बीकानेर. रेलवे निजीकरण के विरोध में उत्तर-पश्चिम रेलवे कर्मचारी संघ द्वारा पूरे उत्तर-पश्चिम रेलवे जोन के सभी स्टेशनों पर विरोध-प्रदर्शन किया गया. यह विरोध प्रदर्शन भारतीय रेलवे मजदूर संघ के आह्वान पर मंगलवार को किया गया.
उत्तर-पश्चिम रेलवे कर्मचारी संघ के महामंत्री अजय कुमार त्रिपाठी ने बताया कि बड़ी तेजी के साथ रेलवे प्राइवेटाइजेशन की तरफ बढ़ रहा है. उन्होंने बताया कि रेलवे 12 कलस्टर से 109 रूटों पर 151 गाड़ियों का निजीकरण कर रहा है. निजीकरण को लेकर रेलवे की यह शुरूआत है. हालांकि गाड़ियां तो अप्रैल 2022 से चलेंगी, लेकिन इसकी तैयारी जोरों पर है.
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रेलवे के इसी विरोध में भारतीय रेलवे मजदूर संघ के महामंत्री अशोक कुमार शुक्ला ने रेलवे के जितने मान्यता प्राप्त संगठन या एसोसिएशन है सभी को पत्र के माध्यम से इस संघर्ष दिवस में शामिल होने का आग्रह किया है. जिसमें चार एसोसिएशन ने अपनी सहमति देते हुए इस संघर्ष में शामिल होने की बात कही है.
उन्होंने बताया कि भारत सरकार के रेल मंत्रालय के इस जन विरोधी निर्णय के विरोध में आज रेल कर्मचारियों ने यह विरोध-प्रदर्शन किया है. अगर रेलवे के सभी संगठन और एसोसिएशन मिलकर इस लड़ाई को लड़े तो केंद्र सरकार को अपने इस निर्णय को बदलने पर मजबूर होना पड़ेगा.