बीकानेर. सप्ताह के प्रत्येक दिन या तिथि का अपना एक विशेष महत्व होता है. वैसे तो हर दिन एक देवता को समर्पित होता है लेकिन तिथि के अनुसार भी देवताओं का पूजन होता है. चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा आराधना करनी चाहिए. बता दें कि हर महीने में दो चतुर्थी तिथि आती है. कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं. हिंदू पंचांग के मुताबिक हिंदू मास में अलग-अलग चतुर्थी का अलग-अलग महत्व है. जयेष्ठ मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को एकदंत चतुर्थी कहते हैं. एकदंत भगवान गणेश का ही दूसरा नाम है. चतुर्थी के दिन भगवान गणेश जी की पूजा आराधना करनी चाहिए और गणेश मंदिर में जाकर दूर्वा अर्पित करनी चाहिए.
मंगलवारी चतुर्थी : चतुर्थी हर महीने में अलग-अलग वार को आती है और मंगलवार को होने वाली चतुर्थी को मंगलवारी चतुर्थी कहते हैं. ऐसा माना जाता है कि जिस तरह से सूर्य ग्रहण में पूजा करने से दस लाख गुना फल की प्राप्ति होती है ठीक वैसे ही मंगलवारी चतुर्थी को लाभ मिलता है. ये बहुत मुश्किल से होने वाला योग होता है. मत्स्य पुराण, नारद पुराण आदि शास्त्र में इसकी भारी महिमा है. इस दिन अगर कोई जाप, दान, ध्यान, संयम करता है तो वह दस लाख गुना प्रभावशाली होता है.
मांगलिक दोष होता दूर : लड़का या लड़की यदि मांगलिक है, शादी में कोई दिक्कत आ रही है. वैवाहिक जीवन में परेशानी आ रही है तो मंत्र "अं रां अं'' का एक माला जप करें और हनुमानजी को सात मंगलवार अथवा शनिवार थोड़ा सिंदूर और तेल का चोला चढ़ाएं, तो मांगलिक दोष दूर हो जाता है. क्योंकि मंगल ग्रह से संबंधित मांगलिक दोष होता है. इसलिए मंगलवार के दिन मांगलिक दोष को दूर करने के लिए मंगल ग्रह के साथ ही भगवान हनुमान जी की पूजा आराधना करें.
पढ़ें Sunderkand: सुंदरकांड क्यों पढ़ना चाहिए, जानिए इसका महत्व
कर्ज से छुटकारा के लिए : मंगलवार चतुर्थी को जाप-ध्यान करना श्रेष्ठ माना गया है. जाप, ध्यान, तप सूर्य-ग्रहण में किए गए हवन पूजन जितना ही फलदायी है. इस दिन अनूना अर्थात बिना नमक वाले भोजन का ही सेवन करें. इसके साथ ही मंगल देव का मानसिक आह्वान करें. चन्द्रमा में गणपति की भावना करके अर्घ्य दें. ऐसा माना जाता है कि कोई भी व्यक्ति कितना भी कर्जदार हो, या बेरोजगार हो और कामकाज व्यापार में दिक्कत हो तो बाधा स्वत: दूर हो जाती है और कर्जे से छुटकारा मिलता है.