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स्पेशल रिपोर्ट: बूंदी उत्सव 15 नवंबर से...लेकिन शहर की सड़कें, साफ-सफाई और पर्यटन स्थल बदहाल

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Published : Nov 9, 2019, 11:59 AM IST

Updated : Nov 9, 2019, 12:12 PM IST

बूंदी उत्सव की शुरुआत 15 नवंबर से होने जा रही है, लेकिन इस फेस्टिवल को लेकर प्रशासन कितना गंभीर है. इसकी बानगी शहर की सड़कों और पर्यटन स्थलों पर फैल रही गंदगी से दिखाई दे रहा है. जहां एक तरफ बदहाल सड़क है तो शहर की साफ-सफाई व्यवस्था भी पूरी तरह से चरमाई हुई है. देखिए बूंदी से स्पेशल रिपोर्ट...

Bundi festival, बूंदी उत्सव

बूंदी. राजस्थान को अपनी ऐतिहासिक धरोहर के लिए जाना जाता है. यहां के हर जिलों में ऐसी विशेषता है. जहां पर पर्यटक खुद-ब-खुद खींचे चले आते हैं. ऐसा ही शहर है छोटी काशी बूंदी. यहां पग-पग पर विरासत है, जिसे देश-विदेश के पर्यटक देखने आते हैं और विरासत का लुत्फ उठाते हैं. वहीं इस विरासत को और निखारा जाए, इसको लेकर प्रशासन ने 25 साल पूर्व बूंदी उत्सव की शुरुआत की थी. इस बूंदी उत्सव में 3 दिनों तक विविध कार्यक्रम आयोजित होते हैं, जिसमें पर्यटकों का स्वागत सत्कार, मान-मनुहार, विशाल शोभायात्रा, ऐतिहासिक धरोहर से रूबरू करवाना सहित पर्यटकों के लिए यह कार्यक्रम आयोजित होते हैं.

15 नवंबर से बूंदी उत्सव की शुरुआत, लेकिन शहर की हालत बिल्कुल खराब

इन 25 सालों में बूंदी उत्सव ने कई आयाम स्थापित किए तो कहीं विरोध भी झेले हैं. इस साल भी 15 नवंबर को बूंदी उत्सव की शुरुआत होने जा रही है. इस बार 25वें रजत महोत्सव के रूप में बूंदी उत्सव मनाया जाएगा, जिसकी प्रशासन की ओर से तैयारी है. वहीं इस बार 3 दिन का उत्सव ना होकर 15 दिन का बूंदी उत्सव आयोजित करने की बात प्रशासन कह रहा है. लेकिन बूंदी की स्थिति देखकर आप अंदाजा ही नहीं लगा सकते की यहां किसी प्रकार के उत्सव की तैयार चल रही है.

पढ़ें- स्पेशल रिपोर्ट : मजबूरी ऐसी कि...कब्रगाह में पढ़ाई करते हैं बच्चे, यहीं खाते हैं मिड-डे मील

25वें रजत महोत्सव में ये होंगे कार्यक्रम

वहीं दूसरी तरफ 15 नवंबर को बूंदी उत्सव की शुरुआत गढ़ पैलेस के गढ़ गणेश जी से पूजा-अर्चना के साथ शुरू होगी. उसके बाद विशाल शोभायात्रा का आयोजन किया जाएगा, जिसमें ऊंट, घोड़े व विशेष झांकियां शामिल होगी. इसके बाद में पुलिस ग्राउंड में रस्साकशी, साफा बांध प्रतियोगिता, मटकी दौड़ प्रतियोगिता, घोड़ा दौड़ प्रतियोगिता आयोजित होगी. वहां मौके पर विजेताओं को पुरस्कार वितरित किए जाएंगे. सभी खेलों में प्रतियोगिताओं में देशी-विदेशी पर्यटक शामिल होंगे और मौके पर पर्यटकों को भारतीय संस्कृति से रूबरू करवाया जाएगा. साथ ही अगले दिन भारतीय एवं राजस्थानी भोजन से रूबरू किया जाएगा और कि उन्हें उस व्यंजन की विशेषता बताई जाएगी ताकि वह खाने से रूबरू हो सकें. यही नहीं प्रशासन की ओर से संध्या कालीन सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित करवाया जाएगा. जहां देश-विदेश से कलाकार 84 खंभों की छतरी पर विविध कार्यक्रम आयोजित करेंगे.

पढ़ें- स्पेशल रिपोर्ट: बूंदी में सामने आ रहे डेंगू मरीज..अस्पताल में लगी रोगियों की लंबी कतारें

कार्यक्रम तो तय, लेकिन तैयारी कितनी

प्रशासन ने कार्यक्रम तो तय कर लिए हैं, लेकिन क्या बूंदी उत्सव से पहले प्रशासन ने शहर की ओर देखा है. इसकी पड़ताल हमने बूंदी शहर के विभिन्न पर्यटन स्थलों से की. जहां हमारी पड़ताल में सामने आया कि प्रशासन ने अभी तक इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया है. जगह-जगह शहर में पर्यटक स्थलों पर गंदगी के ढेर लगे पड़े हैं. साफ-सफाई नहीं की गई है. ऐसे में बूंदी उत्सव की शुरुआत होने जा रही है तो पर्यटकों का दल भी बूंदी पहुंचना शुरू हो गया है और बड़ी संख्या में बूंदी के पर्यटक स्थलों पर पर्यटक भ्रमण कर रहे हैं, लेकिन इस इलाके में ना तो सड़क सही है और ना ही पानी की व्यवस्था और तो और चलने के लिए सड़कों की भी हालत खस्ता है. सड़कों पर बड़े-बड़े विदेशी पावणों के लिए परेशानी का सबब बने हुए है.

पढ़ें- स्पेशल रिपोर्ट: बूंदी में कैनवास पर उतरी प्रदेश भर के चित्रकारों की कल्पनाएं, जान फूंकने में लगे कूंचीकार

ऐसे हालात रहे तो कैसे आएंगे पावणे म्हार देस

ऐसे में प्रशासन का 'थाको माकी बूंदी में स्वागत छे...' यह नारा यहां फेल साबित होता हुआ नजर आ रहा है. वर्तमान में बूंदी के कई इलाकों में कचरे के बड़े ढेर हैं. जिन्हें नगर परिषद की ओर से साफ नहीं करवाया गया है. जिनसे यह पता लगता है कि प्रशासन बूंदी उत्सव को लेकर किस तरीके से सजक है और उसकी तैयारियों में किस तरह से जुटा हुआ है. वर्तमान की हालत को देखकर शहर की व्यवस्था, सड़क की बदहाल हालत बूंदी के पर्यटन क्षेत्र को तो बदहाल कर ही रही है साथ में बूंदी उत्सव में भी पर्यटकों की संख्या घट सकती है.

बूंदी. राजस्थान को अपनी ऐतिहासिक धरोहर के लिए जाना जाता है. यहां के हर जिलों में ऐसी विशेषता है. जहां पर पर्यटक खुद-ब-खुद खींचे चले आते हैं. ऐसा ही शहर है छोटी काशी बूंदी. यहां पग-पग पर विरासत है, जिसे देश-विदेश के पर्यटक देखने आते हैं और विरासत का लुत्फ उठाते हैं. वहीं इस विरासत को और निखारा जाए, इसको लेकर प्रशासन ने 25 साल पूर्व बूंदी उत्सव की शुरुआत की थी. इस बूंदी उत्सव में 3 दिनों तक विविध कार्यक्रम आयोजित होते हैं, जिसमें पर्यटकों का स्वागत सत्कार, मान-मनुहार, विशाल शोभायात्रा, ऐतिहासिक धरोहर से रूबरू करवाना सहित पर्यटकों के लिए यह कार्यक्रम आयोजित होते हैं.

15 नवंबर से बूंदी उत्सव की शुरुआत, लेकिन शहर की हालत बिल्कुल खराब

इन 25 सालों में बूंदी उत्सव ने कई आयाम स्थापित किए तो कहीं विरोध भी झेले हैं. इस साल भी 15 नवंबर को बूंदी उत्सव की शुरुआत होने जा रही है. इस बार 25वें रजत महोत्सव के रूप में बूंदी उत्सव मनाया जाएगा, जिसकी प्रशासन की ओर से तैयारी है. वहीं इस बार 3 दिन का उत्सव ना होकर 15 दिन का बूंदी उत्सव आयोजित करने की बात प्रशासन कह रहा है. लेकिन बूंदी की स्थिति देखकर आप अंदाजा ही नहीं लगा सकते की यहां किसी प्रकार के उत्सव की तैयार चल रही है.

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25वें रजत महोत्सव में ये होंगे कार्यक्रम

वहीं दूसरी तरफ 15 नवंबर को बूंदी उत्सव की शुरुआत गढ़ पैलेस के गढ़ गणेश जी से पूजा-अर्चना के साथ शुरू होगी. उसके बाद विशाल शोभायात्रा का आयोजन किया जाएगा, जिसमें ऊंट, घोड़े व विशेष झांकियां शामिल होगी. इसके बाद में पुलिस ग्राउंड में रस्साकशी, साफा बांध प्रतियोगिता, मटकी दौड़ प्रतियोगिता, घोड़ा दौड़ प्रतियोगिता आयोजित होगी. वहां मौके पर विजेताओं को पुरस्कार वितरित किए जाएंगे. सभी खेलों में प्रतियोगिताओं में देशी-विदेशी पर्यटक शामिल होंगे और मौके पर पर्यटकों को भारतीय संस्कृति से रूबरू करवाया जाएगा. साथ ही अगले दिन भारतीय एवं राजस्थानी भोजन से रूबरू किया जाएगा और कि उन्हें उस व्यंजन की विशेषता बताई जाएगी ताकि वह खाने से रूबरू हो सकें. यही नहीं प्रशासन की ओर से संध्या कालीन सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित करवाया जाएगा. जहां देश-विदेश से कलाकार 84 खंभों की छतरी पर विविध कार्यक्रम आयोजित करेंगे.

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कार्यक्रम तो तय, लेकिन तैयारी कितनी

प्रशासन ने कार्यक्रम तो तय कर लिए हैं, लेकिन क्या बूंदी उत्सव से पहले प्रशासन ने शहर की ओर देखा है. इसकी पड़ताल हमने बूंदी शहर के विभिन्न पर्यटन स्थलों से की. जहां हमारी पड़ताल में सामने आया कि प्रशासन ने अभी तक इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया है. जगह-जगह शहर में पर्यटक स्थलों पर गंदगी के ढेर लगे पड़े हैं. साफ-सफाई नहीं की गई है. ऐसे में बूंदी उत्सव की शुरुआत होने जा रही है तो पर्यटकों का दल भी बूंदी पहुंचना शुरू हो गया है और बड़ी संख्या में बूंदी के पर्यटक स्थलों पर पर्यटक भ्रमण कर रहे हैं, लेकिन इस इलाके में ना तो सड़क सही है और ना ही पानी की व्यवस्था और तो और चलने के लिए सड़कों की भी हालत खस्ता है. सड़कों पर बड़े-बड़े विदेशी पावणों के लिए परेशानी का सबब बने हुए है.

पढ़ें- स्पेशल रिपोर्ट: बूंदी में कैनवास पर उतरी प्रदेश भर के चित्रकारों की कल्पनाएं, जान फूंकने में लगे कूंचीकार

ऐसे हालात रहे तो कैसे आएंगे पावणे म्हार देस

ऐसे में प्रशासन का 'थाको माकी बूंदी में स्वागत छे...' यह नारा यहां फेल साबित होता हुआ नजर आ रहा है. वर्तमान में बूंदी के कई इलाकों में कचरे के बड़े ढेर हैं. जिन्हें नगर परिषद की ओर से साफ नहीं करवाया गया है. जिनसे यह पता लगता है कि प्रशासन बूंदी उत्सव को लेकर किस तरीके से सजक है और उसकी तैयारियों में किस तरह से जुटा हुआ है. वर्तमान की हालत को देखकर शहर की व्यवस्था, सड़क की बदहाल हालत बूंदी के पर्यटन क्षेत्र को तो बदहाल कर ही रही है साथ में बूंदी उत्सव में भी पर्यटकों की संख्या घट सकती है.

Intro:बूंदी उत्सव की शुरुआत 15 नवंबर से होने जा रही है लेकिन 15 नवंबर से शुरू होने जा रहे इस फेस्टिवल को लेकर प्रशासन कितना गंभीर दिखाई दे रहा है इसकी पड़ताल ईटीवी ने की जहां बदहाल सड़क साफ सफाई व्यवस्था चरमाई हुई , शहर की बदहाली हुई पाई गई । जिसे पर्यटक भी कई टिप्पणी करते हुए नजर आए एक और प्रशासन कहता है कि """"थाको माकी बूंदी में स्वागत छै...लेकिन यह नारा बिल्कुल फीका पड़ता हुआ नजर आ रहा है । इसकी पड़ताल हमने की रानी जी की बावड़ी, नागर सागर का कुंड ,बालचंद पाड़ा , धाभाई का कुंड , नवल सागर, आजाद पार्क सहित कहीं मुख्य बाजारों में आज भी कचरे के ढेर पड़े हुए हैं जिन्हें नगर परिषद द्वारा अभी तक नहीं हटाया गया है ।



Body:राजस्थान को अपनी ऐतिहासिक धरोहर के लिए जाना जाता है यहां के हर जिलों में ऐसी विशेषता है जहां पर पर्यटक खुद-ब-खुद खींचे चले आते हैं । ऐसा ही बूंदी में है यहां पग पग पर विरासत है जिसे देश-विदेश के पर्यटक देखने आते हैं और विरासत का लुफ्त उठाते हैं । वही इस विरासत को और निखारा जाए इसको लेकर प्रशासन ने आज से 25 वर्ष पूर्व बूंदी उत्सव की शुरुआत की थी इस बूंदी उत्सव में 3 दिनों तक विविध कार्यक्रम आयोजित होते हैं जिसमें पर्यटकों का स्वागत सत्कार , मान मनुहार , विशाल शोभायात्रा ,ऐतिहासिक धरोहर से रूबरू करवाना सहित पर्यटकों के लिए यह कार्यक्रम आयोजित होते हैं । इन 25 सालों में बूंदी उत्सव ने कई आयाम स्थापित किए तो कहीं विरोध भी झेले हैं। इस वर्ष भी 15 नवंबर को बूंदी उत्सव की शुरुआत होने जा रही है इस बार 25 वा रजत महोत्सव के रूप में बूंदी उत्सव मनाया जाएगा जिसकी प्रशासन मनाने की तैयारी कर रहा है । इस बार 3 दिन का उत्सव नहीं होकर 15 दिन का बूंदी उत्सव आयोजित करने की बात प्रशासन कह रहा है । 15 नवंबर को बूंदी उत्सव की शुरुआत गढ़ पैलेस के गढ़ गणेश जी से पूजा अर्चना के साथ शुरू होगी उसके बाद विशाल शोभायात्रा का आयोजन किया जाएगा जिसमें ऊंट घोड़े व विशेष झांकियां शामिल होगी । बाद पुलिस पर ग्राउंड में रस्साकशी, साफा बांध प्रतियोगिता ,मटकी दौड़ प्रतियोगिता, घोड़े दौड़ प्रतियोगिता आयोजित होगी वहां मौके पर विजेताओं को पुरस्कार वितरित किए जाएंगे । सभी खेलों में प्रतियोगिताओं में देशी-विदेशी पर्यटक शामिल होंगे और मौके पर पर्यटकों को भारतीय संस्कृति से रूबरू करवाया जाएगा । साथ ही अगले दिन भारतीय एवं राजस्थानी भोजन से रूबरू किया जाएगा और कि उन्हें उस व्यंजन की विशेषता बताई जाएगी ताकि वह खाने से रूबरू हो सकें । यही नहीं प्रशासन द्वारा संध्या कालीन सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित करवाया जाएगा जहां देश-विदेश से कलाकार 84 खंभों की छतरी पर विविध कार्यक्रम आयोजित करेंगे ।

प्रशासन ने कार्यक्रम तो तय कर लिए हैं लेकिन क्या बूंदी उत्सव से पहले प्रशासन ने शहर की ओर देखा है इसकी पड़ताल हमने बूंदी शहर के विभिन्न पर्यटन स्थलों से कि जहां हमारी पड़ताल में सामने आया कि प्रशासन ने अभी तक इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया है । जगह-जगह शहर में पर्यटक स्थलों पर गंदगी के ढेर लगे पड़े हैं । साफ-सफाई वहां की नहीं हुई है ऐसे में बूंदी उत्सव की शुरुआत होने जा रही है तो पर्यटकों का दस्ता बूंदी पहुंचना शुरू हो गया है और बड़ी संख्या में बूंदी के पर्यटक स्थलों पर पर्यटक भ्रमण कर रहे हैं । लेकिन इस इलाके में ना तो सड़क सही है नहीं पानी की व्यवस्था सही है ना ही साफ सफाई व्यवस्था सही है । सड़कों पर फैली गंदगी सड़कों पर पहले बड़े-बड़े गड्ढे और गड्ढों में पानी पर्यटकों को मुसीबत में ला रहा है । इन स्थिति को देखकर कहीं टिप्पणियां पर्यटक भी कर रहे हैं । पर्यटक इन सभी कचरे के ढेर की फोटो खींचकर अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर कमेंट कर रहे हैं जिसके चलते पर्यटकों की तादाद दिन-ब-दिन घटित जा रही है । प्रशासन द्वारा बूंदी उत्सव को लेकर एक मात्र औपचारिकता के रूप में मनाए जैसे आसार दिखाई दे रहे हैं ।


ऐसे में प्रशासन का नारा है"""थाको माकी बूंदी में स्वागत छे... यह नारा यहां फेल साबित होता हुआ नजर आ रहा है । वर्तमान में बूंदी के कई इलाकों में कचरे के बड़े ढेर हैं जिन्हें नगर परिषद की ओर से साफ नहीं करवाया गया है जिनसे यह पता लगता है कि प्रशासन बूंदी उत्सव को लेकर किस तरीके से सजक है और उसकी तैयारियों में जुटा हुआ है । वर्तमान समय की हालत को देखकर सड़क पर व्यवस्था , सड़क की बदहाल हालत ,उड़ती हुई धूल मिट्टी से बूंदी के पर्यटन क्षेत्र को तो बदहाल कर ही रही है साथ में बूंदी उत्सव में भी पर्यटकों की संख्या घट सकती है ।




Conclusion:आपको बता दें कि यहां पर स्थानीय निवासियों की हमेशा यही मांग रही है कि बूंदी उत्सव हर वर्ष तो मनाया जाता है लेकिन बूंदी की सड़कें साफ सफाई व मूलभूत सुविधा सही नहीं करवाई जाती उनका कहना है कि जिन जगह पर पर्यटकों का सम्मान किया जाता है और बूंदी उत्सव की परंपरा को निभाया जाता है उन जगहों को व्यवस्थित सुव्यवस्थित कर लिया जाए ताकि बूंदी की संस्कृति को उभार सके । स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर देश विदेश से पर्यटकों बूंदी आते है और वह इस तरीके की बदहाली बूंदी की देखेंगे तो बूंदी पर्यटन के लिए क्या संदेश बाहर लेकर जाएंगे यह है उनका कहना रहता है । लेकिन आखिर लोग कहीं से सकते हैं लेकिन प्रशासन है कि इस और कोई ध्यान नहीं दे पाता ।

उधर जिला कलेक्ट्रेट में जिला कलेक्टर ने बूंदी उत्सव समिति की बैठक ली जिसमें बूंदी उत्सव का पोस्टर का विमोचन किया गया और पोस्टर के विमोचन के साथ ही बूंदी उत्सव के कार्यक्रमों का आगाज हो गया । इस बार बूंदी उत्सव को 3 दिन ना बढ़ाकर 15 दिन मनाया जाएगा और जिले के हिंडोली ,केशोरायपाटन ,नैनवा लाखेरी सहित अन्य जगहों पर विविध कार्यक्रम आयोजित होंगे जिसका पोस्टर का विमोचन आज हो चुका है ।

बाईट - रुक्मणी रियार , जिला कलेक्टर ,बूंदी
बाईट - पुरसोत्तम पारीक , स्थानीय बुजुर्ग
बाईट - राजकुमार दाधीच , इंटेक सदस्य
Last Updated : Nov 9, 2019, 12:12 PM IST
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