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बीकानेर संभाग में कई जगह रोचक मुकाबले, इन सीटों पर लोगों की खास नजर है - बीकानेर संभाग का सियासी समीकरण

राजस्थान में लोकतंत्र के महापर्व के लिए शनिवार को वोट डाले जाएंगे. 199 सीटों के लिए होने वाले वोटिंग से पहले दोनों ही पार्टियों और उनके प्रत्याशियों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. इस बार विधानसभा चुनाव में बीकानेर संभाग में कई जगह ऐसे रोचक मुकाबले हो रहे हैं, जिसके चलते इन सीटों पर लोगों की खास नजर है.

बीकानेर संभाग में कई जगह रोचक मुकाबले
बीकानेर संभाग में कई जगह रोचक मुकाबले
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 24, 2023, 3:27 PM IST

बीकानेर.विधानसभा चुनाव को लेकर दोनों ही सियासी दलों के प्रत्याशी अपनी अपनी तरफ से मतदान से एक दिन पहले अपनी पूरी ताकत लगाए हुए हैं.सभी सियासी दल आखिरी बार डोर-टू-डोर जाकर वोटरों से मनुहार कर रहे हैं. बीकानेर संभाग के चार जिलों में 24 सीटें हैं. एक सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी के निधन के बाद अब 23 सीटों पर चुनाव होने वाले हैं. पिछली बार यहां बीकानेर संभाग में कांग्रेस ने बीजेपी से बढ़त बनाई थी. पिछले चुनाव में सीपीएम के भी दो विधायक चुने गए थे.

बीकानेर जिले में इस बार माहौल: संभाग के बीकानेर जिले में कुल सात विधानसभा सीट है जहां पिछली बार तीन सीटों पर कांग्रेस और तीन पर भाजपा ने जीत हासिल की थी, वहीं एक सीट पर सीपीएम ने जीत का परचम लहराया था. इस बार विधानसभा चुनाव में कई जगह ऐसे रोचक मुकाबले हो रहे हैं, जिसके चलते इन सीटों पर लोगों की खास नजर है. श्रीडूंगरगढ़ के साथ ही नोखा और लूणकरणसर और कोलायत में मुकाबला दोनों पार्टियों के बीच न होकर त्रिकोणीय और चतुष्कोणीय देखने को मिल रहा है.

पढ़ें:जोधपुर संभाग की 33 में से 13 हॉट सीट, यहां कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा है दांव पर

श्रीगंगानगर जिले में इस बार माहौल: श्रीगंगानगर जिले में 6 सीट है लेकिन एक प्रत्याशी गुरमीत कुन्नर के निधन के चलते करणपुर में चुनाव नहीं होंगे. इस बार पांच सीटों पर चुनाव के लिए वोट डाले जाएंगे. पिछली बार यहां बीजेपी तीन सीटों पर जीती और गंगानगर से निर्दलीय कैंडिडेट ने जीत का परचम लहराया. जीते हुए निर्दलीय प्रत्याशी के कांग्रेस के खेमे में आ जाने स कांग्रेस भी यहां तीन सीटों के साथ बराबरी पर रही. इस बार भी परिणाम पिछली बार जैसा ही नजर आ रहा है और दोनों ही पार्टियों में सीटों का बराबर बंटवारा होता दिख रहा है.

हनुमानगढ़ का माहौल: हनुमानगढ़ जिले में भी पिछली बार कांग्रेस और भाजपा बराबरी पर रही और एक सीट CPM के खाते में गई. इस बार भी दोनों पार्टियों में टक्कर है. वहीं तीन सीटों पर समीकरण त्रिकोणीय संघर्ष में होने के कारण मुकाबला रोचक हो गया है.

पढ़ें:क्या 'कांग्रेस के गढ़' में सेंध लगा पाएगी भाजपा ? जानें झुंझुनू का राजनीतिक विश्लेषण

चूरू जिले का चुनावी माहौल: संभाग में चूरू जिला पिछली बार कांग्रेस के लिए फायदेमंद रहा जहां भाजपा से आगे निकलते हुए कांग्रेस ने चार सीटों पर जीत हासिल की. इस बार हो सकता है कि नतीजे पिछले चुनाव के मुकाबले कुछ अलग हो. इसका कारण निर्दलीय और तीसरे दल के मैदान में आकर मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने या वोट काटने की वजह हो सकती है.

बागियों पर नजर: खास बात है कि बीकानेर संभाग में कुछ सीटों पर स्पष्ट तौर पर कांग्रेस और भाजपा मुकाबले में बराबर की स्थिति में है ,जबकि वहीं 8 सीट ऐसी है जहां दोनों ही पार्टियों के लिए बागी चुनौती बने हुए हैं. निर्दलीय भले ही खुद चुनाव जीते भी नहीं लेकिन दोनों पार्टियों के समीकरण को बिगाड़ने और बनाने की स्थिति में है. ऐसे में अब इसका पता तो मतदान के बाद ही चल पाएगा कि निर्दलीय और बागी खुद बाजी मार पाते हैं या किसी दूसरे के लिए जीत की संजीवनी बनते हैं.

बीकानेर.विधानसभा चुनाव को लेकर दोनों ही सियासी दलों के प्रत्याशी अपनी अपनी तरफ से मतदान से एक दिन पहले अपनी पूरी ताकत लगाए हुए हैं.सभी सियासी दल आखिरी बार डोर-टू-डोर जाकर वोटरों से मनुहार कर रहे हैं. बीकानेर संभाग के चार जिलों में 24 सीटें हैं. एक सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी के निधन के बाद अब 23 सीटों पर चुनाव होने वाले हैं. पिछली बार यहां बीकानेर संभाग में कांग्रेस ने बीजेपी से बढ़त बनाई थी. पिछले चुनाव में सीपीएम के भी दो विधायक चुने गए थे.

बीकानेर जिले में इस बार माहौल: संभाग के बीकानेर जिले में कुल सात विधानसभा सीट है जहां पिछली बार तीन सीटों पर कांग्रेस और तीन पर भाजपा ने जीत हासिल की थी, वहीं एक सीट पर सीपीएम ने जीत का परचम लहराया था. इस बार विधानसभा चुनाव में कई जगह ऐसे रोचक मुकाबले हो रहे हैं, जिसके चलते इन सीटों पर लोगों की खास नजर है. श्रीडूंगरगढ़ के साथ ही नोखा और लूणकरणसर और कोलायत में मुकाबला दोनों पार्टियों के बीच न होकर त्रिकोणीय और चतुष्कोणीय देखने को मिल रहा है.

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श्रीगंगानगर जिले में इस बार माहौल: श्रीगंगानगर जिले में 6 सीट है लेकिन एक प्रत्याशी गुरमीत कुन्नर के निधन के चलते करणपुर में चुनाव नहीं होंगे. इस बार पांच सीटों पर चुनाव के लिए वोट डाले जाएंगे. पिछली बार यहां बीजेपी तीन सीटों पर जीती और गंगानगर से निर्दलीय कैंडिडेट ने जीत का परचम लहराया. जीते हुए निर्दलीय प्रत्याशी के कांग्रेस के खेमे में आ जाने स कांग्रेस भी यहां तीन सीटों के साथ बराबरी पर रही. इस बार भी परिणाम पिछली बार जैसा ही नजर आ रहा है और दोनों ही पार्टियों में सीटों का बराबर बंटवारा होता दिख रहा है.

हनुमानगढ़ का माहौल: हनुमानगढ़ जिले में भी पिछली बार कांग्रेस और भाजपा बराबरी पर रही और एक सीट CPM के खाते में गई. इस बार भी दोनों पार्टियों में टक्कर है. वहीं तीन सीटों पर समीकरण त्रिकोणीय संघर्ष में होने के कारण मुकाबला रोचक हो गया है.

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चूरू जिले का चुनावी माहौल: संभाग में चूरू जिला पिछली बार कांग्रेस के लिए फायदेमंद रहा जहां भाजपा से आगे निकलते हुए कांग्रेस ने चार सीटों पर जीत हासिल की. इस बार हो सकता है कि नतीजे पिछले चुनाव के मुकाबले कुछ अलग हो. इसका कारण निर्दलीय और तीसरे दल के मैदान में आकर मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने या वोट काटने की वजह हो सकती है.

बागियों पर नजर: खास बात है कि बीकानेर संभाग में कुछ सीटों पर स्पष्ट तौर पर कांग्रेस और भाजपा मुकाबले में बराबर की स्थिति में है ,जबकि वहीं 8 सीट ऐसी है जहां दोनों ही पार्टियों के लिए बागी चुनौती बने हुए हैं. निर्दलीय भले ही खुद चुनाव जीते भी नहीं लेकिन दोनों पार्टियों के समीकरण को बिगाड़ने और बनाने की स्थिति में है. ऐसे में अब इसका पता तो मतदान के बाद ही चल पाएगा कि निर्दलीय और बागी खुद बाजी मार पाते हैं या किसी दूसरे के लिए जीत की संजीवनी बनते हैं.

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