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Somvar Vrat Niyam: सोमवार को इस विधि से करें शिव पूजा, हर समस्या से मिलेगा छुटकारा

चंद्र देव ने सोमवार के दिन भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए तप किया (Somvar Vrat Niyam) था. सोम यानी चंद्रमा की पूजा से शिव प्रसन्न हुए और उन्हें क्षय रोग से मुक्ति मिली. तभी से सोमवार का दिन सोमेश्वर यानी चंद्रमा के ईश्वर को समर्पित हो गया. इसलिए पौराणिक काल से शिवकृपा पाने के लिए सोमवार का व्रत करते हैं.

Somvar Vrat Niyam
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Published : Apr 10, 2023, 7:30 AM IST

बीकानेर. हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार, सोमवार का नाम चंद्रमा यानि सोम से पड़ा है. जिसका अर्थ सौम्य या सरल होता है. भगवान भोलेनाथ की तरह, जो एक लोटे जल से भी प्रसन्न हो जाते हैं और कभी अकूत चढ़ावे से भी उनकी कृपा के पात्र नहीं बनते. इसे सप्ताह का प्रथम दिन भी कहते हैं. भगवान शिव को देवाधिदेव कहा जाता है. इस दिन कुछ बातें हैं जिनका जातक विशेष ध्यान रखें तो निश्चित ही शंकर भगवान के कृपा पात्र बन जाएंगे.

महामृत्युंजय का जाप : ज्योतिषाचार्य पंडित विष्णु व्यास कहते हैं कि लंबी आयु प्राप्ति और रोग मुक्ति के लिए सोमवार के दिन सुबह जल्दी स्नान और पूजा पाठ करने के बाद महामृत्युंजय मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए. सोमवार के दिन सुबह शिव मंदिर में जाकर शिवलिंग पर दूध चढ़ाएं और साथ ही साथ 'ऊँ नम: शिवाय:' का जाप करते रहें. इसके अलावा, सोमवार के दिन पूजा में बिल्व पत्र, अक्षत (चावल) का इस्तेमाल करना चाहिए.

देवी अनुसुइया जयंती का संयोग : पंडित विष्णु व्यास ने बताया कि इस बार सती अनुसुइया की जयंती सोमवार का होने का संयोग है. अपने पतिधर्म का पालन करने वाली स्त्रियों किए सती अनुसुइया का एक उदाहरण है. अपने तपशक्ति से उन्होंने त्रिदेव को शिशु रूप में परिवर्तित करने वाली देवी अनुसूइया ने माता सीता को पतिव्रत धर्म की शिक्षा देते हुए सीख दी थी. भगवान शिव के अंश के रूप में माता अनुसुइया के ऋषि दुर्वासा हुए थे.

पढ़ें : Aaj ka Panchang : ये रहा आज का पंचांग, जान लें सोमवार का शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहुकाल का वक्त

करें अभिषेक : मान्यता है कि जल से रुद्राभिषेक करने पर सुख-शांति मिलती है. पशु प्राप्ति के लिए दही से अभिषेक करें. धन-धान्य आदि के लिए शहद से अभिषेक करें. रोग मुक्ति के लिए घी से और मोक्ष प्राप्ति के लिए तीर्थ जल से अभिषेक करें. सरसों के तेल से शत्रुनाश होता है.

शिव पूजा करने से दूर होता है शनि दोष : भगवान शिव को देवाधिदेव कहा जाता है. मान्यता है कि किसी भी तरह का किसी भी राशि का दोष भगवान शिव की पूजा करने से दूर होता है. खास तौर से शनि दोष को दूर करने के लिए भगवान शिव की पूजा का महत्व माना जाता है. द्वादश ज्योतिर्लिंग के नामों का उच्चारण करने से शनि का प्रकोप कम होता है और सोमवार के दिन उनका उच्चारण फलदायी होता है.

बीकानेर. हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार, सोमवार का नाम चंद्रमा यानि सोम से पड़ा है. जिसका अर्थ सौम्य या सरल होता है. भगवान भोलेनाथ की तरह, जो एक लोटे जल से भी प्रसन्न हो जाते हैं और कभी अकूत चढ़ावे से भी उनकी कृपा के पात्र नहीं बनते. इसे सप्ताह का प्रथम दिन भी कहते हैं. भगवान शिव को देवाधिदेव कहा जाता है. इस दिन कुछ बातें हैं जिनका जातक विशेष ध्यान रखें तो निश्चित ही शंकर भगवान के कृपा पात्र बन जाएंगे.

महामृत्युंजय का जाप : ज्योतिषाचार्य पंडित विष्णु व्यास कहते हैं कि लंबी आयु प्राप्ति और रोग मुक्ति के लिए सोमवार के दिन सुबह जल्दी स्नान और पूजा पाठ करने के बाद महामृत्युंजय मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए. सोमवार के दिन सुबह शिव मंदिर में जाकर शिवलिंग पर दूध चढ़ाएं और साथ ही साथ 'ऊँ नम: शिवाय:' का जाप करते रहें. इसके अलावा, सोमवार के दिन पूजा में बिल्व पत्र, अक्षत (चावल) का इस्तेमाल करना चाहिए.

देवी अनुसुइया जयंती का संयोग : पंडित विष्णु व्यास ने बताया कि इस बार सती अनुसुइया की जयंती सोमवार का होने का संयोग है. अपने पतिधर्म का पालन करने वाली स्त्रियों किए सती अनुसुइया का एक उदाहरण है. अपने तपशक्ति से उन्होंने त्रिदेव को शिशु रूप में परिवर्तित करने वाली देवी अनुसूइया ने माता सीता को पतिव्रत धर्म की शिक्षा देते हुए सीख दी थी. भगवान शिव के अंश के रूप में माता अनुसुइया के ऋषि दुर्वासा हुए थे.

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करें अभिषेक : मान्यता है कि जल से रुद्राभिषेक करने पर सुख-शांति मिलती है. पशु प्राप्ति के लिए दही से अभिषेक करें. धन-धान्य आदि के लिए शहद से अभिषेक करें. रोग मुक्ति के लिए घी से और मोक्ष प्राप्ति के लिए तीर्थ जल से अभिषेक करें. सरसों के तेल से शत्रुनाश होता है.

शिव पूजा करने से दूर होता है शनि दोष : भगवान शिव को देवाधिदेव कहा जाता है. मान्यता है कि किसी भी तरह का किसी भी राशि का दोष भगवान शिव की पूजा करने से दूर होता है. खास तौर से शनि दोष को दूर करने के लिए भगवान शिव की पूजा का महत्व माना जाता है. द्वादश ज्योतिर्लिंग के नामों का उच्चारण करने से शनि का प्रकोप कम होता है और सोमवार के दिन उनका उच्चारण फलदायी होता है.

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