बीकानेर. लोकसभा चुनाव को लेकर जहां भाजपा ने बीकानेर में अपना प्रत्याशी मैदान में उतार दिया है वहीं कांग्रेस में भी प्रत्याशी के चयन को लेकर कशमकश जारी है. वहीं भाजपा प्रत्याशी अर्जुन मेघवाल के विरोध में कद्दावर नेता देवी सिंह भाटी इस्तीफा दे ही चुके हैं और उन्होंने अनुसूचित जाति वर्ग का प्रत्याशी को खड़ा करने की बात कही है.
बीकानेर में वाल्मीकि समाज ने भी खुद को राजनीतिक स्तर पर तवज्जो नहीं मिलने की बात कहते हुए अपना प्रत्याशी खड़ा करने का निर्णय किया है. सोमवार को बीकानेर की आनंद निकेतन में सर्व वाल्मीकि समाज प्रत्याशी चयन समिति की बैठक हुई और बैठक में समाज के लोगों ने खुद का प्रत्याशी उतारने का निर्णय लिया. समाज ने लोकसभा चुनाव को लेकर चंद्र प्रकाश वाल्मीकि को मैदान में उतारने की घोषणा की.
इस दौरान प्रत्याशी चंद्रप्रकाश ने कहा कि अनुसूचित जाति वर्ग में केवल एक ही समाज के लोगों को मौका दिया जा रहा है और राजनीतिक पार्टियां अन्य समाजों को गौण समझती है इसलिए समाज ने मिलकर यह निर्णय किया है. वाल्मीकि समाज के कैलाश चांवरिया ने कहा कि बीकानेर लोकसभा सीट पर वाल्मीकि समाज के डेढ़ लाख से ज्यादा मतदाता है और अनुसूचित जाति वर्ग में अन्य समाजों का बड़ा वोट बैंक है और सबको साथ लेकर सभी समाजों को जोड़कर अपनी ताकत दिखाएंगे.
उन्होंने कहा कि उनका किसी से विरोध नहीं है लेकिन अपने समाज को आगे लाने के लिए और समाज का महत्व बताने के लिए वे चुनाव में खड़े होंगे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस भाजपा और बसपा समेत अन्य राजनीतिक पार्टियों में भी वाल्मीकि समाज के लोग हैं लेकिन इन राजनीतिक पार्टियों का समर्थन करने के बाद भी पार्टियों की ओर से चुनाव में कभी समाज को मौका नहीं दिया जाता है और हमेशा से ही वाल्मीकि समाज को हाशिए पर रखा गया है लेकिन अब समाज में चेतना आई है और इन लोकसभा चुनाव में वोट लेकर समाज अपनी ताकत राजनीतिक पार्टियों को दिखाएगा.