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सऊदी अरब में बंधकों की कैद से आजाद हुए 2 भारतीय, गुरुवार सुबह लौटेंगे जयपुर - Rajasthan News

सऊदी अरब के यम्बू में बंधक गफ्फार और विश्राम जाटव बुधवार को 8 महीने के लंबे इंतजार के बाद बंधन से मुक्त हुए. राजस्थान निवासी दोनों भारतीय नागरिक बुधवार शाम जेद्दाह एयरपोर्ट से शारजाह के लिये रवाना हुए. गुरुवार सुबह वे फ्लाइट से जयपुर पहुंचेंगे.

Indian hostage in Saudi Arabia,  Bundi Latest News
सऊदी अरब में बंधकों की कैद से आजाद हुए 2 भारतीय
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Published : Jun 24, 2021, 2:19 AM IST

Updated : Jun 24, 2021, 5:21 AM IST

बूंदी. सऊदी अरब के यम्बू में बंधक बूंदी जिले के नैनवा निवासी गफ्फार और भरतपुर के नदबई के कटारा गांव के रहने वाले विश्राम जाटव गुरुवार सुबह जयपुर पहुंचेंगे. दोनों बुधवार को 8 महीने के लंबे इंतजार के बाद बंधन से मुक्त हुए और आजादी की सांस ली. विदेश में संकटग्रस्त भारतीयों की सहायता के लिये काम करने वाले राजस्थान के कांग्रेस नेता चर्मेश शर्मा पिछले 4 महीने से लगातार उनकी वापसी के लिए प्रयास कर रहे थे.

पढ़ें- सीएम गहलोत का महत्वपूर्ण निर्णय: सोनामुखी के निर्यात के लिए क्रय कर में मिलेगी छूट...ब्याज और जुर्माना राशि माफ

कांग्रेस नेता चर्मेश शर्मा ने राष्ट्रपति भवन, प्रधानमंत्री कार्यालय और विदेश मंत्रालय जाकर आवाज उठाई थी. वर्क एग्रीमेंट पूरा होने के बाद भी दोनों भारतीयों को बंधक बनाने को अंतरराष्ट्रीय कानूनों और मानव अधिकारों का उल्लंघन बताया था.

खुशी से हुए भावुक

खुशी से हुए भावुक

सात समंदर पार परदेश में बंधन से मुक्त होकर भारत के लिये रवाना होने की खुशी विश्राम जाटव और गफ्फार के चेहरे पर छलक आई. जेद्दाह एयरपोर्ट पर अपना दर्द बयां करते हुए दोनों भावुक हो गए. भारत के लिए रवाना होने से पहले एयरपोर्ट से जारी वीडियो में बंधक रहे दोनों भारतीय नागरिकों ने कांग्रेस नेता चर्मेश शर्मा को सहयोग के लिये धन्यवाद दिया.

रूका हुआ वेतन भी मिला

दोनों भारतीयों को बंधक बनाने के साथ कंपनी ने इनके कई महीने का बकाया वेतन भी रोक लिया था. बंधक बनाने के बाद वेतन देने से भी मना कर दिया था. बुधवार को भारत रवाना होने से पहले दोनों को रूके हुए वेतन का भुगतान किया गया.

विश्राम जाटव और गफ्फार मोहम्मद कुछ साल पहले रोजगार के लिए सऊदी अरब गये थे. वहां पर इनसे कंपनी ने 2 वर्ष का वर्क एग्रीमेंट किया था. अक्टूबर 2020 में 2 साल का वर्क एग्रीमेंट पूरा होने पर दोनों भारतीयों ने स्वदेश आने की इच्छा जताई. लेकिन कंपनी ने इन्हें भारत भेजने के बजाय वहीं पर बंधक बना लिया. इनको खाना देना भी बंद कर दिया. 8 मार्च तक दोनों भारतीय दूसरे कर्मचारियों को दिये जाने वाले खाने में से बचा-खुचा खाकर अपना जीवन चलाते रहे.

कांग्रेस नेता चर्मेश शर्मा

मार्च में दोनों ने विदेश में संकटग्रस्त भारतीयों की सहायता के लिए कार्य करने वाले कांग्रेस नेता चर्मेश शर्मा को वीडियो भेजकर अपनी पीड़ा बताई. कई भारतीयों की विदेश से सकुशल वापसी करा चुके शर्मा ने नई दिल्ली राष्ट्रपति भवन, प्रधानमंत्री कार्यालय और विदेश मंत्रालय जाकर इन्हें सकुशल भारत लाने की मांग उठाई.

प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा अप्रैल महीने में ही दोनों भारतीयों को कंपनी द्वारा भारत वापसी के लिये एयर टिकट उपलब्ध करवाने का गलत जवाब देकर केस क्लोज करने का मामला सामने आया. शर्मा ने पिछले दिनों राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और उनके प्रधान सचिव केडी त्रिपाठी को मेल कर प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा 2 भारतीयों के जीवन से जुड़े हुये संवेदनशील विषय पर गलत जवाब देने पर गंभीर सवाल उठाए. जिसके बाद त्वरित कार्रवाई की गई और दोनों भारतीयों की कुशल वापसी सुनिश्चित हुई.

बूंदी. सऊदी अरब के यम्बू में बंधक बूंदी जिले के नैनवा निवासी गफ्फार और भरतपुर के नदबई के कटारा गांव के रहने वाले विश्राम जाटव गुरुवार सुबह जयपुर पहुंचेंगे. दोनों बुधवार को 8 महीने के लंबे इंतजार के बाद बंधन से मुक्त हुए और आजादी की सांस ली. विदेश में संकटग्रस्त भारतीयों की सहायता के लिये काम करने वाले राजस्थान के कांग्रेस नेता चर्मेश शर्मा पिछले 4 महीने से लगातार उनकी वापसी के लिए प्रयास कर रहे थे.

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कांग्रेस नेता चर्मेश शर्मा ने राष्ट्रपति भवन, प्रधानमंत्री कार्यालय और विदेश मंत्रालय जाकर आवाज उठाई थी. वर्क एग्रीमेंट पूरा होने के बाद भी दोनों भारतीयों को बंधक बनाने को अंतरराष्ट्रीय कानूनों और मानव अधिकारों का उल्लंघन बताया था.

खुशी से हुए भावुक

खुशी से हुए भावुक

सात समंदर पार परदेश में बंधन से मुक्त होकर भारत के लिये रवाना होने की खुशी विश्राम जाटव और गफ्फार के चेहरे पर छलक आई. जेद्दाह एयरपोर्ट पर अपना दर्द बयां करते हुए दोनों भावुक हो गए. भारत के लिए रवाना होने से पहले एयरपोर्ट से जारी वीडियो में बंधक रहे दोनों भारतीय नागरिकों ने कांग्रेस नेता चर्मेश शर्मा को सहयोग के लिये धन्यवाद दिया.

रूका हुआ वेतन भी मिला

दोनों भारतीयों को बंधक बनाने के साथ कंपनी ने इनके कई महीने का बकाया वेतन भी रोक लिया था. बंधक बनाने के बाद वेतन देने से भी मना कर दिया था. बुधवार को भारत रवाना होने से पहले दोनों को रूके हुए वेतन का भुगतान किया गया.

विश्राम जाटव और गफ्फार मोहम्मद कुछ साल पहले रोजगार के लिए सऊदी अरब गये थे. वहां पर इनसे कंपनी ने 2 वर्ष का वर्क एग्रीमेंट किया था. अक्टूबर 2020 में 2 साल का वर्क एग्रीमेंट पूरा होने पर दोनों भारतीयों ने स्वदेश आने की इच्छा जताई. लेकिन कंपनी ने इन्हें भारत भेजने के बजाय वहीं पर बंधक बना लिया. इनको खाना देना भी बंद कर दिया. 8 मार्च तक दोनों भारतीय दूसरे कर्मचारियों को दिये जाने वाले खाने में से बचा-खुचा खाकर अपना जीवन चलाते रहे.

कांग्रेस नेता चर्मेश शर्मा

मार्च में दोनों ने विदेश में संकटग्रस्त भारतीयों की सहायता के लिए कार्य करने वाले कांग्रेस नेता चर्मेश शर्मा को वीडियो भेजकर अपनी पीड़ा बताई. कई भारतीयों की विदेश से सकुशल वापसी करा चुके शर्मा ने नई दिल्ली राष्ट्रपति भवन, प्रधानमंत्री कार्यालय और विदेश मंत्रालय जाकर इन्हें सकुशल भारत लाने की मांग उठाई.

प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा अप्रैल महीने में ही दोनों भारतीयों को कंपनी द्वारा भारत वापसी के लिये एयर टिकट उपलब्ध करवाने का गलत जवाब देकर केस क्लोज करने का मामला सामने आया. शर्मा ने पिछले दिनों राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और उनके प्रधान सचिव केडी त्रिपाठी को मेल कर प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा 2 भारतीयों के जीवन से जुड़े हुये संवेदनशील विषय पर गलत जवाब देने पर गंभीर सवाल उठाए. जिसके बाद त्वरित कार्रवाई की गई और दोनों भारतीयों की कुशल वापसी सुनिश्चित हुई.

Last Updated : Jun 24, 2021, 5:21 AM IST
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