बूंदी. बूंदी में कोविड-19 टीकाकरण का पहला चरण शनिवार से प्रारंभ हो रहा है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 12 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से वैक्सीनेशन कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे. जिला कलेक्टर आशीष गुप्ता ने बताया कि आरंभिक चरण में हेल्थ केयर वर्कर्स तथा फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन लगाई जाएगी. पहले चरण में जिले में तीन केन्द्रों पर टीके लगाए जाएंगे. बूंदी में जिला अस्पताल तथा तालेड़ा और हिंडोली सीएचसी पर टीकाकरण होगा. जिला कलेक्टर ने बताया कि टीकाकरण के लिए पात्र लाभार्थियों को उनके पंजीकृत मोबाइल नंबर के माध्यम से वैक्सीनेशन और उसके निर्धारित समय के बारे में सूचित किया जाएगा.
पंजीकरण के समय लगने वाले प्रमाणपत्र
पंजीकरण के समय फोटो के साथ उल्लेखित पहचान पत्र में से कुछ भी दिखाए जा सकते हैं. जैसे आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी, पैन कार्ड, पासपोर्ट, जाॅब कार्ड, पेंशन दस्तावेज, स्वास्थ्य मंत्रालय की योजना के तहत जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गांरटी कार्ड (मनरेगा), सांसदों, विधायकों, एमएलसी को जारी किए गए अधिकारिक प्रमाण पत्र, बैंक/पोस्ट ऑफिस की ओर से जारी पासबुक, केन्द्र/राज्य सरकार/पब्लिक लिमिटेड कंपनियों की ओर से जारी सेवा आईडी कार्ड, फोटो आईडी पंजीकरण स्थल पर पंजीकरण और सत्यापन दोनों के लिए जरूरी है.
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जिला कलेक्टर ने बताया कि ऑनलाइन पंजीकरण के बाद लाभार्थी को वैक्सीनेशन की तिथि, स्थान और समय के बारे में उनके मोबाइल नंबर पर एसएसएस प्राप्त होगा. कोरोना वैक्सीन की उचित खुराक मिलने पर भी लाभार्थी को उनके मोबाइल नंबर पर एसएमएस प्राप्त होगा. वैक्सीन की सभी खुराक देने के बाद, एक क्यूआर कोड-आधारित प्रमाण पत्र भी उनके नंबर पर भेजा जाएगा. टीकाकरण के बाद लाभार्थी को कम से कम आधे घंटे तक वैक्सीनेशन केंद्र में आराम कराया जाएगा. यदि उसके बाद में कोई असुविधा या बेचैनी महसूस होती है, तो निकटतम स्वास्थ्य अधिकारियों, एएनएम, आशा को सूचित करें.
कोरोना टीकाकरण के दौरान ध्यान रखना होगा जैसे कि मास्क पहनना, हाथ की सफाई और शारीरिक दूरी बनाए रखने की पालना (6 फीट या दो गज) होने पर ही कोरोना वैक्सीन का उपयोग किया जाएगा. कुछ व्यक्तियों में सामान्य दुष्प्रभाव, हल्का बुखार, दर्द आदि हो सकता है. किसी भी दुष्प्रभाव से निपटने के लिए समस्त व्यवस्था सुनिश्चित की गई है.
चरणवार लगेगी वैक्सीन
कोरोना के लिए वैक्सीनेशन स्वैच्छिक है. हालांकि स्वयं की सुरक्षा और बीमारी के प्रसार को सीमित करने के लिए कोरोना वैक्सीन की पूरी खुराक आवश्यक है. पहले से संक्रमित होने के बावजूद वैक्सीन की पूरी खुराक लेना आवश्यक है क्योंकि यह एक मजबूत प्रतिक्रिया तंत्र विकसित करने में मदद करेगा. संक्रमित व्यक्तियों को लक्षण खत्म होने के 14 दिन बाद तक वैक्सीनेशन स्थगित करना चाहिए, क्योंकि वे वैक्सीनेशन स्थल पर दूसरों में वायरस फैलाने का जोखिम बढ़ा सकते है.
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लाइसेंस देने से पहले ड्रग नियामक द्वारा परीक्षणों से सुरक्षा और प्रभावकारिता डेटा की जांच की जाती है. इसीलिए सभी लाइसेंस प्राप्त कोरोना वैक्सीन सुरक्षित और प्रभावकारी होंगे. भारत में शुरू की गयी कोरोना वैक्सीन उतनी ही प्रभावी होगी जितनी अन्य देशों द्वारा विकसित वैक्सीन.