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राजस्थान के इस जिले में 'मास्टर साहब' समय से आते ही नहीं...गुस्साए छात्रों ने स्कूल में जड़ा ताला - राजस्थान

बीकानेर के एक सरकारी स्कूल में गुरूजी के समय पर नहीं आने के कारण गुस्साए छात्रों ने स्कूल के गेट पर ताला लगा दिया.

प्रदर्शन करते हुए लोग
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Published : Feb 16, 2019, 9:28 PM IST

बीकानेर. सरकार शिक्षा में गुणात्मक सुधार की बातें तो करती है. साथ ही सरकारी स्कूलों को बेहतर बनाने के लिए काम भी करती है. लेकिन कई बार धरातल पर स्थिति ऐसे देखने को मिलती है कि ये दावे खोखले नजर आने लगते हैं.

क्योंकि आए दिन ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षकों के नहीं होने या फिर कम होने के चलते स्कूलों में शैक्षणिक व्यवस्था पूरी तरह से ठप्प नजर आने लगती है. लेकिन बीकानेर के पांचू तहसील के नाथूसर गांव में शनिवार को स्कूल में शिक्षकों के समय पर नहीं आने के विरोध में स्कूली बच्चों और ग्रामीणों ने तालाबंदी कर दी.

ऐसे में लोगों को कहना था कि स्कूल में तैनात गुरूजी समय पर नहीं आते हैं, जिसके चलते उनकी पढ़ाई बाधित हो रही है. बच्चों ने यहां तक आरोप लगाया कि हालत यह है कि स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों का पूरा सेलेबस पूरा नहीं हो पाया है. जबकि परीक्षाओं का समय नजदीक आ गया है. हालात यह है कि कई बार उच्चाधिकारियों को अवगत करवाने के बाद भी हालात में सुधार नहीं हुए हैं.

दरअसल बीकानेर में प्रदेश का शिक्षा मुख्यालय है. साथ ही प्रारंभिक और माध्यमिक शिक्षा निदेशक भी यहां बैठते हैं. मंडल स्तर पर उपनिदेशक कार्यालय भी यही हैं. दो-दो आईएएस होने के बावजूद बीकानेर जिले में आए दिन स्कूलों में तालाबंदी के बाद भी हालात जस के तस हैं. ऐसे में तो प्रदेश के अन्य जिलों में शिक्षा के हालात क्या होंगे. इसका अंदाजा लगाया जा सकता है.

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बीकानेर. सरकार शिक्षा में गुणात्मक सुधार की बातें तो करती है. साथ ही सरकारी स्कूलों को बेहतर बनाने के लिए काम भी करती है. लेकिन कई बार धरातल पर स्थिति ऐसे देखने को मिलती है कि ये दावे खोखले नजर आने लगते हैं.

क्योंकि आए दिन ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षकों के नहीं होने या फिर कम होने के चलते स्कूलों में शैक्षणिक व्यवस्था पूरी तरह से ठप्प नजर आने लगती है. लेकिन बीकानेर के पांचू तहसील के नाथूसर गांव में शनिवार को स्कूल में शिक्षकों के समय पर नहीं आने के विरोध में स्कूली बच्चों और ग्रामीणों ने तालाबंदी कर दी.

ऐसे में लोगों को कहना था कि स्कूल में तैनात गुरूजी समय पर नहीं आते हैं, जिसके चलते उनकी पढ़ाई बाधित हो रही है. बच्चों ने यहां तक आरोप लगाया कि हालत यह है कि स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों का पूरा सेलेबस पूरा नहीं हो पाया है. जबकि परीक्षाओं का समय नजदीक आ गया है. हालात यह है कि कई बार उच्चाधिकारियों को अवगत करवाने के बाद भी हालात में सुधार नहीं हुए हैं.

दरअसल बीकानेर में प्रदेश का शिक्षा मुख्यालय है. साथ ही प्रारंभिक और माध्यमिक शिक्षा निदेशक भी यहां बैठते हैं. मंडल स्तर पर उपनिदेशक कार्यालय भी यही हैं. दो-दो आईएएस होने के बावजूद बीकानेर जिले में आए दिन स्कूलों में तालाबंदी के बाद भी हालात जस के तस हैं. ऐसे में तो प्रदेश के अन्य जिलों में शिक्षा के हालात क्या होंगे. इसका अंदाजा लगाया जा सकता है.

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