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आज गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा पर बन रहा ये खास संयोग - Bikaner latest news in Hindi

साप्ताहिक वार तिथि का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व बतलाया गया है. गुरुवार के दिन भगवान श्रीहरि विष्णु की पूजा आराधना करने से शुभ फल की जल्द ही प्राप्ति होती है. लेकिन इस बार का गुरूवार एक विशेष योग के साथ ज्यादा ही महत्वपूर्ण है. वैशाख महीने में कृष्ण पक्ष की अष्टमी गुरूवार के साथ ये संयोग बना है.

भगवान विष्णु
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Published : Apr 13, 2023, 7:08 AM IST

साप्ताहिक वार तिथि का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व बतलाया गया है. गुरुवार के दिन भगवान श्रीहरि विष्णु की पूजा आराधना करने से शुभ फल की जल्द ही प्राप्ति होती है. लेकिन इस बार का गुरूवार एक विशेष योग के साथ ज्यादा ही महत्वपूर्ण है. वैशाख महीने में कृष्ण पक्ष की अष्टमी गुरूवार के साथ ये संयोग बना है.

बीकानेर. श्रीहरि विष्णु को जगत का पालनहार कहा जाता है. त्रिदेवों की रचना में बसाए सृष्टि में पालनहार भगवान विष्णु ही है. भगवान श्रीहरि विष्णु की आराधना से सभी समस्याओं से मुक्ति मिलती है. गुरूवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा आराधना करने से जातक को जीवन के सारे संकटों और बाधाओं से मुक्ति मिलती है. गुरुवार को देवगुरु बृहस्पति की भी पूजा होती है.

हरिविष्णु की पूजा:
गुरुवार भगवान विष्णु को समर्पित है और वैशाख माह में भी श्रीहरि विष्णु की पूजा का उल्लेख शास्त्रों में बताया गया है. वही कृष्ण पक्ष की सप्तमी भगवान विष्णु के नौवें अवतार भगवान कृष्ण की मासिक जन्माष्टमी होती है. ऐसे में आज यानी गुरुवार का दिन भगवान विष्णु की आराधना के लिए विशेष संयोग वाला है. वैशाख मास को माधव मास कहते हैं और इस माह के गुरुवार के दिन भगवान विष्णु के माधव नाम का 'ॐ माधवाय नमः मंत्र जप करना चाहिए. गुरूवार के दिन भगवान विष्णु 108 और संभव हो तो विष्णु सहस्त्र नाम का जाप करें. तुलसी के पत्तों का उपयोग भगवान विष्णु की पूजा में अवश्य ही करना चाहिए.

मासिक जन्माष्टमी संयोग :
श्रीकृष्ण भगवान विष्णु के ही अवतार के रूप में पूजे जाते हैं. भाद्रपद मास में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था. हर महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक जन्माष्टमी होती है. मासिक कृष्ण जन्माष्टमी पूजा पर पूजन से सभी पापों का नाश होता है, मनोकामनाएं पूरी होती हैं. बाल गोपाल की पूजा से संतान की प्राप्ति होती है और भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस दिन श्रीकृष्ण के साथ वासुदेव, देवकी, नंद बाबा, मैया यशोदा भाई बलराम और बहन सुभद्रा की भी पूजा की जाती है.

नहीं करें ये काम :
गुरुवार के दिन केला के पौधे से पत्ते को नहीं तोड़ना चाहिए और न ही केला का सेवन करना चाहिए. माना जाता है कि केला के पेड़ में भी भगवान विष्णु का वास होता है. साथ ही इस दिन बाल, दाढ़ी और नाखून नहीं काटना चाहिए. ऐसा करने से जातक के जीवन में गुरू ग्रह का दोष लगता है.

साप्ताहिक वार तिथि का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व बतलाया गया है. गुरुवार के दिन भगवान श्रीहरि विष्णु की पूजा आराधना करने से शुभ फल की जल्द ही प्राप्ति होती है. लेकिन इस बार का गुरूवार एक विशेष योग के साथ ज्यादा ही महत्वपूर्ण है. वैशाख महीने में कृष्ण पक्ष की अष्टमी गुरूवार के साथ ये संयोग बना है.

बीकानेर. श्रीहरि विष्णु को जगत का पालनहार कहा जाता है. त्रिदेवों की रचना में बसाए सृष्टि में पालनहार भगवान विष्णु ही है. भगवान श्रीहरि विष्णु की आराधना से सभी समस्याओं से मुक्ति मिलती है. गुरूवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा आराधना करने से जातक को जीवन के सारे संकटों और बाधाओं से मुक्ति मिलती है. गुरुवार को देवगुरु बृहस्पति की भी पूजा होती है.

हरिविष्णु की पूजा:
गुरुवार भगवान विष्णु को समर्पित है और वैशाख माह में भी श्रीहरि विष्णु की पूजा का उल्लेख शास्त्रों में बताया गया है. वही कृष्ण पक्ष की सप्तमी भगवान विष्णु के नौवें अवतार भगवान कृष्ण की मासिक जन्माष्टमी होती है. ऐसे में आज यानी गुरुवार का दिन भगवान विष्णु की आराधना के लिए विशेष संयोग वाला है. वैशाख मास को माधव मास कहते हैं और इस माह के गुरुवार के दिन भगवान विष्णु के माधव नाम का 'ॐ माधवाय नमः मंत्र जप करना चाहिए. गुरूवार के दिन भगवान विष्णु 108 और संभव हो तो विष्णु सहस्त्र नाम का जाप करें. तुलसी के पत्तों का उपयोग भगवान विष्णु की पूजा में अवश्य ही करना चाहिए.

मासिक जन्माष्टमी संयोग :
श्रीकृष्ण भगवान विष्णु के ही अवतार के रूप में पूजे जाते हैं. भाद्रपद मास में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था. हर महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक जन्माष्टमी होती है. मासिक कृष्ण जन्माष्टमी पूजा पर पूजन से सभी पापों का नाश होता है, मनोकामनाएं पूरी होती हैं. बाल गोपाल की पूजा से संतान की प्राप्ति होती है और भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस दिन श्रीकृष्ण के साथ वासुदेव, देवकी, नंद बाबा, मैया यशोदा भाई बलराम और बहन सुभद्रा की भी पूजा की जाती है.

नहीं करें ये काम :
गुरुवार के दिन केला के पौधे से पत्ते को नहीं तोड़ना चाहिए और न ही केला का सेवन करना चाहिए. माना जाता है कि केला के पेड़ में भी भगवान विष्णु का वास होता है. साथ ही इस दिन बाल, दाढ़ी और नाखून नहीं काटना चाहिए. ऐसा करने से जातक के जीवन में गुरू ग्रह का दोष लगता है.

पढ़े Bhagwan Vishnu Puja: गुरुवार को भगवान विष्णु की पूजा में इन नियमों का करें पालन, बरसेगी कृपा

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