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खाजूवाला को बीकानेर जिले में रखने की मांग, मुंडन करवाकर जताया विरोध

खाजूवाला और छतरगढ़ तहसील को नए जिले अनूपगढ़ में शामिल करने के विरोध में 60 से ज्यादा लोगों ने मुंडन करवाया. प्रदर्शनकारियों की मांग है कि इन तहसीलों को वापस बीकानेर में शामिल किया जाए.

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Published : Aug 18, 2023, 7:53 PM IST

protest of Khajulwala included in Anupgarh
खाजूवाला को बीकानेर जिले में रखने की मांग, मुंडन करवाकर जताया विरोध

बीकानेर. जिले की खाजूवाला और छतरगढ़ तहसील को नए अनूपगढ़ जिले में शामिल करने को लेकर विरोध कम होने का नाम नहीं ले रहा है. शुक्रवार को चल रहे धरने में करीब 60 से ज्यादा लोगों ने मुंडन कराकर सरकार के निर्णय का विरोध किया.

वापस बीकानेर जिले में यथावत रखने की मांग को लेकर गठित संघर्ष समिति के पुरुषोत्तम सारस्वत का कहना है कि हम गांधीवादी तरीके से धरना-प्रदर्शन कर सरकार तक अपनी बात पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन हमारी अभी तक सुनवाई नहीं हुई है. जब से नए जिलों के गठन की कवायद शुरू हुई, उस समय करीब 6 महीने पहले ही हमने हमारी भावना सरकार तक पहुंचा दी. बावजूद इसके सरकार ने जबरन हमें अनूपगढ़ जिले में शामिल कर दिया. जब तक सरकार हमारी बात नहीं मानती, हमारा आंदोलन जारी रहेगा.

पढ़ें: अनूपगढ़ में खाजूवाला को शामिल करने का विरोध, अनिश्चितकालीन बंद की घोषणा

उधर लगातार चल रहे धरने में बुधवार को धरना स्थल पर ही लोगों ने मुंडन कराकर सरकार के निर्णय का विरोध जताया और मुंडन किए गए बाल राज्यपाल और मुख्यमंत्री को भेजकर वापस निर्णय बदलने की मांग की. पहले से चल रहे अनशन में शुक्रवार को एक साथ 28 लोग बैठे. पहले से चल रहे अनशन में 11 लोग बैठे. वहीं अब शुक्रवार को 17 और लोग अनशन पर बैठ गए.

पढ़ें: नए शाहपुरा जिले में 13 पंचायतों को मिलाने का विरोध, मांडलगढ़ तहसील बंद

मंत्री के आश्वासन को बीते तीन दिन: सारस्वत का कहना है कि तीन दिन पहले मंत्री गोविंद मेघवाल ने हमें मुख्यमंत्री से वार्ता करने और सकारात्मक आश्वासन दिया. लेकिन तीन दिनों बाद आज तक कोई भी प्रगति नहीं हुई है. सारस्वत का कहना है कि हमें हर धर्म, जाति, समुदाय के लोगों का समर्थन मिल रहा है. 36 कौम की एक ही आवाज है कि खाजूवाला और छतरगढ़ को वापस अनूपगढ़ से हटाकर बीकानेर जिले में यथावत रखा जाए. जब तक हमारी यह मांग पूरी नहीं होती है, हमारा आंदोलन जारी रहेगा.

बीकानेर. जिले की खाजूवाला और छतरगढ़ तहसील को नए अनूपगढ़ जिले में शामिल करने को लेकर विरोध कम होने का नाम नहीं ले रहा है. शुक्रवार को चल रहे धरने में करीब 60 से ज्यादा लोगों ने मुंडन कराकर सरकार के निर्णय का विरोध किया.

वापस बीकानेर जिले में यथावत रखने की मांग को लेकर गठित संघर्ष समिति के पुरुषोत्तम सारस्वत का कहना है कि हम गांधीवादी तरीके से धरना-प्रदर्शन कर सरकार तक अपनी बात पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन हमारी अभी तक सुनवाई नहीं हुई है. जब से नए जिलों के गठन की कवायद शुरू हुई, उस समय करीब 6 महीने पहले ही हमने हमारी भावना सरकार तक पहुंचा दी. बावजूद इसके सरकार ने जबरन हमें अनूपगढ़ जिले में शामिल कर दिया. जब तक सरकार हमारी बात नहीं मानती, हमारा आंदोलन जारी रहेगा.

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उधर लगातार चल रहे धरने में बुधवार को धरना स्थल पर ही लोगों ने मुंडन कराकर सरकार के निर्णय का विरोध जताया और मुंडन किए गए बाल राज्यपाल और मुख्यमंत्री को भेजकर वापस निर्णय बदलने की मांग की. पहले से चल रहे अनशन में शुक्रवार को एक साथ 28 लोग बैठे. पहले से चल रहे अनशन में 11 लोग बैठे. वहीं अब शुक्रवार को 17 और लोग अनशन पर बैठ गए.

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मंत्री के आश्वासन को बीते तीन दिन: सारस्वत का कहना है कि तीन दिन पहले मंत्री गोविंद मेघवाल ने हमें मुख्यमंत्री से वार्ता करने और सकारात्मक आश्वासन दिया. लेकिन तीन दिनों बाद आज तक कोई भी प्रगति नहीं हुई है. सारस्वत का कहना है कि हमें हर धर्म, जाति, समुदाय के लोगों का समर्थन मिल रहा है. 36 कौम की एक ही आवाज है कि खाजूवाला और छतरगढ़ को वापस अनूपगढ़ से हटाकर बीकानेर जिले में यथावत रखा जाए. जब तक हमारी यह मांग पूरी नहीं होती है, हमारा आंदोलन जारी रहेगा.

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