बूंदी. भाजपा प्रदेश नेतृत्व ने पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष महिपत सिंह हाड़ा, बीते चुनाव में हिंडोली से प्रत्याशी रहे ओमेंद्र सिंह हाड़ा और जिला परिषद सदस्य शक्ति सिंह हाड़ा के निलंबन के आदेश को रद्द कर दिया. भाजपा अनुशासन समिति के अध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत ने गुरुवार को यह आदेश जारी किया, लेकिन इस आदेश पर पूर्व जिलाध्यक्ष महिपत सिंह हाड़ा ने आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा- ''मेरी मान प्रतिष्ठा इस आदेश के जरिए गिरी है.'' उन्होंने आगे कहा- ''मुझे सोशल मीडिया के जरिए इसकी इसकी जानकारी मिली है. मैंने भाजपा में जाने के लिए कोई आवेदन नहीं किया था और न ही अब मेरा भाजपा में जाने का कोई विचार है.'' इधर, भाजपा जिलाध्यक्ष छीतर लाल राणा ने कहा- ''पार्टी हित में इन तीनों की सदस्यता बहाल की गई है. ऐसे में अब तीनों विधानसभा चुनाव में भाजपा के पक्ष में कार्य करेंगे.
पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण किया गया था निष्कासन : जिला अध्यक्ष छीतर लाल राणा का कहना है- ''भाजपा अनुशासन समिति के अध्यक्ष लखावत ने जारी पत्र में लिखा है कि गत जिला परिषद चुनाव के दौरान पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष महिपत सिंह हाड़ा, पूर्व प्रत्याशी हिण्डोली विधानसभा ओमेंद्र हाड़ा और जिला परिषद सदस्य शक्ति सिंह हाड़ा को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित किया गया था. तीनों कार्यकर्ताओं ने भारतीय जनता पार्टी की रीति-नीति में विश्वास व्यक्त करते हुए अनुशासनबद्ध होकर कार्य करने का वचन दिया है. ऐसे में आदेशानुसार महिपत सिंह, ओमेन्द्र हाड़ा और शक्ति सिंह का निष्कासन आदेश अविलंब प्रभाव से निरस्त कर दिया गया है.''
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सोशल मीडिया के जरिए मिली जानकारी : महिपत सिंह ने पत्र की विश्वसनीयता पर संदेह जताया. साथ ही उन्होंने कहा- ''पार्टी में वापस लेने की जानकारी सोशल मीडिया के जरिए उन्हें मिली है. जिस प्रकार 3 साल पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के कहने पर पंचायत राज चुनाव के संभाग प्रभारी सीपी जोशी, बूंदी विधायक अशोक डोगरा व भाजपा जिलाध्यक्ष बूंदी ने गलत तथ्य पेश कर षड्यंत्र के तहत उन्हें पार्टी से बिना कारण बताए निकाला था. जबकि पार्टी को उक्त प्रकरण की जांच करवाकर ही कार्रवाई करनी चाहिए थी. मैंने भाजपा की 40 सालों से निस्वार्थ सेवा की है, लेकिन मुझे पार्टी से निकाल कर मेरे स्वाभिमान को ठेस पहुंचाया गया था.''
जनता को भ्रमित करने का प्रयास : महिपत सिंह ने कहा- ''एक बार फिर मेरे आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाया गया है. मुझे व मेरे पुत्र को पार्टी में वापस लेने का अधिकृत पत्र भाजपा के प्रदेश कार्यालय ने जारी किया है. जबकि पार्टी में वापस जाने के लिए उन्होंने कोई भी आवेदन नहीं किया था. यह उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा व स्वाभिमान को आघात पहुंचाने जैसा है. यह केवल भाजपा ने बूंदी की जनता को भ्रम में डालने के लिए किया है. जिस तरीके से मुझे वापस पार्टी में लेने का षड्यंत्र रचा गया है, उसको देखते हुए फिलहाल भाजपा में मेरा जाने का कोई विचार नहीं है. इसकी जगह मेरा भाजपा नेतृत्व से कहना है कि पहले षड्यंत्र पूर्वक निकाले जाने की जांच हो और दोषी व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए.''