बीकानेर. भगवान सूर्यनारायण माता छाया के पुत्र शनि देव को न्याय प्रिय देवता कहा जाता है. जातक के जीवन में शनिदेव की तिरछी नजर शुभ नहीं कही जाती है. हालांकि, शनि देव के शुभ फल से व्यक्ति के जीवन में ऊंचाइयां छूने के कई मौके आते हैं. शनिदेव की वक्र दृष्टि जीवन में कई परेशानियां भी खड़ी कर सकती है. इसलिए जातक को अपने जीवन में संतुलित रहते हुए न्याय संगत बात करनी चाहिए, ताकि शनिदेव का प्रकोप नहीं झेलना पड़े.
प्रसन्न करने के लिए करें यह उपाय : शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शनिवार के दिन उनके मंत्रों का जाप करना चाहिए. साथ ही शनि मंदिर जाकर तेल और काले तिल भी चढ़ाने चाहिए. शनिवार के दिन शनि मंत्र का 108 बार उच्चारण करने से राहत मिलती है. इन दोनों मंत्रों का जाप करने से शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है.
ॐ शं शनैश्चराय नमः
नीलांजन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम
छाया मार्तंड शंभूतम तम नमामि शनैश्चरम
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यह संयोग बन रहा आज : शनिवार के दिन संकष्टी चतुर्थी का होना काफी महत्व रखता है. इस दिन भगवान श्रीगणेश और भगवान शनिदेव दोनों की आराधना करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है. संकष्टी चतुर्थी के दिन विधि-विधान से पूजा और कथा सुनने से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं. इस दिन व्रत को करने से सभी बाधा संकट दूर होते हैं और मनोकामना पूरी होती हैं. शनिवार की चतुर्थी सिद्धिदा मानी जाती है. पूर्णिमा के बाद कृष्ण पक्ष में आने वाली चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं.