बूंदी. प्रदेश में बूंदी को छोटी काशी के नाम से जाना जाता है. यहां की विरासत पूरे राजस्थान में अपनी पहचान रखती है. देश-विदेश से पर्यटक हर वर्ष बूंदी की विरासत को देखने के लिए आते हैं. बूंदी के पर्यटन इलाके में बालचंद पाड़ा में स्थित ऐतिहासिक नवल सागर झील भी आती है. इस झील को राजाओं ने बूंदी की खूबसूरती बढ़ाने के लिए गढ़ पैलेस के सामने बनवाया था, ताकि झील के साथ-साथ गढ़ पैलेस की रौनक भी बढ़ सके. लेकिन यह झील इन दिनों प्रशासन की अनदेखी के चलते दुर्दशा का शिकार हो चली है.
नवल सागर झील बूंदी गढ़ पैलेस के ठीक सामने स्थित है और हर वर्ष मानसून में यह झील लबालब हो जाती है, लेकिन मानसून से पहले यह झील अब दलदल और मटमैले पानी से भर चुकी है. लोगों ने इस झील में बड़े-बड़े नाले छोड़ दिये हैं. जिसके चलते गंदा पानी झील में आ रहा है. झील का एक किस्सा अब दूषित भी होने लगा है और गंदा कचरा झील के अंदर प्रवेश करने लगा है. जिसके चलते झील का पानी अब पूरी तरह सफेद की जगह मटमैला पिला हो रहा है.
नवल सागर झील बूंदी के पर्यटन की जान हैं और इस इलाके में इस झील के पास पर्यटक खुद-ब-खुद पहुंच जाते हैं. यही नहीं कुछ समय इस झील के किनारे बिताते हैं और बूंदी की वादियों को अपने कैमरे में कैद करते हैं, लेकिन लॉकडाउन के चलते प्रशासन ने इस झील पर कोई ध्यान नहीं दिया. पानी को दूषित करने के साथ-साथ लोगों ने झील के अन्य स्थानों को भी नुकसान पहुंचाने की कोशिश की है. झील के किनारे सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं है. जिसके चलते लोग सार्वजनिक पुरातत्व विभाग की संपति को नुकसान भी पहुंचा रहे हैं.
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वर्तमान में झील से बदबू आने लगी है. नालियों का पानी लगातार झील में प्रवेश कर रहा है. जिसके चलते झील में कचरा बढ़ता जा रहा है. अगर ये सिलसिला ऐसे ही चलता रहा तो बहुत जल्दी पूरी झील दूषित हो जाएगी. नगर परिषद और पर्यटन विभाग को चाहिए कि वह इन नालों को बंद करवाए, ताकि झील में गंदे पानी के प्रवेश को रोका जा सके.