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नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले को 7 साल की सजा

जिले में विशिष्ट न्यायालय ने पॉक्सो एक्ट के तहत एक शख्स को 7 साल की सजा के साथ ही 25 हजार रुपए का अर्थदंड दिया है. युवक पर 15 साल की लड़की को बहला फुसला कर दुष्कर्म करने का आरोप था.

नाबालिग से दुष्कर्म मामले में 7 साल की सजा
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Published : Apr 16, 2019, 11:22 PM IST

बूंदी. जिले में विशिष्ट न्यायालय ने पॉक्सो एक्ट के तहत मंगलवार को एक शख्स को 7 साल की सजा के साथ ही 25 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है. युवक पर 15 साल की लड़की को बहला फुसला कर दुष्कर्म करने का आरोप था.

बता दें, वारदात की रिपोर्ट पीड़ित के पिता ने कापरेन थाना में दी थी. जिसमें पीड़ित की दस्तियाबी के बाद उसके द्वारा दिए गए बयानों के आधार पर आरोपी के विरुद्ध दुष्कर्म का मामला दर्ज कर लिया गया. उसके बाद पीड़ित का मेडिकल परीक्षण किया गया जिसमें पीड़ित गर्भवती पाई गई थी.

नाबालिग से दुष्कर्म मामले में 7 साल की सजा

इस मामले में मजिस्ट्रेट के सामने पीड़िता ने अपने बयान दिए थे. पीड़िता ने बताया था कि आरोपी ने उसका अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म किया. वहीं, आरोप पत्र दाखिल करने के बाद पीड़िता ने दुष्कर्म पीड़ित होने के आधार पर विधिक सेवा प्राधिकरण के समक्ष प्रतिकर प्राप्ति के लिए आवेदन किया जिसे प्राधिकरण द्वारा मंजूर कर एक लाख 25 हजार रुपए मुआवजा देने की अनुशंसा की.

वहीं, मामले में आरोप सिद्ध होने पर पीड़िता फिर तारीख पेशी में न्यायालय में उपस्थित होकर पीड़िता अपने पूर्व बयान से मुकरते हुए पक्षदोर्ही हो गयी. न्यायालय के द्वारा पत्रावली पर उपलब्ध दस्तावेजी सबूत और मौखिक साक्ष्य के आधार पर आरोपी को दोषी करार दिया. क्योंकि पहले पीड़िता ने बयांन दिए फिर समझौता करके अपने बयांन को पलट दिया. लेकिन, कोर्ट ने पूर्व बयानों को साक्षी माना और आरोपी को सजा सुनाई.

लोक अभियोजक भूपेंद्र सहाय सक्सेना ने बताया कि अभियोजन पक्ष की ओर से 14 गवाह पेश किए गए और 28 दस्तावेज प्रदर्शित करवाए गए. जहां कोर्ट ने मंगलवार फैसला सुनाया है. आरोपी को बूंदी जेल से कोर्ट में लाया गया जहां कोर्ट ने फैसला सुनाया है.

बूंदी. जिले में विशिष्ट न्यायालय ने पॉक्सो एक्ट के तहत मंगलवार को एक शख्स को 7 साल की सजा के साथ ही 25 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है. युवक पर 15 साल की लड़की को बहला फुसला कर दुष्कर्म करने का आरोप था.

बता दें, वारदात की रिपोर्ट पीड़ित के पिता ने कापरेन थाना में दी थी. जिसमें पीड़ित की दस्तियाबी के बाद उसके द्वारा दिए गए बयानों के आधार पर आरोपी के विरुद्ध दुष्कर्म का मामला दर्ज कर लिया गया. उसके बाद पीड़ित का मेडिकल परीक्षण किया गया जिसमें पीड़ित गर्भवती पाई गई थी.

नाबालिग से दुष्कर्म मामले में 7 साल की सजा

इस मामले में मजिस्ट्रेट के सामने पीड़िता ने अपने बयान दिए थे. पीड़िता ने बताया था कि आरोपी ने उसका अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म किया. वहीं, आरोप पत्र दाखिल करने के बाद पीड़िता ने दुष्कर्म पीड़ित होने के आधार पर विधिक सेवा प्राधिकरण के समक्ष प्रतिकर प्राप्ति के लिए आवेदन किया जिसे प्राधिकरण द्वारा मंजूर कर एक लाख 25 हजार रुपए मुआवजा देने की अनुशंसा की.

वहीं, मामले में आरोप सिद्ध होने पर पीड़िता फिर तारीख पेशी में न्यायालय में उपस्थित होकर पीड़िता अपने पूर्व बयान से मुकरते हुए पक्षदोर्ही हो गयी. न्यायालय के द्वारा पत्रावली पर उपलब्ध दस्तावेजी सबूत और मौखिक साक्ष्य के आधार पर आरोपी को दोषी करार दिया. क्योंकि पहले पीड़िता ने बयांन दिए फिर समझौता करके अपने बयांन को पलट दिया. लेकिन, कोर्ट ने पूर्व बयानों को साक्षी माना और आरोपी को सजा सुनाई.

लोक अभियोजक भूपेंद्र सहाय सक्सेना ने बताया कि अभियोजन पक्ष की ओर से 14 गवाह पेश किए गए और 28 दस्तावेज प्रदर्शित करवाए गए. जहां कोर्ट ने मंगलवार फैसला सुनाया है. आरोपी को बूंदी जेल से कोर्ट में लाया गया जहां कोर्ट ने फैसला सुनाया है.

Intro:बूंदी में विशिष्ट न्यायालय पोक्सो एक्ट क्रम स 1 ने 16 अप्रैल 2019 को दिनांक 10 फरवरी 2016 में नीमोठा गावँ थाना क्षेत्र काप्रेन में 15 वर्ष की बालिका को बहला फुसला कर अपहरण करने एवं बलात्कार करने के मामले मे आरोपी धनश्याम निवासी निमोठा को दोष सिद्ध कर धारा 363 पोक्सो एक्ट के अन्तर्गत के 7 वर्ष के कारावास एव 25000 रू अर्थ दण्ड से दण्डित किया। 





Body:जानकारी के अनुसार घटना की रिपोर्ट पीड़ित के पिता ने कापरेन थाना में दी थी जिसमे पीड़ित की दस्तियाबी के पश्चात उसके द्वारा दिए गए बयानों के आधार पर आरोपी के विरुद्ध दुष्कर्म का मामला दर्ज कर लिया गया। दस्तियाबी के पश्चात पीड़ित का मेडिकल परीक्षण किया गया जिसमें पीड़ित गर्भवती पाई गई थी। इस मामले में मजिस्ट्रेट के समक्ष 164 के बयान पीड़िता ने दीये थे आरोपी के द्वारा अपहरण एवं बलात्कार का कथन किया था । आरोप पत्र दाखिल करने के बाद पीड़िता ने बलात्कार पीड़ित होने के आधार पर विधिक सेवा प्राधिकरण के समक्ष प्रतिकर प्राप्ति के लिए आवेदन किया जिसे प्राधिकरण द्वारा मंजूर कर एक लाख 25000 रू मुआवजा देने की अनुशंसा की। वही मामले में आरोप सिद्द होने पर पीड़िता फिर तारीख पेशी में न्यायालय मे उपस्थित होकर पीडिता अपने पूर्व बयान से मुकरते हुए पक्षदोर्ही हो गयी। न्यायालय के द्वारा पत्रावली पर उपलब्ध दस्तावेजी सबूत एवं मौखिक साक्ष्य के आधार पर आरोपी को दोषी करार दिया। 





Conclusion:क्योंकि पहले पीड़िता ने बयांन दिए फिर पेसो में समझौता करके अपने बयांन को पलट दिया लेकिन कोर्ट ने पूर्वो के बयानों को साक्षी माना और आरोपी को सज़ा सुनाई। लोक अभियोजक भूपेंद्र सहाय सक्सेना ने बताया कि अभियोजन पक्ष की ओर से 14 गवाह पेश किए गए एव 28 दस्तावेज प्रदर्शित करवाए गए जहां कोर्ट ने आज फैसला सुनाया है। आज आरोपी को बूंदी जेल से कोर्ट में लाया गया जहां कोर्ट ने फैसला सुनाया है। 


बाईट - भूपेंद्र सहाय सक्सेना , लोक अभियोजक 

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