बूंदी. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 1 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए एक दलाल को गिरफ्तार किया है. यह दलाल आरएएस अधिकारी और अतिरिक्त जिला कलेक्टर सीलिंग बूंदी के नाम से रिश्वत ले रहा था.
जानकारी के अनुसार कोटा में बन रहे नॉर्दन बाइपास के फेज दो के निर्माण के लिए भूमि अवाप्ति की प्रक्रिया चल रही है. यह भूमि अवाप्ति का कार्य एडीएम सीलिंग बूंदी के पास है. नॉर्दन बाइपास के फेज दो में एक किसान की जमीन अवाप्त की गई थी. उसी के मामले को ऑनलाइन अपलोड करने के संबंध में उससे रिश्वत मांगी जा रही थी. इस संबंध में किसान ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को शिकायत दी थी. जिसमें बताया था कि बूंदी के गुरुनानक कॉलोनी निवासी प्रभाकर शर्मा 2 लाख की रिश्वत मांग रहा है. साथ ही वह अपने आप को एडीएम सीलिंग बूंदी का कार्मिक बता रहा है.
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शिकायत का सत्यापन शुक्रवार को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने किया. जिसके बाद आज एक लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए प्रभाकर शर्मा को एसीबी की टीम ने रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया है. वर्तमान में एडीएम सीलिंग बूंदी का पद रिक्त चल रहा है और इसका एडिशनल चार्ज अन्य अधिकारी को दिया हुआ है. ऐसे में उक्त अधिकारी की इस मामले में भूमिका है या नहीं इसकी भी पड़ताल भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो करेगा. साथ ही गिरफ्तार आरोपी प्रभाकर शर्मा को संविदा कार्मिक बताया जा रहा है. इस संबंध में भी भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम पड़ताल कर रही है.
बूंदी एसीबी के पुलिस उपाधीक्षक ज्ञानचंद मीणा ने बताया कि आरोपी प्रभाकर शर्मा किसान के घर पर ही रिश्वत लेने के लिए पहुंच गया था. इस दौरान उसे गिरफ्तार किया गया. उन्होंने बताया कि किसान की 3.8 हेक्टेयर जमीन नॉर्दन बाईपास में 2017 में चली गई थी. इसकी अवाप्ति हाल ही में हुई है. ऐसे में लंबे समय से प्रभाकर शर्मा उससे संपर्क कर मुआवजे के 36 लाख रुपए की एवज में ढाई लाख की मांग कर रहा था. एक दिन पहले 26 जनवरी को किसान के खाते में पैसे आ गए थे. ऐसे में शुक्रवार को उससे रिश्वत लेने घर ही आरोपी प्रभाकर पहुंच गया. सत्यापन के दौरान भी आरोपी प्रभाकर ने ऊपर अधिकारियों को पैसे देने की बात कही है. इसमें से एक लाख रुपए आरएएस अधिकारी को देने की बात वह कह रहा था. ऐसे में पूरे मामले की पड़ताल की जाएगी.
घर पर मिली सरकारी फाइलें- आरोपी प्रभाकर शर्मा के बारे में बताया जा रहा है कि वह एडीएम सीलिंग कार्यालय में संविदा में कार्यरत था, लेकिन 31 दिसंबर को ही उसकी सेवाएं समाप्त कर दी गई थी. आरोपी को बाजड़ गांव में रंगे हाथों गिरफ्तार करने के बाद भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम बूंदी के गुरुनानक कॉलोनी स्थित घर पर लेकर गई, जहां पर जांच में सरकारी फाइलें उसके घर पर मिली हैं. इसमें जनवरी 2023 में प्रक्रिया में लाई गई फाइलें भी शामिल है. ऐसे में जब वह 1 महीने से कार्यरत नहीं है, तब सरकारी फाइलें उसके घर में मिलना संदेह जता रहा है. इसके बाद अन्य लोगों और उच्च अधिकारियों की संलिप्तता की जांच के लिए भी उसे एडीएम सीलिंग ऑफिस बूंदी ले जाया गया.
दूसरे कार्यों में भी चर्चा में रहा था प्रभाकर- प्रभाकर शर्मा जेवीवीएनएल में सुपरिटेंडेंट इंजीनियर के ऑफिस में कम्प्यूटर ऑपरेटर के पद पर कार्यरत था. वहां भी इस तरह की गड़बड़झाला करने के बाद हंगामा होने पर इसे हटा दिया था. जिसके बाद कुछ समय सर्किट हाउस में काम किया. यहां के बाद अतिरिक्त जिला कलेक्टर सीलिंग कार्यालय में कार्यरत था. एसीबी की टीम ने उसके घर पर जब दबिश दी तो वहां सभी सुख सुविधाएं सामने आई. संविदा कार्मिक के रूप में कार्य करते हुए इस तरह की सुविधाओं का होना संदेह जता रहा है.
बैंक खातों में दूसरों ने जमा करवाए हैं लाखों रुपए- भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के अधिकारियों का यह भी मानना है कि प्रभाकर शर्मा के बैंक खाते के ट्रांजैक्शन में सामने आ रहा है कि यह लाखों रुपए अन्य लोग जमा करवा रहे हैं. ऐसे में यह रिश्वत के रूप में ली गई राशि भी हो सकती है. ऐसे में उसके बैंक खाते की भी जांच की जाएगी, जिसमें किन-किन लोगों ने पैसा जमा करवाया है और उनसे भी पूछताछ की जाएगी. इस पैसे के बारे में एसीबी की पूछताछ में प्रभाकर शर्मा ने बताया है कि उसने उन लोगों से उधार पैसा लिया है.