बीकानेर. बाजार में तेजी का एक कारण वैवाहिक सावे भी होते हैं. लेकिन इस साल कुछ महीनों में ही शादियों के बड़े मुहूर्त हैं और जनवरी में बसंत पंचमी का अबूझ मुहूर्त के दिन बड़ा सावा था. अब फरवरी माह में 6 फरवरी से फिर शादियों के मुहूर्त है. दरअसल, अगले दो महीनों तक शादियों का कोई मुहूर्त नहीं है. ऐसे में फरवरी में शादियों को लेकर तैयारियां तेज हो गई है.
फरवरी में 13 दिन हैं विवाह मुहूर्त: फरवरी में 6 दिन शादी-विवाह के मुहूर्त रहेंगे. फरवरी में गुरु व शुक्र की स्थित अच्छी होने के कारण विवाह समारोह अधिक हैं. मार्च में होलाष्टक आने से ज्यादा मुहूर्त नहीं है. मार्च में केवल दो ही मुहूर्त है. इसलिए शादियां भी कम हैं. फरवरी में 1,6,9,10,15, 22, 23 फरवरी को शादियों को बुकिंग भी तेज है. हालाकि पूरे साल में अलग-अलग महीनों में चुनिंदा तारीख को में ही विवाह के मुहुर्त है. ऐसे में मैरिज गार्डन और कैटरिंग की बुकिंग को लेकर भी तेजी देखने को मिल रही है.
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मार्च-अप्रैल में नहीं कोई मुहुर्त: पंचांगकर्ता पंडित राजेन्द्र किराडू कहते हैं कि मीन सक्रांति के चलते मार्च में वैसे भी मुहुर्त नहीं होता है. लेकिन इस बार गुरु अस्त होने से अप्रैल तक कोई मुहूर्त नहीं है. पं. किराडू ने बताया कि 13 मार्च के बाद गुरु अस्त होने से अप्रैल तक विवाह मुहूर्त नहीं रहेगा. विवाह समारोहों का सिलसिला मई से शुरू होगा और जून के अंत तक चलेगा. इस साल दिसंबर तक विवाह के करीब 50 मुहूर्त हैं.
जून में चातुर्मास शुरू: पंडित किराडू ने बताया कि जून में 23 जून तक मुहूर्त है. लेकिन 27 जून को अबूझ सावा है, क्योंकि शुद्ध नवमी के दिन का अबूझ सावा है. यह बड़ा मुहूर्त है. इसके बाद चातुर्मास 29 जून से चार महीने तक प्रभावी होगा. ऐसे में इस समयावधि में विवाह कार्य नहीं होंगे. अगर आप शादी का मन बना चुके हैं तो फिर महीनेवार मुहूर्त और तारीखों को देख लें और तैयारियां शुरू कर दें.
23 नवंबर में शुरू होगा सीजन: किराडू ने बताया कि 23 नवंबर को देवउठनी एकादशी है. इस दिन अबूझ सावा होता है और मांगलिक कार्य शुरु होते हैं. वहीं, सात दिसंबर को साल का आखिरी विवाह मूहूर्त है. नवंबर माह में 23, 24, 27, 28 और 29 नवंबर को विवाह के शुभ मुहूर्त हैं, यानी कुल 5 शुभ दिन उपलब्ध हैं.