बूंदी. जिले के रामगढ़ अभयारण्य के जंगलों में विचरण करने वाले सैकड़ों वन्यजीवों को पानी की किल्ल्त से जूझना पड़ रहा है. यहां, भीषण गर्मी का दौर शुरू हो चूका है, लेकिन बूंदी वन विभाग ने अभी तक इन जंगलो में पानी की खेळियों में पानी नहीं भरा है. जिससे वन्यजीवों को पानी के लिए दर दर भटकना पड़ रहा है.
बता दें, वन विभाग की तरफ से यहां अभी तक पानी के वैकल्पिक इंतजाम नहीं किए गए हैं. जबकि, जंगलों में वन विभाग ने पानी की खेळियों का निर्माण कराया हुआ है. वन्यजीव प्रेमियों की माने तो पीने का पानी नहीं मिलने से जंगलों के आस-पास बसे आबादी क्षेत्रों में वन्यजीवों के आने की घटनाएं बढ़ने लगी हैं.
वहीं, अभयारण्य 307 वर्ग किलोमीटर की परिधि में फैला हुआ है. अभयारण्य क्षेत्र में नदियां और तालाब स्थित हैं. लेकिन, कई हिस्से ऐसे भी हैं जिनमें दूर-दूर तक पानी का कोई इंतजाम नहीं है. इन क्षेत्रों में बने एनिकट या खेळ तेज गर्मी के कारण सुख गयी हैं और वन विभाग इन्हे भर भी नहीं रहा है, जो की आने वाले समय में वन्यजीवों पर तापघात का खतरा मंडरा रहा है. रामगढ़ अभयारण्य में बाघ, पैन्थर सहित बड़ी संख्या में वन्यजीव मौजूद हैं, जो पुरे जंगल में विचरण करते हैं. जैसे-जैसे तापमान में बढ़ोतरी हो रही है, वैसे-वैसे जंगल में हरियाली गायब हो रही है, पानी सुख रहा है.
उधर, जिले के चंद्रभागा नदी वन्य जल स्त्रोतों के सूखने के कारण काफी दिनों से वन्यजीवों को जल संकट झेलना पड़ा रहा है. वो पानी की तलाश में गांव तक आ रहे हैं. पिछले सप्ताह लगातार आसपास के क्लोज़र निरीक्षण किया गया तो वन विभाग द्वारा पाया गया कि हिरण के झुंड और सियार पानी की तलाश में दर-दर भटकते हुए नजर आए. वहीं, 2 दिन पूर्व नरेगा की टीम की मदद से हरिपुरा के जंगलों में दो स्थानों पर अस्थाई पानी खेळ और तलाई में ट्रैक्टर टैंकर से पानी डाला गया, जिससे उनको फायदा मिला. वहीं, बूंदी अभ्यारण के रेंजर नीरज गुप्ता ने बताया की सूचना मिलने पर लगातार पानी की व्यवस्था करवाई जा रही है, फिर भी कुछ जगह छूट रही है, जिससे वन्यजीव परेशान हैं.