बीकानेर. श्रीडूंगरगढ़ थाना क्षेत्र के सोनियासर गांव में हुए विवाद में एक व्यक्ति की मौत के मामले में सोमवार को एससी एसटी कोर्ट ने 8 आरोपियों के खिलाफ जुर्म प्रमाणित मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. न्यायालय एससी/एसटी कोर्ट के न्यायिक अधिकारी विनोद कुमार वाजा ने एससी/एसटी एक्ट से जुड़े मामले में निर्णय करते हुए मुलजिमान को आजीवन कारावास और अर्थदंड से दंडित किया है. अभियोजन पक्ष की तरफ से पैरवी विशिष्ठ लोक अभियोजक कुंवर कुन्दन व्यास की ओर से की गई.
एक आरोपी की मृत्यु : विशिष्ठ लोक अभियोजक कुंवर कुन्दन व्यास ने बताया कि करीब 17 साल पहले एक फरवरी 2006 को श्रीडूंगरगढ़ के सोनियासर मिठिया बास में परिवादी रामकरण, श्रवणराम, तीजा के खेत में हुए झगड़े में परिवादी रामकरण घायल हो गया. शरीर पर गंभीर चोट के चलते इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई, जबकि श्रवणराम और तीजा गंभीर रूप से घायल हो गई. इस मामले में दर्ज एफआईआर में नामजद आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने न्यायालय में चालान प्रस्तुत पेश किया.
पढे़ं. Rajasthan High Court: द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती के परिणाम में अनियमितता को लेकर मांगा जवाब
8 आरोपियों में 2 महिलाएं : करीब 17 साल तक चली सुनवाई में 30 गवाहों के बयान दर्ज करवाए गए और सोमवार को एससी एसटी कोर्ट ने विभिन्न धाराओं के तहत 8 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई, वहीं चार लोगों को साक्ष्य के अभाव में बरी करने का फैसला सुनाया. एक आरोपी की इस दौरान मृत्यु हो जाने से उसके खिलाफ कार्रवाई ड्रॉप की गई. व्यास ने बताया कि मुलजिमान जेठाराम, डेलूराम, धन्नाराम, चीमादेवी, ईमादेवी, मनोहरलाल, घासीराम व सीताराम को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई और अर्थदंड के रूप में 2 हजार रुपए से दंडित किया गया है.