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बूंदीः जिला अस्पताल में एम्बुलेंस चालक हड़ताल पर, अस्पताल परिसर में घरेलू वाहनों पर रोक की मांग - bundi news

बूंदी जिला अस्पताल में एंबुलेंस चालकों ने हड़ताल शुरू कर दी है. पिछले 4 दिनों से एंबुलेंस चालक हड़ताल पर हैं. वहीं हड़ताल हो जाने के कारण आमजन को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा है. ऐसे में जरूरत है कि एंबुलेंस चालकों की मांगों पर जिला प्रशासन गौर करें.

अस्पताल में घरेलू वाहनों पर रोक की मांग, ban on domestic vehicles in hospital
एम्बुलेंस चालक हड़ताल पर
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Published : May 24, 2020, 5:06 PM IST

बूंदी. एक ओर जहां कोरोना वायरस का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है. वहीं दूसरी ओर बूंदी में एंबुलेंस चालक हड़ताल पर चले गए हैं. जानकारी के अनुसार बूंदी जिला अस्पताल में पिछले कई दिनों से घरेलू वाहन मरीजों को रेफर करने का कार्य कर रहे हैं. ऐसे में एंबुलेंस का उपयोग जिला अस्पताल में नहीं हो पा रहा है. जिससे एक दर्जन एंबुलेंस चालकों की रोजी-रोटी पर संकट आ पड़ा है.

एम्बुलेंस चालक हड़ताल पर

वहीं एंबुलेंसो को बूंदी जिला अस्पताल से मान्यता प्राप्त भी है. कई बार बूंदी जिला अस्पताल के प्रशासन को शिकायत करने के बाद भी कुछ नहीं हुआ, तो एंबुलेंस चालकों ने जिला कलेक्टर और अस्पताल चौकी को इस मामले में शिकायत दी. लेकिन घरेलू वाहनों से रेफर होने का सिलसिला नहीं थमा. ऐसे में कोरोना वायरस के बीच एंबुलेंस चालकों को हड़ताल पर जाना पड़ा.

पढ़ेंः राजगढ़ SHO सुसाइड मामला: बीजेपी नेता राजेंद्र राठौड़ और सीओ रामप्रताप विश्नोई के बीच हुई तीखी बहस

बूंदी जिला अस्पताल के सभी एंबुलेंस चालक अपनी एंबुलेंस को लेकर बूंदी अस्पताल के बाहर वाहनों को लेकर एकत्रित हो गए हैं और पिछले 4 दिनों से बूंदी जिला अस्पताल प्रशासन पर कोई कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाते हुए हड़ताल पर चले गए हैं. उन्होंने कहा कि घरेलू वाहन में ऑक्सीजन भी नहीं होता है, फिर भी जिला अस्पताल प्रशासन मरीजों को उन वाहनों में रेफर करने के लिए भेज देता है, जो कि मरीजों की जान पर जोखिम है.

एंबुलेंस में सारी सुविधा उपलब्ध रहती है, फिर भी अस्पताल प्रशासन लापरवाही बनाए हुए हैं. एंबुलेंस चालकों का कहना है कि हम हर वर्ष हमारी एंबुलेंस का फिटनेस और सारी मापदंडों के लिए हजारों रुपए का भुगतान प्रशासन को करते हैं और हमारी जगह पर घरेलू वाहन आकर मरीजों को रेफर करने का कार्य कर रहा है, जो कि गलत है.

इससे हमारी रोजी-रोटी पर संकट आ गया है और कोरोना वायरस की इस संकट की घड़ी में हमने प्रशासन का साथ दिया था और जहां-जहां उन्होंने हमसे बोला हम हमारी एंबुलेंस देश हित में लेकर गए थे. लेकिन वर्तमान में प्रशासन हमारा साथ नहीं दे रहा है. जिसके चलते हम परेशानी में है. ऐसे में जब तक प्रशासन घरेलू वाहनों को बंद नहीं करेगा, तब तक हम ऐसे ही हमारी हड़ताल जारी रखेंगे.

लंबे समय से घरेलू वाहनों का बूंदी जिला अस्पताल में प्रवेश को लेकर समस्या बनी आ रही है, लेकिन इस बार एंबुलेंस चालक पिछले 4 दिनों से अस्पताल प्रशासन के खिलाफ चले गए हैं और हड़ताल कर घरेलू वाहनों को बंद करने की मांग कर रहे हैं.

पढ़ेंः चूरू: सादुलपुर थानाधिकारी विष्णुदत्त विश्नोई ने की आत्महत्या

ऐसे में जिला प्रशासन को जरुरत है कि वह एंबुलेंस चालकों की सुने और घरेलू वाहनों को बंद करवाकर एंबुलेंस चालकों को मरीजों को रेफर करने की जिम्मेदारी दे. जिससे व्यवस्था सुधार हो सके. वर्तमान में घरेलू वाहनों से आमजन अपने मरीजों को लेकर रेफर करवा रहे हैं और मोटी रकम उन्हें चुकानी पड़ रही है. देखना होगा कि हड़ताल के बाद किस तरीके से प्रशासन इस मामले में कार्रवाई कर पाता है.

बूंदी. एक ओर जहां कोरोना वायरस का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है. वहीं दूसरी ओर बूंदी में एंबुलेंस चालक हड़ताल पर चले गए हैं. जानकारी के अनुसार बूंदी जिला अस्पताल में पिछले कई दिनों से घरेलू वाहन मरीजों को रेफर करने का कार्य कर रहे हैं. ऐसे में एंबुलेंस का उपयोग जिला अस्पताल में नहीं हो पा रहा है. जिससे एक दर्जन एंबुलेंस चालकों की रोजी-रोटी पर संकट आ पड़ा है.

एम्बुलेंस चालक हड़ताल पर

वहीं एंबुलेंसो को बूंदी जिला अस्पताल से मान्यता प्राप्त भी है. कई बार बूंदी जिला अस्पताल के प्रशासन को शिकायत करने के बाद भी कुछ नहीं हुआ, तो एंबुलेंस चालकों ने जिला कलेक्टर और अस्पताल चौकी को इस मामले में शिकायत दी. लेकिन घरेलू वाहनों से रेफर होने का सिलसिला नहीं थमा. ऐसे में कोरोना वायरस के बीच एंबुलेंस चालकों को हड़ताल पर जाना पड़ा.

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बूंदी जिला अस्पताल के सभी एंबुलेंस चालक अपनी एंबुलेंस को लेकर बूंदी अस्पताल के बाहर वाहनों को लेकर एकत्रित हो गए हैं और पिछले 4 दिनों से बूंदी जिला अस्पताल प्रशासन पर कोई कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाते हुए हड़ताल पर चले गए हैं. उन्होंने कहा कि घरेलू वाहन में ऑक्सीजन भी नहीं होता है, फिर भी जिला अस्पताल प्रशासन मरीजों को उन वाहनों में रेफर करने के लिए भेज देता है, जो कि मरीजों की जान पर जोखिम है.

एंबुलेंस में सारी सुविधा उपलब्ध रहती है, फिर भी अस्पताल प्रशासन लापरवाही बनाए हुए हैं. एंबुलेंस चालकों का कहना है कि हम हर वर्ष हमारी एंबुलेंस का फिटनेस और सारी मापदंडों के लिए हजारों रुपए का भुगतान प्रशासन को करते हैं और हमारी जगह पर घरेलू वाहन आकर मरीजों को रेफर करने का कार्य कर रहा है, जो कि गलत है.

इससे हमारी रोजी-रोटी पर संकट आ गया है और कोरोना वायरस की इस संकट की घड़ी में हमने प्रशासन का साथ दिया था और जहां-जहां उन्होंने हमसे बोला हम हमारी एंबुलेंस देश हित में लेकर गए थे. लेकिन वर्तमान में प्रशासन हमारा साथ नहीं दे रहा है. जिसके चलते हम परेशानी में है. ऐसे में जब तक प्रशासन घरेलू वाहनों को बंद नहीं करेगा, तब तक हम ऐसे ही हमारी हड़ताल जारी रखेंगे.

लंबे समय से घरेलू वाहनों का बूंदी जिला अस्पताल में प्रवेश को लेकर समस्या बनी आ रही है, लेकिन इस बार एंबुलेंस चालक पिछले 4 दिनों से अस्पताल प्रशासन के खिलाफ चले गए हैं और हड़ताल कर घरेलू वाहनों को बंद करने की मांग कर रहे हैं.

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ऐसे में जिला प्रशासन को जरुरत है कि वह एंबुलेंस चालकों की सुने और घरेलू वाहनों को बंद करवाकर एंबुलेंस चालकों को मरीजों को रेफर करने की जिम्मेदारी दे. जिससे व्यवस्था सुधार हो सके. वर्तमान में घरेलू वाहनों से आमजन अपने मरीजों को लेकर रेफर करवा रहे हैं और मोटी रकम उन्हें चुकानी पड़ रही है. देखना होगा कि हड़ताल के बाद किस तरीके से प्रशासन इस मामले में कार्रवाई कर पाता है.

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