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गुरुवार को श्री हरि विष्णु की पूजा-आराधना से मिलती है कष्टों से मुक्ति, इस मंत्र का करें जाप

सनातन धर्म में सप्ताह में सातों दिनों का अपना एक अलग महत्व है. भगवान विष्णु को सृष्टि का पालनकर्ता भी कहते हैं. वैसे तो भगवान विष्णु की पूजा अर्चना के लिए एकादशी के दिन का विशेष महत्व है. गुरुवार यानी बृहस्पतिवार का दिन देवगुरु बृहस्पति को समर्पित है. इस दिन भगवान बृहस्पति देव की पूजा करने से मनचाहे फल की प्राप्ति होती है.

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Published : Mar 16, 2023, 6:47 AM IST

बीकानेर. बीकानेर. सनातन धर्म में साप्ताहिक दिनों में बृहस्पतिवार यानी गुरुवार का विशेष महत्व है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से जातक को उसके कष्टों से मुक्ति मिलती है.. जिस जातक की जन्म कुंडली में गुरु उच्च स्थान पर होता है उसके पास जीवन में किसी भी चीज की कोई कमी नहीं रहती है. गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से जातक को काफी लाभ मिलता है.

माता महालक्ष्मी श्री हरि विष्णु की करें पूजा

भगवान विष्णु की पूजा आराधना करते समय सबसे पहले इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि माता महालक्ष्मी की भी पूजा उनके साथ की जानी चाहिए. गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा आराधना अपने सामर्थ्य के अनुसार करनी चाहिए. इस दिन पीपल के वृक्ष पर दीपक जलाकर उसकी परिक्रमा करनी चाहिए.

पढ़ें Geeta Gyan: आज गीता पाठ से मिलेगा श्री हरि विष्णु का आशीर्वाद, जीवन होगा खुशहाल

क्या करें व न करें

गुरुवार के दिन केला के पौध की पूजा करनी चाहिए. इस दिन भगवान बृहस्पति भगवान की कथा सुननी चाहिए. भगवान के चने की दाल, हल्दी व गुड़ का भोग लगाना चाहिए. जातक को पील वस्त्र का धारण करना चाहिए. गुरुवार के दिन बाल, दाढ़ी व नाखून काटना वर्जित माना गया है. इस दिन स्त्रियों को अपने बाल भी नहीं धोने चाहिए. कपड़े भी नहीं धोना चाहिए. ऐसी मान्यता है कि इस दिन घर मे पोछा या धोना भी वर्जित माना गया है..

भगवान विष्णु के मंत्र

ॐ नमो भगवते वासुदेवायॐ विष्णवे नमः ॐ हूं विष्णवे नम: ॐ नमो नारायण, श्रीमननारायण नारायण हरि हरि।श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे, हे नाथ नारायण वासुदेवाय।ॐ नारायणाय विद्महे, वासुदेवाय धीमहितन्नो विष्णु प्रचोदयात ये भगवान विष्णु के मंत्र है भी एक मंत्र के जाप की एक माला गुरुवार को करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं.

गुरु को मजबूत करने के ये हैं उपाय

जन्म कुंडली गुरु ग्रह के मजबूत होने से दांपत्य जीवन में मधुरता रहती है. केले के पेड़ की पूजा करनी चाहिए साथ ही कुंडली में गुरु ग्रह कमजोर हो तो बृहस्पतिवार का व्रत करना चाहिए और गुरुवार के दिन खासतौर से गुरु माता पिता, घर में बुजुर्ग व्यक्तियों के पांव छूकर आशीर्वाद लेना चाहिए. ज्योतिषीय सलाह से पुखराज रत्न भी धारण करना चाहिए. ऐसा विश्वास हे कि जिस जातक का गुरु उच्च स्थान पर होता है उसका घर भी बनता है और साथ ही समृद्धि भी मिलती है.

बीकानेर. बीकानेर. सनातन धर्म में साप्ताहिक दिनों में बृहस्पतिवार यानी गुरुवार का विशेष महत्व है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से जातक को उसके कष्टों से मुक्ति मिलती है.. जिस जातक की जन्म कुंडली में गुरु उच्च स्थान पर होता है उसके पास जीवन में किसी भी चीज की कोई कमी नहीं रहती है. गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से जातक को काफी लाभ मिलता है.

माता महालक्ष्मी श्री हरि विष्णु की करें पूजा

भगवान विष्णु की पूजा आराधना करते समय सबसे पहले इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि माता महालक्ष्मी की भी पूजा उनके साथ की जानी चाहिए. गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा आराधना अपने सामर्थ्य के अनुसार करनी चाहिए. इस दिन पीपल के वृक्ष पर दीपक जलाकर उसकी परिक्रमा करनी चाहिए.

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क्या करें व न करें

गुरुवार के दिन केला के पौध की पूजा करनी चाहिए. इस दिन भगवान बृहस्पति भगवान की कथा सुननी चाहिए. भगवान के चने की दाल, हल्दी व गुड़ का भोग लगाना चाहिए. जातक को पील वस्त्र का धारण करना चाहिए. गुरुवार के दिन बाल, दाढ़ी व नाखून काटना वर्जित माना गया है. इस दिन स्त्रियों को अपने बाल भी नहीं धोने चाहिए. कपड़े भी नहीं धोना चाहिए. ऐसी मान्यता है कि इस दिन घर मे पोछा या धोना भी वर्जित माना गया है..

भगवान विष्णु के मंत्र

ॐ नमो भगवते वासुदेवायॐ विष्णवे नमः ॐ हूं विष्णवे नम: ॐ नमो नारायण, श्रीमननारायण नारायण हरि हरि।श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे, हे नाथ नारायण वासुदेवाय।ॐ नारायणाय विद्महे, वासुदेवाय धीमहितन्नो विष्णु प्रचोदयात ये भगवान विष्णु के मंत्र है भी एक मंत्र के जाप की एक माला गुरुवार को करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं.

गुरु को मजबूत करने के ये हैं उपाय

जन्म कुंडली गुरु ग्रह के मजबूत होने से दांपत्य जीवन में मधुरता रहती है. केले के पेड़ की पूजा करनी चाहिए साथ ही कुंडली में गुरु ग्रह कमजोर हो तो बृहस्पतिवार का व्रत करना चाहिए और गुरुवार के दिन खासतौर से गुरु माता पिता, घर में बुजुर्ग व्यक्तियों के पांव छूकर आशीर्वाद लेना चाहिए. ज्योतिषीय सलाह से पुखराज रत्न भी धारण करना चाहिए. ऐसा विश्वास हे कि जिस जातक का गुरु उच्च स्थान पर होता है उसका घर भी बनता है और साथ ही समृद्धि भी मिलती है.

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