हैं. जब से प्रधानमंत्री ने मास्क लगाने की अपील देशवासियों से की है तब से दोनों मां-बेटी इसी तरह अपने घरों में मास्क बनाने का काम कर रही हैं.
दोनों मां-बेटी सुबह से ही मास्क को तैयार करने में जुट जाती है और शाम को दोनों मां बेटियां गांव में बांटने के लिए अपने घर से हाथ में मास्क का थैला लेते हुए निकलती है और जो बिना मास्क के नजर आता है उसको मास्क देती हैं. दोनों मां बेटियों द्वारा चलाई गई इस मुहिम का हिस्सा कई लोग भी बन चुके हैं. इन दोनों के इस सराहनीय कार्य को देख वह भी जागरूक हो रहे हैं.
गरीब परिवार से कोरोना योद्धा मधुबाला
घरबड़ा नया गांव निवासी मधुबाला टेलर गरीब परिवार से ताल्लुक रखती है. मधुबाला घर पर ही सिलाई का काम करती है और बेटी सुमन स्कूल में पढ़ाई करती है. मधुबाला के पति सरकारी बाबू थे जो रिटायर हो चुके है. ऐसे में पति की पेंशन से और अपने छोटे-मोटे कार्यों से मधुबाला अपने परिवार का खर्च चलाती है. घर में पैसों की कमी होने के बावजूद भी दोनों फ्री में मास्क बांट रही हैं.
रोजना 50-100 मास्क तैयार करती हैं मां-बेटी
कोरोना के बढ़ते प्रकोप के चलते मास्क की कमी लगातार बनी हुई है. ऐसे में ये लोग भी घऱ पर रोजाना 50-100 मास्क बनाकर अपना सहयोग दे रहे हैं.
एक आंख से ही देख सकती मधुबाला
मधुबाला अज्ञात बीमारी के चलते एक आंख छिन गई और वह एक आंख से ही देख पाती हैं. फिर भी इतनी बारीकी वाले काम को वह बखूबी कर रही है. साथ में उनकी बेटी सुमन भी अपने मां के साथ हाथ बंटाकर मास्क बनाती है.