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गुरुवार के दिन ऐसे करें भगवान विष्णु की पूजा, होगी विशेष कृपा

सनातन धर्म में सप्ताह में सातों दिनों का अपना एक अलग महत्व है. भगवान विष्णु को सृष्टि का पालनकर्ता भी कहते हैं. वैसे तो भगवान विष्णु की पूजा अर्चना के लिए एकादशी के दिन का विशेष महत्व है. वहीं, साप्ताहिक दिन में गुरुवार यानी बृहस्पतिवार का दिन देवगुरु बृहस्पति और भगवान विष्णु को समर्पित है.

Thursday Worship Tips
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Published : Apr 20, 2023, 7:36 AM IST

बीकानेर. सनातन धर्म में साप्ताहिक दिनों में बृहस्पतिवार यानी गुरुवार का विशेष महत्व है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से जातक को उसके कष्टों से मुक्ति मिलती है. जिस जातक की जन्म कुंडली में गुरु उच्च स्थान पर होता है उसके पास जीवन में किसी भी चीज की कोई कमी नहीं रहती है. श्रीहरि भगवान विष्णु को जगत का पालनहार कहा जाता है. गुरुवार के दिन भगवान श्री हरि विष्णु की पूजा आराधना करने से शुभ फल की जल्द ही प्राप्ति होती है.

पीपल के पेड़ की करें पूजा : ज्योतिषाचार्य कपिल जोशी कहते हैं कि पीपल के पेड़ में भगवान विष्णु का वास करते हैं. इसलिए गुरुवार के दिन पीपल के पेड़ की पूजा अर्चना करनी चाहिए और धूप दीप प्रज्वलित करते हुए ध्यान करना चाहिए. ऐसा करने से आपको मनचाहा फल की प्राप्ति होती है. भगवान विष्णु की पूजा आराधना माता महालक्ष्मी के साथ की जानी चाहिए.

गुरुवार के दिन भगवान विष्णु माता लक्ष्मी की पूजा आराधना अपने सामर्थ्य के अनुसार करनी चाहिए. गुरुवार के दिन केला के पेड़ की पूजा करनी चाहिए. इस दिन भगवान बृहस्पति भगवान की कथा सुननी चाहिए. भगवान के चने की दाल, हल्दी और गुड़ का भोग लगाना चाहिए. पीली वस्त्र धारण करना चाहिए.

न करें ये काम : गुरुवार के दिन बाल, दाढ़ी और नाखून काटना वर्जित माना गया है. इस दिन स्त्रियों को अपने बाल भी नहीं धोने चाहिए. कपड़े भी नहीं धोना चाहिए. ऐसी मान्यता है कि इस दिन घर में पोछा या धोना भी वर्जित माना गया है.

पढ़ें : Surya Grahan 2023 : सूर्य ग्रहण के दिन कैसा बीतेगा आपका दिन, जानिए अपना राशिफल

भगवान विष्णु के मंत्र जाप : ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ॐ विष्णवे नमः ॐ हूं विष्णवे नम: ॐ नमो नारायण, श्रीमन नारायण नारायण हरि हरि. श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारी, हे नाथ नारायण वासुदेवाय. ॐ नारायणाय विद्महे, वासुदेवाय धीमहि तन्नो विष्णु प्रचोदयात. ये सभी भगवान विष्णु के मंत्र है. इनमें से एक मंत्र या सभी मंत्र के जाप की एक माला गुरुवार को करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं.

बीकानेर. सनातन धर्म में साप्ताहिक दिनों में बृहस्पतिवार यानी गुरुवार का विशेष महत्व है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से जातक को उसके कष्टों से मुक्ति मिलती है. जिस जातक की जन्म कुंडली में गुरु उच्च स्थान पर होता है उसके पास जीवन में किसी भी चीज की कोई कमी नहीं रहती है. श्रीहरि भगवान विष्णु को जगत का पालनहार कहा जाता है. गुरुवार के दिन भगवान श्री हरि विष्णु की पूजा आराधना करने से शुभ फल की जल्द ही प्राप्ति होती है.

पीपल के पेड़ की करें पूजा : ज्योतिषाचार्य कपिल जोशी कहते हैं कि पीपल के पेड़ में भगवान विष्णु का वास करते हैं. इसलिए गुरुवार के दिन पीपल के पेड़ की पूजा अर्चना करनी चाहिए और धूप दीप प्रज्वलित करते हुए ध्यान करना चाहिए. ऐसा करने से आपको मनचाहा फल की प्राप्ति होती है. भगवान विष्णु की पूजा आराधना माता महालक्ष्मी के साथ की जानी चाहिए.

गुरुवार के दिन भगवान विष्णु माता लक्ष्मी की पूजा आराधना अपने सामर्थ्य के अनुसार करनी चाहिए. गुरुवार के दिन केला के पेड़ की पूजा करनी चाहिए. इस दिन भगवान बृहस्पति भगवान की कथा सुननी चाहिए. भगवान के चने की दाल, हल्दी और गुड़ का भोग लगाना चाहिए. पीली वस्त्र धारण करना चाहिए.

न करें ये काम : गुरुवार के दिन बाल, दाढ़ी और नाखून काटना वर्जित माना गया है. इस दिन स्त्रियों को अपने बाल भी नहीं धोने चाहिए. कपड़े भी नहीं धोना चाहिए. ऐसी मान्यता है कि इस दिन घर में पोछा या धोना भी वर्जित माना गया है.

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भगवान विष्णु के मंत्र जाप : ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ॐ विष्णवे नमः ॐ हूं विष्णवे नम: ॐ नमो नारायण, श्रीमन नारायण नारायण हरि हरि. श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारी, हे नाथ नारायण वासुदेवाय. ॐ नारायणाय विद्महे, वासुदेवाय धीमहि तन्नो विष्णु प्रचोदयात. ये सभी भगवान विष्णु के मंत्र है. इनमें से एक मंत्र या सभी मंत्र के जाप की एक माला गुरुवार को करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं.

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