बूंदी. मातृ एवं शिशु अस्पताल की एसएनसीयू यूनिट में 11 बच्चों की मौत के बाद लगातार टीमों का अस्पताल में पहुंचना जारी है. रविवार को जहां केंद्रीय स्वास्थ्य दल की टीम ने निरीक्षण किया था, सोमवार को कोटा जोन जॉइंट डायरेक्टर की टीम ने एसएनसीयू यूनिट का दौरा कर वहां के हालातों का जायजा लिया. इस दौरान टीम के साथ बूंदी सीएमओ ऑफिस के अधिकारी भी मौजूद रहे.
टीम ने गोपनीय तरीके से यूनिट का दौरा किया और करीब 2 घंटे तक वहां के हालातों को जाना. इस दौरान टीम ने अस्पताल में रिक्त पदों, ऑक्सीजन, रूम वार्मर, नेबुलाइजर सहित प्रसूताओं के बेड की संख्या और व्यवस्था की जानकारी जुटाई. इसके बाद टीम के सदस्यों ने अस्पताल प्रशासन को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं.
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जॉइंट डायरेक्टर हेमंत विजय एवं आरके लवानिया ने बताया कि उन्होंने जांच में बच्चों की मौत सामान्य तरीके से होना पाया है. मरने वाले शिशुओं में कोई भी पूर्ण तरीके से विकसित नहीं था, कुछ में वजन भी कम था. उन्होंने कहा कि चिकित्सकों की हरसंभव कोशिश रहती है कि जो भी बच्चा आए उसे स्वस्थ किया जाए. लेकिन कुछ परिस्थितियों में शिशुओं की मौत होती है तो उसके पीछे अस्पताल प्रशासन जिम्मेदार नहीं होता.
आंकड़े बताते हुए उन्होंने कहा कि बूंदी के अस्पताल में राज्य के अन्य जिलों के मुकाबले शिशु मृत्यु दर बहुत कम है. जब मीडिया ने उनसे सवाल किया कि आंकड़ों से लापरवाही छुपाई जा सकती है. इस पर उन्होंने कहा कि अगर अधिकारियों की लापरवाही होगी तो उन्हें भी बख्शा नहीं जाएगा. लेकिन हमारे निरीक्षण में इस तरीके से कोई भी खामियां नहीं पाई गई है और बच्चों की मौत सामान्य हुई है. उन्होंने अस्पताल में चिकित्सकों की कमी बताई और इसके लिए उच्चाधिकारियों को अवगत कराने की बात कही है.
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गौरतलब है कि बूंदी अस्पताल में 11 शिशुओं की मौत हो गई थी. जिसके बाद स्वास्थय विभाग के दल ने निरीक्षण किया है. अधिकारियों के निरीक्षण में हालात सामान्य पाए गए हैं लेकिन ईटीवी भारत ने अपनी पड़ताल में हमने पाया था कि एसएनसीयू में लगे हीट वॉर्मर मॉनिटर ठीक से काम नहीं कर रहे थे. जबकि स्टेप डाउन वार्ड में एक दीवार पर सीलन व पानी टपकने की शिकायत भी हमें मिली थी.