बीकानेर. हिंदू परंपराओं में तुलसी की पूजा करना बहुत ही शुभ माना (Tulsi Pujan Diwas) जाता है. कई लोग अपने दिन की शुरुआत तुलसी के पौधे को जल चढ़ाकर और आशीर्वाद लेकर करते हैं. इस वर्ष तुलसी पूजन दिवस 25 दिसंबर को मनाया जा रहा है.
तुलसी में देवी लक्ष्मी का वास: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, तुलसी में देवी लक्ष्मी का वास होता है और वह सुख-समृद्धि की देवी हैं. अत: जो कोई भी तुलसी की पूजा करता है उसे अपार सुख और पुण्य की प्राप्ति होती है. दूसरी ओर यह भी कहा जाता है कि भगवान विष्णु को तुलसी अत्यंत प्रिय है और तुलसी पूजा करने वालों पर वह अपनी कृपा भी बरसाते हैं. माना जाता है कि तुलसी के पौधे के पास तुलसी स्तोत्र का पाठ करने से मनोवांछित फल प्राप्त होता है. साथ ही तुलसी की पूजा से बुरे विचारों और नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है.
पद्मपुराण के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति तुलसी के पत्तों से टपकते जल को अपने सिर पर लगाता है, तो यह गंगा में पवित्र स्नान के बराबर होता है. यह भी कहा जाता है कि तुलसी की पूजा करने से रोग नष्ट हो जाते हैं और अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है.
तुलसी पूजा विधि: सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें. तुलसी को जल अर्पित करें. सिंदूर लगाएं और फूल चढ़ाएं. अगरबत्ती और दीया (दीया) जलाएं. तुलसी स्तोत्र का जाप कर पूजा अर्चना करें. ऐसा करने से पाप नष्ट हो जाते हैं. तुलसी के बीजों से बनी माला पहनने की भी सलाह दी जाती है. तुलसी का एक पत्ता भी श्राद्ध और यज्ञ आदि में बड़ा पुण्य देता है.
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रविवार को रखें इन बातों का ध्यान: रविवार को तुलसी के पौधे से पत्ते को तोड़ना वर्जित माना जाता है. इस दिन केवल दीपक किया जा सकता है, लेकिन तुलसी पर जल सींचना और हाथ लगाना वर्जित बताया गया है.
तुलसी का पौधा मुरझाना ठीक नहीं: कई बार तुलसी के पौधे को कितना ही पानी पिला दिया जाए, वह अचानक ही मुरझाने लगती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस तरह की बातों को नजरअंदाज न करें. माना जाता है कि यह परिवार में किसी प्रकार के संकट की संभावना को दर्शाता है.