बीकानेर. करीब तीन दशक से भी ज्यादा समय से लंबित बीकानेर के रेल फाटकों की समस्या को लेकर एक बार फिर बोतल में बंद जिन्न बाहर निकलता हुआ नजर आ रहा है. रविवार को ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला, केंद्रीय राज्य मंत्री अर्जुन मेघवाल जिला प्रशासन के अधिकारियों की एक बैठक हुई और रेल फाटकों की समस्या को लेकर वैकल्पिक रूप के लिए बाईपास बनाने को लेकर मंथन हुआ.
बैठक में जिला कलेक्टर नमित मेहता, डीआरएम संजय श्रीवास्तव सहित जिला प्रशासन और रेल प्रशासन के अधिकारी मौजूद रहे. इस दौरान जिला कलेक्टर नमित मेहता ने प्रस्तावित प्लान को लेकर दोनों मंत्रियों को ब्रीफ किया.
इतना कैसे बढ़ गया खर्च
बैठक में रेल प्रशासन के अधिकारियों ने बाईपास को बनाने के लिए 642 करोड़ रुपए की लागत अनुमानित होना बताया. जिस पर मंत्री बीडी कल्ला ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि 10-15 साल पहले रेलवे ने इसका खर्च 61 रुपए करोड़ बताया था और अब इतने सालों में इसकी कीमत 10 गुना बढ़ गई है. हालांकि, बाईपास के अनुमानित खर्च मंत्री अर्जुन मेघवाल ने भी आश्चर्य जताया.
बनी सैद्धान्तिक सहमति
बैठक में इस बात को लेकर सैद्धांतिक सहमति बनी कि बाईपास के लिए जमीन राज्य सरकार उपलब्ध करवाएगी और बाईपास के निर्माण के लिए खर्च रेलवे वहन करेगा. कलेक्ट्रेट में हुई बैठक में मंत्री अर्जुन मेघवाल और मंत्री बीडी कल्ला ने जल्द ही केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल के साथ दिल्ली में इस मुद्दे पर बैठक करने को लेकर चर्चा की और निर्णय किया कि जल्दी दिल्ली में बैठक होगी और बाईपास निर्माण का रास्ता साफ होगा.
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दरअसल बीकानेर में रेल फाटकों की समस्या को लेकर हमेशा राजनीति होती रही है और पक्ष और विपक्ष के नाम पर हमेशा बीकानेर में इस मुद्दे पर चुनाव में लाभ लेने की कोशिश दोनों दल की रही है. आज तक यही कारण है कि इस समस्या का समाधान नहीं हुआ. ऐसे में अब लोग भी चाहते हैं कि जोधपुर और कोटा की तर्ज पर पक्ष और विपक्ष के नेता एक होकर इस मुद्दे का निस्तारण करें.